तुलसी में दूध चढ़ाने से क्या होता है? जाने रहस्य : तुलसी पूजा कैसे करें

Tulsi me dudh chadhane se kya hota hai तुलसी में दूध चढ़ाने से क्या होता है? नमस्कार दोस्तों जैसा कि हम जानते हैं हमारे घरों में तुलसी का पौधा हम अवश्य लगाते हैं जिसके कई फायदे होते हैं और हिंदू परंपराओं के अनुसार तुलसी का पौधा घर में लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है.

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जिस कारण धार्मिक परंपराओं का उल्लंघन ना करते हुए हम सब उनकी मान्यताओं को आगे बढ़ाते हैं तुलसी का पौधा सभी लोग अपने घरों में स्थापित करके उसकी पूजा करते हैं और हिंदू धर्म में तुलसी पूजा को विशेष महत्व दिया गया है.

तुलसी को एक पवित्र और पूजनीय पौधा माना जाता है इसमें भगवान विष्णु जी विराजमान होते हैं और मां लक्ष्मी विराजमान होती है तुलसी को आयुर्वेद में बहुत फायदेमंद बताया गया है लेकिन इसे घर में स्थापित करने से ऐसे औषधीय गुण उत्पन्न होते हैं.

जो कई बीमारियों के निवारण सहायक होते हैं हम सब तुलसी माता की पूजा करते हैं लेकिन हमें सभी विधि-विधान ओं का पता नहीं रहता है जिस कारण हम संपूर्ण तरीके से पूजा संबंध नहीं कर पाता ऐसे में कुछ बातें ऐसी होती हैं जो एक सोचने का विषय बनती हैं.

जैसे कि तुलसी में दूध चढ़ाने से क्या होता है यह एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा होता है लेकिन आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है इसके बारे में आज विस्तार से चर्चा करेंगे और यह भी जानेंगे कि तुलसी पूजा कैसे करें तो आइए जानते हैं तुलसी में दूध चढ़ाने क्या होता है ?

तुलसी में दूध चढ़ाने की विधि | tulsi me dudh dalna

धार्मिक परंपराओं के अनुसार कुछ लोग तुलसी माता की पूजा प्रतिदिन करते हैं लगभग सभी लोगों के घरों में तुलसी मां जरूरी स्थापित होती हैं सभी लोग तुलसी माता की छत्रछाया में रहना पसंद करते हैं.

जिससे कि उनके ऊपर कोई आकस्मिक संकट ना आए पूजा पाठ करने वाले व्यक्ति प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके पूजा पाठ करके तुलसी माता को नमस्कार करते जल चढ़ाते हैं उसके बाद तुलसी माता को आप दूध का भोग लगा सकते हैं.

दूध का भोग लगाने के बाद तुलसी माता की परिक्रमा अवश्य करें और बचे हुए दूध को किसी अभागिन या गरीब सुहागन को दान करना चाहिए इस प्रकार दूध चढ़ाने की विधि संपन्न की जाती है.

यदि आप इस प्रकार तुलसी माता को भोग लगाते हैं तो तुलसी माता अधिक प्रसन्न होती है और वहां आप पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखती है.

तुलसी पूजन मंत्र

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

तुलसी स्तुति मंत्र

देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

तुलसी नामाष्टक मंत्र

वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।

तुलसी की पत्तियां तोड़ने के मंत्र

ॐ सुभद्राय नमः

ॐ सुप्रभाय नमः

मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी
नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ।।

तुलसी में जल देने का मंत्र

महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी
आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

तुलसी में दूध चढ़ाने के लिए मंत्र

‘ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’

तुलसी में दूध चढ़ाने से क्या होता है?

कुछ लोग तुलसी माता की पूजा अर्चना प्रतिदिन करते हैं और उनको विधि विधान के साथ जल अर्पित करते हैं लेकिन कुछ लोग अधिक फल प्राप्ति के लिए या फिर अपने घर की सुख समृद्धि के लिए तुलसी माता और भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए दूध का भोग लगाते हैं.

लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता है कि आखिर दूध का भोग लगाने से तुलसी माता पर क्या प्रभाव पड़ता है और इसका वह कैसा फल उन्हें प्रदान करती हैं लेकिन दोस्तों तुलसी माता को पूजा में कच्चा दूध या फिर मिठाई आदि का भोग लगाया जाता है.

और इसे भोग लगाने संपूर्ण पूजा विधि विधान के साथ संपन्न करने के पश्चात दुग्ध को किसी गरीब सुहागिन को दान कर देना चाहिए इससे माता तुलसी और भगवान विष्णु आप से अत्यधिक प्रसन्न होते हैं और आपको मनवांछित फल देते हैं.

और आपका घर सुख समृद्धि और धन धान्य से भर देते है‌ आपका दांपत्य जीवन सुख शांति से कटेगा और आपके घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा ओं का नाश होगा और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा.

तुलसी की पूजा कैसे की जाती है?

हिंदू धर्म में तुलसी माता की पूजा पर विशेष जोर दिया जाता है और सभी लोगों के घरों में तुलसी मां अवश्य स्थापित की जाती हैं तुलसी की पत्तियों के सेवन से कई रोगों का निवारण किया जाता है और इसे कई दवाइयों में प्रयुक्त किया जाता है.

तुलसी माता की पूजा कुछ लोग प्रतिदिन करते हैं तुलसी माता का घर में स्थापित होना एक प्राचीन प्रावधान है तुलसी माता की पूजा करने के लिए प्रतिदिन सुबह जल्दी उठा और स्नान करके तुलसी माता को प्रणाम करें और फिर उन्हें जल अर्पित करें.

ऐसा करने के पश्चात उनके भोग का सामान उन्हें चढ़ा देना और श्रृंगार का सामान भी अर्पित कर दें उसके पश्चात सारा सामान किसी सुहागन को दान कर दें पूजा संपन्न होने के पश्चात तुलसी माता की परिक्रमा करें.

और फिर प्रणाम करके उल्टे पैर वापस जाएं और शाम को तुलसी माता को गाय के शुद्ध घी का दीपक अवश्य जलाएं और कभी भी संध्या काल में तुलसी मां की पतियों के साथ छेड़छाड़ ना करें.

FAQ : तुलसी में दूध चढ़ाने से क्या होता है

Q. तुलसी माता का पूर्व जन्म में नाम क्या था?

Ans. तुलसी माता का पूर्व जन्म में वृंदा नाम था और यह भगवान विष्णु की बहुत बड़ी भक्त थी.

Q. तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं?

Ans. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी मां का पौधा उपहार में देना वर्जित है भक्ति भावनाओं को उपहार स्वरूप किसी और को दे देना शुभ नहीं माना गया है.

Q. तुलसी में जल चढ़ाने से क्या होता है?

Ans. तुलसी में जल चढ़ाने से धार्मिक मान्यताओं का पालन होता है और घर में सुख शांति समृद्धि के लिए ऐसा करना उचित माना गया है.

निष्कर्ष | Conclusion

हम आशा करते हैं कि आप ने तुलसी में दूध चढ़ाने से क्या होता है यह अच्छे से ध्यान दिया होगा यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई हो इसे अपने दोस्तों व अन्य जानने वालों के साथ हो तो क्या करें.

ताकि उनको भी ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी का लाभ प्राप्त हो सके यदि आपका कोई अन्य सवाल है तो हमारे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं हम जल्द से जल्द आपके सवाल का जवाब देने का प्रयास करेंगे.