सूर्य यन्त्र क्या है? सूर्य नमस्कार का मंत्र क्या होता है ? Surya dev ka mantra kya hai

Surya mantra kya hota hai ?  सूर्य नमस्कार का मंत्र क्या होता है ? सूर्य किस्त प्रधान ग्रह है जिसके कारण देखती बहुत जल्दी उग्र हो जाते हैं जिससे गंभीरता और आत्म अभिमान प्रभावित हो जाता है।

यदि किसी की कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर होती है तो वह व्यक्ति अभिमानी क्रोधित होता है अशुभ सूर्य दया भावना को कम करके कठोर बना देते हैं | नवग्रहों में सूर्य भी एक ग्रह है जो सबसे शक्तिशाली ग्रह माना जाता है इसी की परिक्रमा करते हुए राशि नक्षत्र और ग्रह प्रभावित होते हैं। नौ ग्रहों में सूर्य का विशेष महत्व है। Surya namaskar ka mantra kya hota hai ? Surya yantra ki pooja kaise ki jati hai ?

सूर्य आंखों हृदय और हड्डियों आत्मबल धैर्य स्वास्थ्य के लिए होता है कमजोर होने पर दुर्बलता अशांति हृदय रोग और नेत्र रोगों की संभावनाएं हो जाती है ऐसी स्थिति में सूर्य मंत्र का विधि विधान से पूजा और स्थापना करने से समृद्धि होती है। सूर्य यंत्र क्या है ?

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पूरी की स्थिति मजबूत होने पर व्यक्ति को राज्य अधिकार और विशिष्ट पद प्राप्त होते हैं जिन लोगों की कुंडली में सूर्य मजबूत होता है वे लोग आत्मविश्वास से भरपूर भाग्य को चमकता हुआ पाते हैं। सूर्य का शुभ प्रभाव होने पर व्यक्ति यशस्वी मान सम्मान और उच्च पद प्राप्त करता है |

जिन व्यक्तियों के कुंडली में सूर्य कमजोर होता है यह लोग अपयश का सामना करते हैं ऐसे में सूर्य यंत्र की स्थापना और पूजा करने से ही जीवन में नए आयाम स्थापित किए जा सकते हैं।

सूर्य यंत्र की पूजा और स्थापना कैसे करे? How to worship and install Surya Yantra?

सूर्य यंत्र की स्थापना रविवार के दिन अथवा किसी शुभ मुहूर्त ने की जाती है इस यंत्र की स्थापना करने से पहले सूर्योदय के पूर्व उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान आदि करके स्वच्छ और सफेद कपड़े धारण करके यंत्र की स्थापना करें |

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यंत्र की स्थापना से पहले सूर्य यंत्र को गंगाजल या गाय के दूध से पवित्र करके पूर्व दिशा की ओर मुंह करके आसन पर बैठकर पीला रेशमी वस्त्र बिछाकर सूर्य यंत्र स्थापित करें यंत्र पर चंदन केसर सुपारी वाला लाल पुष्प अर्पित करें |

 सूर्य यंत्र का विधि विधान से पूजन कैसे करनी चाहिये ? How to worship this yantra by law?

“ॐ घृणि सूर्याय नम:।”

मंत्र जाप करने के बाद सूर्य यंत्र को प्रतिदिन पूजा स्थान पर स्थापित करके पूजन पाठ करें। जिससे सभी प्रकार की समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। जिन व्यक्तियों की ग्रह दशा सूर्य के विपरीत है उन लोगों को इस मंत्र की स्थापना करके पूजा करने से लाभ प्राप्त होता है।

सूर्य यंत्र दो प्रकार के होते हैं जिसमें पहला नौ ग्रहों का एक यंत्र होता है तथा दूसरा नौ ग्रहों का अलग-अलग सूर्य यंत्र होता है इस यंत्र को सामने रखकर उपासना करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं व्यक्ति को शारीरिक और बौद्धिक मानसिक वृद्धि होती हैं पद प्रतिष्ठा धन वैभव की प्राप्ति होती है।

सूर्य यंत्र की स्थापना कैसे करे ? How to set up Surya Yantra?

पूरी यंत्र को स्थापित करने से सभी प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं इस यंत्र को स्थापित करने से शुद्धिकरण प्राण प्रतिष्ठा प्रक्रिया के माध्यम से विधिवत स्थापित किया जाता है सूर्य यंत्र को सूर्य ग्रह के मंत्रों की सहायता से विशेष विद के माध्यम से ऊर्जा प्रदान होती है।

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पूरब बनाया गया सूर्य मंत्र स्थापित करने के बाद अथवा प्राप्त करने के बाद इसे अपने घर में पूजा स्थान पर लगाएं और रविवार वाले दिन स्थापित करें इस यंत्र से शुभ प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से पूजा करें तथा सूर्य भगवान के सामने वांछित फल प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करें।

सूर्य यंत्र से क्या लाभ होते है ? What is the benefit of the device?

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  • यंत्र के सम्मुख मंत्र जाप करने से बुरा प्रभाव नष्ट हो जाता है और अशुभ सूर्य यंत्र का प्रभाव समाप्त हो जाता है तथा जीवन में विशेष लाभ प्राप्त होता है इस यंत्र को स्थापित करने के बाद विभिन्न प्रकार के वाद-विवाद मुकदमे तथा धन वैभव सभी में सफलता मिलती है।
  • सूर्य की ग्रह दशा खराब होने के कारण व्यक्ति को कई सारी परेशानियों से गुजरना पड़ता है इस यंत्र को स्थापित करने के बाद सभी प्रकार के नुकसान समाप्त हो जाते हैं तथा नकारात्मकता अभाव हो जाता है।
  • इस यंत्र के प्रभाव से जीवन में आ रही सभी प्रकार की असफलताएं सफलता में बदल जाती हैं व्यापार कामकाज नौकरी आदमी लाभ प्राप्त होता है।
  • सूर्य यंत्र को घर में स्थापित करने के बाद शारीरिक समस्याएं समाप्त हो जाती है सिर दर्द बुखार आंखों से होने वाली समस्याएं पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
  • इस मंत्र को स्थापित करने के बाद व्यक्ति को यह गुस्सा अधिक आता है तो उस पर नियंत्रण हो जाता है अपने अधिकारियों उच्च पद वालों से संबंध मधुर बन जाते हैं।

सूर्य यंत्र का मंत्र क्या होता है ? What is the mantra of Surya Yantra?

“ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:”

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