सूर्य का सबसे प्रभावशाली मंत्र : सूर्य देव की पूजा विधी और आरती – Surya Mantra

Sabse prabhavshali mantra हेलो दोस्तों नमस्कार आज आप लोगों को सूर्य का सबसे प्रभावशाली मंत्र बताएंगे जिसका उपयोग करके आप अपने सारे बिगड़े काम को और दुख दर्द को दूर कर सकते हैं अगर आपको या अभी नहीं पता है कि सूर्य देव की पूजा कैसे करनी है तो हमने आप लोगों को इसमें सूर्य देव की पूजा करना बताएंगे और कौन से मंत्र से कौन सा लाभ होता है या अभी बताएंगे.

 sabse prabhavshali vashikaran mantra

सूर्य देव की पूजा करने के लिए आपको सुबह प्रातः 4 बजे उठना होगा उठने के बाद घर का पूरा काम करके अपमान करना होगा हा स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करने होंगे धारण करने के बाद सूर्य देव की पूजा के लिए एक लोटे में जल करें जल भरने के बाद उसे थोड़ा सा गंगाजल डालकर सूर्य भगवान को जल अर्पित करें ऐसे ही सूर्य भगवान की पूजा की और जानकारी लेने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें उसमें हमने आपको सूर्य भगवान की पूजा के बारे में विधि पूर्वक बताया है और इसकी आरती ही बताई है।

सूर्य देव की पूजा कैसे करें ?

सूर्य देव की पूजा करने के लिए सुबह 4 बजे उठे घर का सारा काम करें झाड़ू पोछा सब करने के बाद स्नान करें और लाल वस्त्र धारण करें तांबे के लोटे में जल ले और उसमें थोड़ा सा गंगाजल डालें और उसमें कुमकुम और अक्षत डालें लाल फूल डालें सूर्य देव को गुड़हल फूल बहुत पसंद है.

तो आप हो सके तो गुड़हल का फूल ले और लोटे में चंदन लगाएं उसके बाद अपने दाहिने हाथ से सूर्य भगवान को जल अर्पित करें और जल को अर्पित करने के बाद पहले गुड़ का भोग लगाएं या फिर मिठाई का भोग लगाएं और जल अर्पित करते समय आपको गायत्री मंत्र का जाप करना होगा या फिर आप ओम सूर्याय नमः मंत्र का जाप कर सकते हैं।

ऐसा माना जाता है कि सूर्य देव की प्रथा दृष्टि से रोग और सुख नष्ट हो जाते हैं सूर्य ग्रहण का हमारी कुंडली में विशेष महत्व माना जाता है साथ ही वह नवग्रह के राजा माने जाते हैं।

सूर्य का सबसे प्रभावशाली मंत्र

सूर्यदेव का सबसे प्रभावशाली मंत्र का जाप करने से आपके सारे दुख दर्द दूर हो जाते है और यह मंत्र बहुत ही प्रभावशाली मंत्र हैं।

1. श्री सूर्य मंत्र

आ कृष्णेन् रजसा वर्तमानो निवेशयत्र अमतं मर्त्य च।
हिरणययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन॥

ओम सूर्याय नमः

एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।
अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर।।

ॐ ॐ ॐ ॐ भूर् भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ।।

2. सूर्य अर्घ्य मंत्र

ॐ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर: ॥
ॐ सूर्याय नम:, ॐ आदित्याय नम:, ॐ नमो भास्कराय नम:।
अर्घ्य समर्पयामि॥

3. सूर्य ध्यान मंत्र

ध्येय सदा सविष्तृ मंडल मध्यवर्ती।
नारायण: सर सिंजासन सन्नि: विष्ठ:॥
केयूरवान्मकर कुण्डलवान किरीटी।
हारी हिरण्यमय वपुधृत शंख चक्र॥
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाधुतिम्।
तमोहरि सर्वपापध्‍नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम्॥
सूर्यस्य पश्य श्रेमाणं योन तन्द्रयते।
चरश्चरैवेति चरेवेति!

 

4. सूर्य बीज मंत्र

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:।

5. सूर्य जाप मंत्र

ॐ सूर्याय नम:। ॐ भास्कराय नम:।

ऊं रवये नम:। ऊं मित्राय नम:।

ॐ भानवे नम:। ॐ खगय नम:।

ॐ पुष्णे नम:। ॐ मारिचाये नम:।

ॐ आदित्याय नम:। ॐ सावित्रे नम:।

ॐ आर्काय नम:। ॐ हिरण्यगर्भाय नम:।

सूर्य देव के इन मंत्रों से पूरी होगी मनोकामना

एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणाध्र्य दिवाकर।।

ॐ घृणि सूर्याय नमः।।
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पतेए अनुकंपयेमां भक्त्याए गृहाणार्घय दिवाकररू।।
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।

सूर्य देव को जल देने की विधि

हमारे हिंदू धर्म में सूर्य देव को जल देने की विशेष महिमा बताई गई है वैदिक काल से ही सूर्य देव की उपासना होती आ रही है विष्णु पुराण , ब्रह्म पुराण भगवत पुराण , बैवध पुराण में भी इसकी चर्चा विस्तार पूर्वक बताई गई है ऐसा माना जाता है कि सूर्य देव की अर्घ्य दृष्टि से रोग और सुख नष्ट हो जाते हैं सूर्य ग्रहण का हमारी कुंडली में विशेष महत्व माना जाता है साथ ही वह नवग्रह के राजा माने जाते हैं.

सुबह जल्दी उठे नित्य क्रियाओं से आप मुक्त हो जाएं स्नान आदि करके और लाल रंग के वस्त्र पहन ले और तांबे के लोटे में जल भरे और उस जल में अक्षत और कुमकुम डालें लाल रंग के फूल डालें और लोटे में चंदन लगाएं और उसके बाद जल अर्पित करें जल अर्पित करते समय गायत्री मंत्र का उच्चारण करें या फिर कुछ आप ओम सूर्याय नमः मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।

सूर्यदेव की पूजा विधि

सूर्य देव की पूजा सबको करनी चाहिए और रोज सुबह उठकर सूर्य देव को जल जरूर देना चाहिए और सबको लेना चाहिए। जिनकी कुंडली में सूर्य भगवान जी का फल अशुभ आ रहा है उनके लिए सूर्य देव के इन मंत्रों का उपयोग करना बेहद आवश्यक है।

सुबह जल्दी उठे नित्य क्रियाओं से आप मुक्त हो जाएं स्नान आदि करके और लाल रंग के वस्त्र पहन ले और तांबे के लोटे में जल भरे और उस जल में अक्षत और कुमकुम डालें लाल रंग के फूल डालें और लोटे में चंदन लगाएं और उसके बाद जल अर्पित करें जल अर्पित करते समय गायत्री मंत्र का उच्चारण करें या फिर कुछ आप ओम सूर्याय नमः मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।

सूर्य देव को कैसे खुश करें ?

  1. पूजा में सूर्य देव को लाल पुष्प और लाल चंदन गुड़हल का फूल और चावल अर्पित करें गुड़ जब गुड़ की बनी मिठाई का भोग लगाएं पवित्र मन से सूर्य मंत्र का जाप करने से सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं।
  2.  ओम सूर्याय नमः मंत्र का जाप करने से सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं।
  3. रविवार को व्रत रखने से सूर्य देवता खुश होते हैं।
  4.  सुबह सूर्य उदय होने से पहले उठकर स्नान करके जल अर्पित करने से सूर्य देवता प्रसन्न होते हैं यह सब उपाय करने से सूर्य देवता प्रसन्न होकर फल देते हैं।

श्री सूर्यदेव की आरती

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।

निष्कर्ष

दोस्तों जैसा कि आज मैंने आप लोगों को बताया कि सूर्य का सबसे प्रभावशाली मंत्र कौन सा है इस लेख को पढ़ने के बाद आपको भी पता चल गया होगाप कि सूर्य का सबसे प्रभावशाली मंत्र कौन सा है और हमने इसमें आप लोगों को यह भी बताया है कि सूर्य देव की पूजा कैसे की जाती है और सूर्य देव का वह कौन सा मंत्र हैं. जिसका उपयोग करके आप अपने कष्टों को दूर कर सकते हैं तो आप भी इन मंत्रों का उपयोग करके अपने सारे दुख दर्द और कष्टों को हमेशा के लिए दूर कर सकते है.

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