मिथुन राशि वालों को कौन सा व्रत रखना चाहिए ? पूजा विधि | सम्पूर्ण गणेश पूजा और विधि

मिथुन राशि वालों को कौन सा व्रत रखना चाहिए Mithun rashi walo ko kaun sa vrat rakhna chahiye : हेलो दोस्तों नमस्कार आज हम आप लोगों को इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे मिथुन राशि वालों को कौन सा व्रत रखना चाहिए ? क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूरी 12 राशियां मानी गई है और हर एक राशि का अपना-अपना अलग-अलग स्वामी होता है.

मिथुन राशि वालों को कौन सा व्रत रखना चाहिए ?

इसी तरह से मिथुन राशि वालों का भी एक स्वामी है जिसे बुद्ध कहते हैं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा जाता है अगर बुध स्वामी कमजोर पड़ जाते हैं या फिर किसी वजह से मिथुन राशि के जातक से रुष्ट हो जाता है, तो मिथुन राशि के जातकों को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसीलिए मिथुन राशि के जातकों को अपनी राशि नक्षत्र एवं मानव की प्रकृति को देखकर व्रत रखना चाहिए.

क्योंकि हिंदू धर्म में व्रत की संख्या असंख्य है जो कि विभिन्न देवी-देवताओं से जुड़े हैं ऐसे में अगर आप अपनी राशि और अपनी राशि के स्वामी से हटकर किसी दूसरी राशि के स्वामी का व्रत रखते हैं तो वह आपके लिए फलदाई नहीं होगा. इसीलिए आज हम यहां पर बताएंगे मिथुन राशि वाले लोगों को किस भगवान या फिर किस देवी का व्रत रखना फलदायक साबित होता है और इस व्रत को किस समय किस तरीके से करना चाहिए ?

यह सब जानकारी विधिपूर्वक से बताएंगे क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माना गया है कोई भी व्रत एक निश्चित समय और विधि विधान से करने पर मनचाही मुराद पूरी होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं. ऐसे में अगर मिथुन राशि के जातक यह सब जानकारी पूरी तरह से प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें.

मिथुन राशि वालों को कौन सा व्रत रखना चाहिए ?

मिथुन राशि के जातकों के स्वामी बुध ग्रह को माना गया है इसीलिए मिथुन राशि के लोगों को बुधवार के दिन भगवान गणेश या फिर माता दुर्गा की पूजा करना सर्वोत्तम माना गया है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा गया है.

gemini mithun rashi

अगर मिथुन राशि का कोई भी जातक भगवान गणेश या फिर मां दुर्गा की पूजा विधि विधान से करता है तो उसके जीवन में आने वाले कष्ट दूर हो जाते हैं और उसके अंदर सकारात्मक शक्तियां प्रवेश करती हैं. इसीलिए आइए जानते हैं भगवान गणेश का व्रत रखने के नियम और विधि क्या है.

गणेश भगवान का व्रत रखने का दिन

मिथुन राशि के जातकों के स्वामी बुध ग्रह है इसीलिए इस राशि के जातकों को बुधवार के दिन भगवान गणेश या मां दुर्गा का व्रत रखना शुभ दायक और फलदायक दोनों माना गया है. इसीलिए मिथुन राशि के जातक गणेश भगवान का व्रत बुधवार के दिन कर सकते हैं.

गणेश भगवान का व्रत रखने की सामग्री

वेद पुराणों के अनुसार माना गया है अगर पूजा अर्चना और व्रत को रखते समय कोई एक सामग्री नहीं रहती है तो वह पूजा अधूरी मानी जाती है इसीलिए हम यहां पर गणेश भगवान का व्रत करने के लिए कौन-कौन सी सामग्री चाहिए इसके विषय में बताएंगे.

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  • दूर्वा घास
  • लाल फूल (गुड़हल या फिर गेंदा)
  • मोदक और लड्डू
  • लाल सिंदूर या फिर रोली
  • पके हुए जोड़े के रूप में केले
  • नारियल
  • सुपारी
  • पंचमेवा घी
  • इलायची
  • लौग
  • सुपारी
  • जल से भरा कलश
  • पंचामृत
  • अक्षत
  • कलावा
  • गंगाजल
  • जनेऊ
  • कपूर
  • चौकी बनाने के लिए लाल
  • गणेश भगवान की फोटो या फिर प्रतिमा
  • चांदी का वर्क

दोस्तों गणेश भगवान का व्रत रखने में इतनी सारी सामग्री की आवश्यकता होती है अब हम आपको बताते हैं भगवान गणेश की चौकी कैसे बनाई जाती

गणेश भगवान की चौकी किस दिशा में बनाएं

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गणेश भगवान का व्रत रखने के लिए गणेश भगवान की चौकी सजाने की आवश्यकता होती है इसीलिए आप भगवान गणेश की चौकी को उत्तर दिशा की ओर मुख करके सजाएं और भगवान गणेश की चौकी में भगवान गणेश की प्रतिमा के साथ में मां लक्ष्मी की प्रतिमा अवश्य रखें

भगवान गणेश की चौकी सजाने की विधि

यहां पर हम भगवान गणेश की चौकी सजाने के लिए एक क्रम से जानकारी प्रदान करेंगे इसीलिए आप इस जानकारी को अंत तक अवश्य पढ़ें. गणेश भगवान की मूर्ति स्थापना के लिए आप इस मंत्र का उच्चारण करें इसके बाद चौकी सजा कर गणेश भगवान की मूर्ति की स्थापना करें


ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु


  • सबसे पहले आप जिस जगह गणेश भगवान की मूर्ति की स्थापना करना चाहते हैं उस जगह को अच्छे से पानी से धोकर साफ कर दें और लकड़ी के पटरे को भी अच्छे से धोकर साफ करें पटरा चौकोर होना चाहिए.
  • जब जमीन और लकड़ी का पटरा दोनों अच्छी तरह से सूख जाए, तो फिर चौकी वाले स्थान पर लाल पटरे को स्थापित करके उस पर लाल कपड़ा बिछा दे और थोड़े अक्षत डाल दे.
  • फिर भगवान गणेश भगवान की प्रतिमा ऊपर गंगाजल छिड़काकर उन्हें नहलाने के बाद लाल कपड़े के ऊपर मूर्ति की स्थापना करें
  • मूर्ति स्थापना के समय इस मंत्र का जाप

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गजाननं भूतगणादिसेवितम कपित्थजम्बू फल चारू भक्षणं।

उमासुतम शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम।।

आगच्छ भगवन्देव स्थाने चात्र स्थिरो भव।


  • मूर्ति स्थापना के बाद आप मूर्ति के दोनों तरफ रिद्धि सिद्धि के रूप में सुपारी की स्थापना करें और गणेश भगवान की प्रतिमा की दाईं तरफ तांबे का पूर्ण रूप से सजा हुआ कलश रखें जिसमें आप लोटे के अंदर जल रखें और फिर आम के पत्तों को रखें ऊपर से लौटे पर नारियल रख दें और कलर्स में कलावा बांध ले उसके बाद से गणेश भगवान की प्रतिमा की दाएं तरफ से स्थापित कर दें
  • इतना सब कुछ करने के बाद भगवान की मूर्ति की स्थापना हो जाएगी अब यहां पर आप भगवान की पूजा करने के लिए सारी सामग्री लाकर इकट्ठा करने जो मैंने आप लोगों को ऊपर बताया है अब आइए जानते हैं भगवान गणेश की पूजा कैसे की जाती है.

गणेश भगवान की पूजा करने की विधि

  • सबसे पहले आप सूर्य उदय से पहले घर को अच्छे से साफ करके स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर ले और फिर भगवान की चौकी के पास पूजा की सारी सामग्री एकत्रित करें
  • सारी सामग्री एकत्रित करने के बाद चौकी के पास बैठकर सबसे पहले हाथ जोड़कर यह मंत्र जाप करें

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ॐ गं गणपतये नमः

मंत्र का जाप करके भगवान गणेश को प्रणाम करें. फिर गणेश भगवान की प्रतिमा पर सिंदूर या फिर रोली से तिलक लगाएं और उन्हें माला भी पहनाए और ऊपर बताई गई सभी सामग्री को भगवान की चौकी पर स्थापित करें.

मगर भगवान गणेश को सफेद चंदन और तुलसी भूलकर भी ना चढ़ाएं. क्योंकि इससे भगवान दुष्ट हो जाते हैं. इसके बाद गणेश भगवान की प्रतिमा के सामने अगरबत्ती, धूप बत्ती और कपूर को जला कर भगवान की आरती करें.

गणेश भगवान की आरती

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जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

आरती करने के बाद भगवान गणेश के सामने कर दूर्वा, अक्षत, फूल, माला इत्यादि अर्पित करें। उसके बाद भगवान गणेश को मोदक ( देसी घी) से बने हुए लड्डू और बूंदी के लड्डू तथा पके हुए जोड़ी के रूप में केले का भोग लगाएं

भगवान गणेश को भोग लगाते समय इस मंत्र का जाप करें

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मंत्र – ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतेय वरवरदं सर्वजनं में वशमानयं स्वाहा ।।

भोग लगाने के बाद आप भगवान को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का 108 बार जाप करें

ॐ गं गणपतये नमः

इस मंत्र का जाप करने के बाद आप भगवान से हाथ जोड़कर मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें. इस तरह से भगवान गणेश की पूजा करने के बाद आप बुधवार के दिन सारा दिन गणेश भगवान का व्रत रहे और शाम को इसी प्रकार से पूजा करें और दिया ना बुझने दे तो यह व्रत पूरी तरह से सफल हो जाएगा और आपके जीवन में आने वाली बाधाएं दूर हो जाएंगी तथा भगवान आपसे प्रसन्न होंगे अगली सुबह आप लोगों को प्रसाद के रूप में लड्डू बांट सकते हैं.

मिथुन राशि के लोगों को बुधवार के दिन गणेश भगवान का व्रत रखने के लाभ

अगर मिथुन राशि के जातक बुधवार के दिन गणेश भगवान का व्रत रखते हैं तो भगवान गणेश उनसे प्रसन्न होकर उनके जीवन में नकारात्मक शक्ति को हटाकर सकारात्मक शक्ति का प्रवेश कर देते हैं जिसकी वजह से उनके जीवन में कई तरह के बदलाव नजर आते हैं जैसे :

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  • अगर मिथुन राशि के जातक सच्चे मन से पूरी श्रद्धा के साथ गणेश भगवान का व्रत बुधवार के दिन रखते हैं तो इससे उनके जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं
  • बुधवार के दिन मिथुन राशि के जातको द्वारा गणेश भगवान का व्रत रखने पर जो भी कार्य आप करेंगे वह पूर्ण रूप से सफल होगा
  • ऐसा माना जाता है मिथुन राशि के जातक अगर हर चतुर्थी में गणेश भगवान का व्रत रखते हैं तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है
  • गणेश भगवान का व्रत रखने से शारीरिक और मानसिक रोग दूर होते हैं
  • अगर मिथुन राशि के जातक बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा अर्चना पूरी विधि विधान से करते हैं तो उन्हें बहुत जल्दी संतान की प्राप्ति होती है
  • अगर मिथुन राशि के जातक अपने ग्रह यानी कि बुद्ध के हिसाब से गणेश भगवान की पूजा बुधवार के दिन करते हैं तो इससे उनकी कुंडली में मौजूद बुरे ग्रहों का प्रभाव खत्म हो जाता है.
  • जिसकी वजह से इनके जीवन में सदैव सुख शांति बनी रहती है.

दोस्तों अब आप लोग जान गए होंगे की मिथुन राशि के जातक को किस भगवान का व्रत किस तरह से किस दिन और किस तरीके से करना चाहिए.

FAQ : मिथुन राशि वालों को कौन सा व्रत रखना चाहिए

मिथुन राशि के दोस्त कौन है ?

मिथुन राशि के दोस्त में धनु सिंह कर्क राशि के जातक को माना गया है. इसीलिए मिथुन राशि के जातक आसानी से इन राशि वाले लोगों से अपना विवाह कर सकते हैं.

मिथुन राशि के जातकों का स्वभाव प्यार के प्रति कैसा होता है ?

मिथुन राशि के जातकों का स्वभाव बहुत ही ज्यादा रोमांटिक होता है जिसकी वजह से यह किसी भी सुंदर लड़की की तरफ आकर्षित हो जाते हैं और मिथुन राशि के जातक इतने ज्यादा खूबसूरत और हंसमुख होते हैं कि कोई भी लड़की एक बार इनकी प्रेम में पड़ने के बाद इनसे दूर रहना मुश्किल लगता है

मिथुन राशि के इष्ट देव कौन है ?

मिथुन राशि का स्वामी बुध ग्रह है इसीलिए मिथुन राशि के इष्ट स्वामी गणपति बप्पा और विष्णु भगवान है इसीलिए मिथुन राशि के जातकों को इन भगवान की पूजा करनी चाहिए

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने इस आर्टिकल में मिथुन राशि वालों को कौन सा व्रत रखना चाहिए ? इसके विषय में विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान की है जिसमें हमने आप लोगों को आपकी राशि के स्वामी के हिसाब से व्रत रखने की जानकारी प्रदान की है.

अगर आपने इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक पढ़ा होगा तो आप लोगों को व्रत रखने की सामग्री दिन समय और पूजा करने की विधि की जानकारी विस्तार पूर्वक से प्राप्त हो गई होगी.

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