सोम प्रदोष व्रत क्या होता है ? Some Pradosh व्रत करने की विधी और महत्व ! What and how Soma Pradosh Vrat hindi?

Pradosh vrat kaise rakhte hai ? som pradosh vrat karne ke fayde ? आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि सोम प्रदोष व्रत क्या होता है और सोम प्रदोष व्रत करने की विधि क्या है|अगर आप भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करके अपनी मनचाही इच्छा पूरी करना चाहते हैं, तो आपको सोम प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए|

हालांकि अगर आपको इसकी विधि के बारे में नहीं पता है तो चिंता बिल्कुल भी ना करें, क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको प्रदोष व्रत की विधि बता रहे हैं| some pradosh vrat kya hai ? some pradosh vrat kyu rakhe ? 

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सोम प्रदोष व्रत क्या है ? What is Som Pradosh Vrat

जैसा कि आप जानते हैं कि, सोमवार के दिन को भगवान शंकर का दिन माना जाता है और अगर सोमवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ता है, तो इसकी महिमा और इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है| सोमवार के दिन जो व्यक्ति प्रदोष व्रत करता है उस पर भगवान शंकर की विशेष कृपा होती है और भगवान शंकर उसकी सभी मनोकामना को पूरी करते हैं|

सोमवार के दिन प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति की जिंदगी में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं रहती है ना ही उसे अपनी जिंदगी में किसी भी प्रकार की सुविधा का अभाव झेलना पड़ता है| प्रदोष व्रत करने से पैसे से संबंधित समस्या भी दूर हो जाती है और ऐसा माना जाता है कि, जो लड़की यां लड़का सोमवार को प्रदोष व्रत करता है उसे मनपसंद पत्नी अथवा पति मिलता है|

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हमारे सनातन हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष तौर पर महत्व बताया गया है| हर महीने की त्रयोदशी तिथि में शाम के समय को प्रदोष काल कहा जाता है| ऐसी मान्यता है कि, प्रदोष के समय भगवान शंकर कैलाश पर्वत के रजत भवन में नाचते हैं और देवता उनके नृत्य को देखते हैं|

ऐसे में जो भी व्यक्ति प्रदोष व्रत करता है,भगवान भोलेनाथ की कृपा से उसकी सभी इच्छा पूरी होती है| सप्ताह में 7 दिन पडने वाले प्रदोष व्रत का नाम और महत्व दोनों ही अलग-अलग होते हैं| इसी प्रकार सोमवार के दिन पढ़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है|

इसके अलावा ऐसी भी मान्यता है कि,जो व्यक्ति इस दिन प्रदोष व्रत करता है, उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है, साथ ही उसके सभी पाप भी भगवान भोलेनाथ की कृपा से नष्ट हो जाते हैं| आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत करने की विधि क्या है|

सोम प्रदोष व्रत करने की विधि क्या है ? Method of fasting Soma Pradosh

जैसा कि आप जानते हैं कि सप्ताह में सिर्फ 7 दिन होते है| भगवान ने 7 दिन ही दिए हैं और इन्हें 7 दिनों में आप का जीना मरना तथा आपके जीवन के सभी काम संपन्न होते हैं| हिंदू पंचांग के अनुसार देखा जाए तो सप्ताह में टोटल 7 दिन होते हैं |

और महीने में 30 दिन इन 7 दिनों में से कोई एक दिन भगवान शंकर की पूजा का खास दिन माना जाता है, जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं|

बहुत से लोगों को लग रहा होगा कि हम आपको सोमवार का दिन बताएंगे, आपका सोचना बिल्कुल सही है|

सोमवार के दिन भगवान शंकर की पूजा करने से व्यक्ति को उत्तम फल की प्राप्ति होती है और उसकी सभी इच्छा भी पूरी होती है, तो अगर आप यह जानना चाहते हैंकि अपनी विश कैसे पूरी करें तो आपको सोमवार के दिन भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए और उनके नाम का एक विशेष व्रत रखना चाहिए जिसे प्रदोष व्रत कहा जाता है|

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान शंकर की पूजा करने के लिए सोमवार का दिन बहुत ही अच्छा माना जाता है| इसके अलावा अगर आप भगवान शंकर की पूजा शाम के समय करते हैं|तो आपकी सभी इच्छा पूरी होगी| पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि में होता है|

हमारे शास्त्रों में प्रदोष व्रत को बहुत ही ज्यादा पुण्य कार्य और लाभकारी बताया गया है| जो भी व्यक्ति प्रदोष व्रत वाले दिन उपवास रखता है तथा शाम के समय अपने घर में या फिर भगवान शंकर के मंदिर में जाकर भगवान शंकर की पूजा करता है,

उस पर भगवान शंकर अवश्य प्रसन्न होते हैं और उसके सभी पापों को भगवान शंकर नष्ट कर देते हैं, साथ ही ऐसे व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति भी होती है और अगर उसकी कोई इच्छा है,तो उसे भी भगवान शंकर अवश्य पूरा करते हैं|

अगर कोई व्यक्ति इस सवाल का जवाब ढूंढ रहा है कि अपनी विश कैसे पूरी करें, तो उसे प्रदोष व्रत वाले दिन भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए| इसके लिए उसे प्रदोष काल में यानी कि शाम के समय रुद्राक्ष की माला से 1000 बार नीचे दिए गए मंत्र का जाप करना चाहिए|

ऐसा कहा जाता है कि, जो भी प्रदोष काल में नीचे दिए गए मंत्र का 1000 बार जाप करता है,उसकी सभी इच्छा अगले 7 दिनों में अवश्य पूरी हो जाती है, तो अगर आपकी भी कोई विश है और आप अपनी विश को पूरा करना चाहते हैं,तो आपको एक बार भगवान शंकर के प्रदोष काल के उपाय को अवश्य ट्राई करना चाहिए|

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात

सोम प्रदोष व्रत का क्या महत्व है ? Significance of Som Pradosh Vrat

सोम प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ के रुद्राभिषेक और श्रृंगार का विशेषता तौर पर महत्व बताया गया है और ऐसा कहा गया है कि, जो व्यक्ति सोमवार के दिन प्रदोष व्रत रखता है और भगवान भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करता है, उसे अपनी मनचाही वस्तु मिलती है|

अगर किसी लड़का या फिर लड़की की शादी में दिक्कतें आ रही हैं या फिर जो लोग संतान की इच्छा रखते हैं, उन लोगों को प्रदोष काल के दरमियान भगवान शंकर का पंचगव्य से अभिषेक करना चाहिए| ऐसा करने से उन्हें फायदा होगा|

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इसके अलावा जिन लोगों को पैसों से संबंधित समस्या का सामना करना पड़ रहा है या फिर जो लोग अपना कैरियर बनाना चाहते हैं, परंतु उन्हें सही रास्ता नहीं दिखाई दे रहा है, वैसे लोगों को दूध से अभिषेक करने के बाद भगवान शंकर के शिवलिंग पर फूलों की माला चढ़ानी चाहिए|

ऐसी मान्यता है कि, जो लोग ऐसा करते हैं, उन पर भगवान शंकर अवश्य प्रसन्न होते हैं| अगर आपके पास फूलों की माला नहीं है, तो आप चाहे तो भगवान शंकर के शिवलिंग पर बेलपत्र भी चढ़ा सकते हैं, क्योंकि भगवान शंकर को बेलपत्र भी बहुत ही ज्यादा प्रिय होता है|

बेलपत्र चढ़ाने से भी भगवान शंकर बहुत ही ज्यादा प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तोंzzz की सभी मनोकामना को पूरी करते हैं| इसीलिए सावन के महीने में लोग भगवान शंकर की बेलपत्र से पूजा करते हैं|

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