नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन सामग्री की सूची : पूजन मंत्र और कलश स्थापना – Navratri puja samagri

Navratri sampurn pujan samagri नमस्कार दोस्तों नवरात्रि में दुर्गा मां की पूजा पर विशेष जोर दिया गया है नवरात्रि की पूजा दुर्गा मां के भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है इसमें उनके सभी भक्तों पूजा पाठ करते हैं.

नवरात्रि हवन कैसे करें नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन सामग्री नवरात्रि पूजन की विशेषता navratri ki puja samagri navratri ka havan kaise hota hai

और अपनी अपनी मनोकामनाएं पूरी करते हैं नवरात्रि पूजन को देवी देवताओं की पूजा के लिए विशेष तौर पर माना गया है धार्मिक प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए इस पूजा का एक अलग ही स्थान है लगभग सभी लोग नवरात्रि पूजा करते हैं.

नवरात्रि में सभी लोग व्रत रखते हैं और हवन करते हैं जो कि उनके उज्जवल भविष्य के लिए लाभकारी होता हैं हम नवरात्रि में पूजा-पाठ जरूर करते हैं लेकिन कभी-कभी इसके मनवांछित फल हमें प्रदान नहीं होते हैं नवरात्रि में पूजा करने की विधि होती है.

नवरात्रि में पूजन की सामग्री पता ना होने के कारण हम नवरात्रि पूजा संपूर्ण तरीके से नहीं कर पाते हैं जिसके कारण कई बार हमें निराशाजनक परिणाम भोगने को मिलते हैं नवरात्र पूजन की संपूर्ण विधि पता नहीं होने के कारण हम उल्टी-सीधे तरीके से पूजा पाठ करते हैं.

लेकिन दोस्तों आपको बिल्कुल परेशान होने की आवश्यकता नहीं है आज हम आपको नवरात्रि पूजन से संबंधित सभी जानकारियां देने वाले हैं इसलिए हमारे आर्टिकल को पूरा पढ़ें.

और नवरात्र संबंधित सभी जानकारियां जाने तो आइए जानते हैं कि नवरात्रि संपूर्ण पूजन सामग्री क्या क्या है और नवरात्रि में पूजा कैसे करें?

नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन सामग्री | Navratri puja samagri

  1. हवन कुंड
  2. कलावा
  3. लाल रेशमी चूड़ियां
  4. सिन्दूर
  5. लाल वस्त्र
  6. लंबी बत्ती के लिए रुई
  7. धूप
  8. अगरबत्ती
  9. दीपक
  10. माचिस
  11. चौकी
  12. चौकी के लिए लाल कपड़ा
  13. कपूर
  14. दुर्गासप्‍तशती किताब
  15. कलश
  16. आम के पत्‍ते
  17. साफ चावल
  18. कुमकुम
  19. मौली
  20. धूप
  21. श्रृंगार का सामान
  22. लाल झंडा
  23. घी या तेल
  24. सुपारी
  25. फूल
  26. फूलों का हार
  27. पान
  28. सुपारी
  29. फल या मिठाई
  30. लौंग
  31. लायची
  32. बताशे या मिसरी
  33. कपूर
  34. उपले
  35. लाल रंग की गोटेदार चुनरी
  36. लोबान
  37. चालीसा व आरती की किताब
  38. देवी की प्रतिमा या फोटो
  39. कमल गट्टा
  40. मेवे
  41. आम की लकड़ी
  42. जौ
  43. पांच मेवा
  44. घी
  45. गुगूल
  46. लौंग
  47. नारियल

नवरात्रि पूजन मंत्र | Navratri puja mantra

ओम आग्नेय नम: स्वाहा

ओम गणेशाय नम: स्वाहा।

ओम गौरियाय नम: स्वाहा।

ओम नवग्रहाय नम: स्वाहा।

ओम दुर्गाय नम: स्वाहा।

ओम महाकालिकाय नम: स्वाहा।

ओम हनुमते नम: स्वाहा।

ओम भैरवाय नम: स्वाहा।

ओम कुल देवताय नम: स्वाहा।

ओम स्थान देवताय नम: स्वाहा।

ओम ब्रह्माय नम: स्वाहा।

ओम विष्णुवे नम: स्वाहा।

ओम शिवाय नम: स्वाहा।

ओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा।

स्वधा नमस्तुति स्वाहा।

ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा।

ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।

ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते।

अब नारियल में लाल कपड़ा बांधकर या फिर कलावा बनकर खीर पूरी पान बताशा सुपारी केला आदि प्रसाद शेर से बड़ी स्थापित कर दें और फिर जो भी हवन सामग्री बची हो उसको आहुति मंत्र के साथ हवन कुंड में अर्पित कर दें

ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा।।

नवरात्रि में कलश स्थापित करने के लिए सामग्री

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी मांगलिक कार्यक्रम के पहले कलश की स्थापना करना शुभ माना गया है कलश स्थापित करने से गणेश जी और 33 कोटि देवी देवता विराजमान होते हैं और गंगाजल नक्षत्र ग्रह आदि उपस्थित होते हैं.

कलश की स्थापना करना किसी भी कार्य के लिए शुभ माना जाता है नवरात्रि में कलश स्थापना के लिए थोड़ी सी मिट्टी, कलावा लाल रंग का कपड़ा एक मिट्टी का दीपक मिट्टी का घड़ा मिट्टी का ढक्कन नारियल अक्षत हल्दी चूने से बना तिलक मौली आदि सामग्री होनी चाहिए.

इतनी सामग्री में आप आसानी से कलश की स्थापना कर पाएंगे कलश स्थापना करना एक शुभ योग माना गया है यह किसी शुभ कार्य को लंबे समय तक स्थापित रखने के लिए किया जाता है.

नवरात्रि हवन विधि

नवरात्रि पूजन का जो समय होता है यह मां दुर्गा के भक्तों के लिए बेहद महत्वपूर्ण समय होता है नवरात्रि में व्रत रखकर कई लोग मां दुर्गा की पूजा करते हैं नवरात्रि में देवी देवताओं कि अधिक मान्यता है नवरात्रि व्रत रखने से कई मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

नवरात्रि व्रत में हवन किया जाता है जिसकी पूरी विधि बताने जा रहे हैं इसलिए आप ध्यान पूर्वक आजकल पढ़ें नवरात्रि हवन करने के लिए सबसे पहले आपको एक सच जगह का चुनाव करना है और वहां पर हवन कुंड को स्थापित कर देना है.

फिर उसमें लकड़ियां डालकर अग्नि प्रज्वलित कर देना है और हवन से संबंधित सभी सामग्रियां हवन कुंड के पास व्यवस्थित कर देनी है जिससे कि हवन करते समय कोई समस्या ना आए.

पूरी सामग्री व्यवस्थित करने के बाद हवन मंत्रों के साथ हवन को आरंभ करें हवन करते समय स्वाहा के साथ हवन कुंड में आहुति दें इस प्रकार हवन संपन्न करें और आखिर में प्रसाद चढ़ाकर हवन मे उपस्थित सभी लोगों को प्रसाद वितरण करें.

हवन करने से आपके घर में सुख शांति समृद्धि का वास होता है और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

नवरात्रि पूजन की विशेषता

मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने के लिए नवरात्रि पूजन को विशेष महत्व दिया गया है मां अंबे गौरी दुर्गा सभी देवी देवताओं की पूजा के लिए नवरात्रि पूजन की स्थापना की जाती है जिसमें इन सभी देवी देवताओं से जुड़े भक्तों के लिए नवरात्र पूजा विशेष महत्व रखती है.

इसमें वह अपनी अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए देवी देवताओं के लिए व्रत रखते हैं जिससे कि उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है और मनवांछित फल प्राप्त होते हैं नवरात्रि पूजन के दौरान घर में सुख शांति और समृद्धि प्रदान होती है.

घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जो हमारे स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए बहुत लाभकारी साबित होता है नवरात्रि पूजन से घर में औषधीय गुण उत्पन्न होते हैं.

जो कई रोगों के निवारण में लाभकारी होते हैं नवरात्रि पूजन महानवमी की एक ऐसी पूजा है जिसको 9 दिनों तक किया जाता है और कुछ लोग इसमें निर्जला व्रत भी करते हैं.

FAQ : नवरात्रि संपूर्ण पूजन सामग्री

Q. घर पर मां दुर्गा की पूजा कैसे करें?

Ans. घर पर मां दुर्गा की पूजा के लिए उनको वस्त्र, मंगलसूत्र,चूड़ियां,सुहाग का सामान, हल्दी कुमकुम, चंदन आदि अर्पित करें और मां दुर्गा का पाठ करें.

Q. माता रानी को क्या पसंद है?

Ans. माता रानी को गुड अत्यधिक प्रयोग होता है इसलिए भोग के तौर पर गुड़ से बना हुआ कोई अन्य प्रसाद माता रानी को चढ़ाएं और पूजा संपन्न होने के बाद इसे किसी ब्राह्मण को दान कर दें.

Q. हवन आहुति कब करनी चाहिए?

Ans. हवन सामग्री की आहुति स्वाहा शब्द के साथ करनी चाहिए ऐसा माना जाता है कि यदि हवन सामग्री की आहुति स्वाहा बोलने की साथ नहीं की जाती है तब उसे देवी देवता ग्रहण नहीं करते हैं.

निष्कर्ष | Conclusion

हम आशा करते हैं कि आपने नवरात्रि संपूर्ण पूजन सामग्री के बारे में अच्छे से जान लिया होगा और अब आप आसानी पूर्वक नवरात्रि पूजा कर सकते हैं यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों व अन्य जानने वालों के साथ अवश्य शेयर करें.

ताकि उनको भी ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी का लाभ मिल सके यदि से संबंधित आपका कोई अन्य सवाल है तो हमारे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं हम आपके सवाल का जवाब देने का जल्द से जल्द प्रयास करेंगे.

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