त्राटक के 6 चमत्कार जाने : त्राटक के नुकसान और 8 सावधानियां | त्राटक के चमत्कार और नुकसान जाने

त्राटक के चमत्कार : Tratak kya hai fayde aur nuksan kya hai ? त्राटक एक प्रकार की साधना है किसी वस्तु पर लगातार बिना पलक झपकाए देखते रहना त्राटक कहलाता है। त्राटक क्रिया द्वारा प्रमुख रूप से आंखों की रोशनी व शक्ति को बनाए रखने के लिए किया जाता है।

tratak ke labh tratak ke fayde tratak ke fayde aur nuksan त्राटक करने से क्या होता है त्राटक के फायदे और नुकसान त्राटक के नियम

त्राटक की साधना में किसी वस्तु पर नजर लगाकर देखते रहने से आंखों की रोशनी में एक चमत्कारिक शक्ति उत्पन्न होती है। त्राटक क्रिया किसी भी वस्तु पर की जाती है परंतु प्रमुख रूप से त्राटक को किसी बिंदु दीपक की लौ, उगते और ढलते सूर्य, चंद्रमा, उड़ते हुए पंछी आदि पर होती है।

त्राटक क्रिया जब किसी पर की जाती है तो उसे तब तक बिना पलक झपकाए देखते रहना होता है जब तक आंखों में पानी ना आ जाए पानी आ जाने पर त्राटक क्रिया को रोक देना चाहिए। आंखों में जब पानी आना शुरू हो जाए तो थोड़ी देर के लिए आंखों को बंद कर देना चाहिए तथा जब सामान्य हो जाए तो फिर से त्राटक क्रिया करनी चाहिए।! यह पोस्ट आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है !

दीपक की लौ पर त्राटक कैसे करें ? 

  • दीपक की लौ पर त्राटक करने के लिए हमें सबसे पहले ऐसी जगह चुननी चाहिए जहां पर किसी भी प्रकार का कोई शोरगुल या अराजकता ना हो।
  • दीपक त्राटक को करने के लिए घर के कमरे भी उपयुक्त हैं परंतु ध्यान रहे कि कमरा बिल्कुल शांत वातावरण में रहे।
  • दीपक त्राटक करने के लिए जब समय मिले तब कर सकते हैं परंतु शाम के समय दीपक की लौ पर त्राटक करना सबसे अच्छा रहता है।
  • दीपक की लौ पर त्राटक करने के लिए ध्यान रहे कि आप का कमरा इस तरह हो की हवा बिल्कुल ना जाने पाए जिससे दीपक की लौ इधर उधर ना झिलमिलाए।

दीपक की लौ पर त्राटक करने के लिए दीपक को कम से कम 3 से 4 फीट ऊंचाई पर स्थापित करें या फिर दीपक को इस तरह रखें कि जिस आसन पर आप बैठे दीपक की लौ आपकी आंखों के सामने रहे।

अब साधक को धीरे धीरे दीपक की लौ से निकलने वाले प्रकाश को एकटक देखते हुए अनुभव करना होगा कि दीपक का प्रकाश बहुत तेज है। के बाद प्रतिदिन दीपक की लौ को नियमित रुप से देखने का अभ्यास करते रहने से कुछ आभास होने लगेगा जैसे आ किसी के चेहरे को देखना चाहते हैं तो दीपक की लौ में उसका चेहरा दिखाई देने लगेगा।

यदि दीपक की लौ पर त्राटक  20 से 25 मिनट तक अभ्यास करने सफल में हो जाते हैं तो निश्चित रूप से आपको सफलता मिल जाएगी।

दीपक या मोमबत्ती की लौ का नियमित अभ्यास करने से आंखों ने अग्नि की लपक दिखाई देगी और आंखों में तेजा जाएगा। जब आपकी आंखों में तेज आ जाएगा तो कोई भी साधारण व्यक्ति आपसे नजरें नहीं मिला सकता।

त्राटक के चमत्कार : त्राटक साधना से लाभ कौन से है ? | Tratak ke chamtkar 

  1. व्यक्ति को  मानसिक रूप से शांति मिलती है।
  2. व्यक्ति त्राटक साधना कर करके शरीर की विभिन्न बीमारियों कैसे सिर दर्द माइग्रेन आदि से निजात पा जाता है।
  3. मन को शांति मिलती है और नकारात्मक भाव से मुक्ति मिलती है।
  4. आंखों की रोशनी तेज हो जाती है चेहरे पर तेज आ जाता है तथा गुस्सा जैसी अनावश्यक चीज खत्म हो जाती है।
  5. मानव मस्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ जाती है और किसी भी व्यक्ति को अपने सामने झुका सकते हैं।
  6. व्यक्ति के अंदर दूसरों को आकर्षण करने की क्षमता प्रबल हो जाती है।

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त्राटक के नुकसान | Tratak ke nuksan

दोस्तों त्राटक एक ध्यान की साधना है जो आसान होते हुए भी कठिन लगती है हालांकि त्राटक पूरी तरह से हमारे लिए लाभदायक होता है लेकिन कुछ त्राटक के नुकसान ही दिखाई देते हैं आइए हम जानते हैं कि त्राटक से क्या क्या नुकसान होते हैं।त्राटक सामान्य रूप से की जाने वाली एक प्रक्रिया है इसलिए से बलपूर्वक अभ्यास ना किया जाए अन्यथा इसके दुष्परिणाम दिखाई देने लगते हैं।

1. जब भी कोई भी प्राप्त किया करता है तो उसे एकटक देखना होता है ऐसी स्थिति में दृष्टि क्षमता प्रभावित होती हैं क्योंकि अधिक देर तक एक तक देखने रहने से आंखों में पानी आने लगता है जिसकी वजह से हमारी आंखों पर जोर पड़ता है और नजर कमजोर हो सकती है।

2. त्राटक क्रिया करने वाला व्यक्ति मानसिक तनाव से गुजर सकता है कभी-कभी उसके अंदर इतना अधिक मानसिक तनाव हो जाता है कि वह पागलों जैसी हरकतें करने लगता है

3. त्राटक किसी मोमबत्ती की लव पर या बिंदु पर अथवा किसी अन्य वस्तु पर किया जाता है जिसकी वजह से दीपक की लौ हमारी आंखों पर हानिकारक प्रभाव डाल देती है।

5. त्राटक प्रक्रिया सिद्ध हो जाने के बाद व्यक्ति के अंदर अभूतपूर्व क्षमता आ जाती है जिसकी वजह से कभी-कभी वह गलती से भी कुछ कह देता है तो वह गलती उसके लिए भारी पड़ जाती है।

4. त्राटक क्रिया करने से आंखों में जलन हो जाती है जिसकी वजह से दिल में आंखों में पानी बहता रहता है और व्यक्ति को परेशानी होती है।
5. शरीर में ऊर्जा का परिवर्तन हो जाता है जिसकी वजह से अगर आप शांत प्रवृति के व्यक्ति हैं तो गुस्सा जल्दी आ सकता है हालांकि त्राटक से व्यक्ति पूरी तरह से स्वयं पर काबू कर लेता है लेकिन कहीं ना कहीं उसका गुस्सा बढ़ जाता है जिसकी वजह से भारी नुकसान कर सकता है।

6. व्यक्ति के माथे पर खिंचाव पैदा होता है जिसकी वजह से उसके अंदर तनाव जैसी स्थिति आ जाती है और वह अपने को असहज महसूस करता रहता है।

इसीलिए जब भी आप त्राटक जैसी साधना करना प्रारंभ करें तो किसी योग गुरु का सानिध्य अवश्य लें जिससे किसी भी प्रकार का कोई नुकसान ना हो।

त्राटक साधना से सावधानियां कौन सी है ?

  1. जो व्यक्ति किसी भी प्रकार का त्राटक का अभ्यास कर रहे हैं वह किसी भी प्रकार का नशा ना करें जैसे शराब सिगरेट तंबाकू आदि का भूलकर भी सेवन ना करें।
  2. जिनको हृदय रोग टीवी कुष्ठ रोग या अन्य किसी भी प्रकार का रोग है वे त्राटक का अभ्यास ना करें।
  3. जिन लोगों की आंखें खराब है नजर कमजोर है ऐसे लोग किसी भी प्रकार का त्राटक ना करें।
  4. त्राटक करने वाले व्यक्तियों को सदाचारी होना आवश्यक होता है किसी भी प्रकार का काम क्रोध मोह लोभ आदि मन में नहीं होना चाहिए।
  5. त्राटक करने वाले व्यक्ति को पूर्ण रुप से सात्विक होना आवश्यक है।
  6. चिंता द्वेष और ईर्ष्या जैसे विचारों से दूर रहना चाहिए।
  7. त्राटक प्रातः काल करना ज्यादा उचित होता कमरे में किसी प्रकार का अधिक से अधिक रोशनी या प्रकाश नहीं होना चाहिए।
  8. शारीरिक स्वच्छता जरुर अपनाना चाहिए तथा कपड़े ढीले डाले पहने चाहिए।

 

-: चेतावनी disclaimer :-

सभी तांत्रिक साधनाएं एवं क्रियाएँ सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से दी गई हैं, किसी के ऊपर दुरुपयोग न करें एवं साधना किसी गुरु के सानिध्य (संपर्क) में ही करे अन्यथा इसमें त्रुटि से होने वाले किसी भी नुकसान के जिम्मेदार आप स्वयं होंगे |

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