संपूर्ण सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ एवं स्त्रोत हिंदी अर्थ सहित एवं पाठ विधि और लाभ | Saptashloki durga stotram

सप्तश्लोकी दुर्गा | Saptashloki durga : हेलो दोस्तो नमस्कार स्वागत है आपका हमारे आज के इस नए लेख में आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से सप्तश्लोकी दुर्गा के बारे में बताने वाले हैं माँ सप्तश्लोकी दुर्गा सप्तशती की महिमा बहुत ही अनंत है इस महिमा का शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता है.

सप्तश्लोकी दुर्गा, सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ के फायदे, सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ pdf, सप्तश्लोकी दुर्गा अर्थ सहित, सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ, सप्तश्लोकी दुर्गा संस्कृत में, सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ इन हिंदी, सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्र, सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ, सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ pdf download, दुर्गा सप्तश्लोकी in hindi, सप्तश्लोकी दुर्गा इन हिंदी, श्री सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ , श्री सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ, saptashloki durga path ke labh, सप्तश्लोकी दुर्गा क्या है, Saptashloki durga kya hai, Saptashloki durga, श्री सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ कैसे करना चाहिए, सप्तश्लोकी दुर्गा, saptashloki durga path ke labh, Saptashloki durga path ke fayde,

ऐसा मान लीजिए कि नवरात्रि में तथा इसके अतिरिक्त अन्य समय भी दुर्गा सप्तशती का पाठ मोक्ष व भोग प्रदान करता है लेकिन अगर आपके पास इतना समय उपलब्ध नहीं है तो आप उसकी जगह पर सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ भी करके उसका लाभ उठा सकते हैं.

इसीलिए आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ के बारे में बताने वाले हैं इसके अलावा उसके कौन-कौन से फायदे हैं उसके बारे में भी बताएंगे और इससे जुड़ी कुछ अन्य जानकारी भी देंगे तो आइए जानते हैं कि सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ कैसे किया जाता है।

सप्तश्लोकी दुर्गा क्या है ? | Saptashloki durga kya hai ?

सप्तश्लोकी दुर्गा की महिमा अनंत है इनकी महिमा का शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता है अधिकतर नवरात्रि में इनकी पूजा की जाती है लेकिन अन्य समय पर भी दुर्गा सप्तशती का पाठ करना भोग व मोक्ष प्रदान करता है इसके अलावा अगर आपके पास समय उपलब्ध नहीं है तो आप सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ भी कर सकते हैं.

Durga

क्योंकि इस पाठ की रचना स्वयं साक्षात भगवान शिव ने की थी मां भगवती दुर्गा ही शक्ति रूपा है सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ के माध्यम से उनका वंदन सभी इच्छाओं की पूर्ति करने वाला और इच्छा से पूरे भवसागर से पार ले जाने वाला पाठ है।

सप्तश्लोकी दुर्गा | Saptashloki durga stotram path

॥ अथ सप्तश्लोकी दुर्गा ॥

शिव उवाच

देवि त्वं भक्तसुलभे सर्वकार्यविधायिनी ।
कलौ हि कार्यसिद्ध्यर्थमुपायं ब्रूहि यत्नतः ॥

अर्थ — भगवान शिव बोले हे देवी तुम अपनी अपार शक्ति से भक्तों के लिए सुलभ हो और अपना समस्त कर्मों का विधान करती हो आज के इस कलयुग में मनोकामना पूर्ति अगर कोई सिद्धि हो तो आप उस उपाय को अपने मुख से कहिए।

देव्युवाच

शृणु देव प्रवक्ष्यामि कलौ सर्वेष्टसाधनम् ।
मया तवैव स्नेहेनाप्यम्बास्तुतिः प्रकाश्यते ॥

अर्थ — देवी बोली हे देव आपने हमारे ऊपर बहुत स्नेह किया है इसीलिए आज मैं कलयुग में समस्त मनोकामना ओं की सिद्धि के लिए एक ऐसा उपाय बताऊंगी वह बतलाती हुई सुनिए वह साधना “अम्बा स्तुति” है।

विनियोग

ॐ अस्य श्री दुर्गासप्तश्लोकीस्तोत्रमन्त्रस्य नारायण ऋषिः,

अनुष्टुप छन्दः, श्रीमहाकालीमहालक्ष्मीमहासरस्वत्यो देवताः,

श्रीदुर्गाप्रीत्यर्थं सप्तश्लोकीदुर्गापाठे विनियोगः ।

अर्थ — दुर्गा सप्तश्लोकी मंत्र के लिए श्री नारायण ऋषि है अनुष्टुप छंद हैं. श्रीमहाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती इसके देवता हैं। अगर आप श्री दुर्गा देवी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ का विनियोग करना चाहिए

ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हिसा ।
बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति ॥1॥

अर्थ — वे महामाया देवी, ज्ञानिओं के भी चित्त को खींचकर बलपूर्वक मोह, माया में डाल देती हैं।

दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः
स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि ।
दारिद्र्‌यदुःखभयहारिणि त्वदन्या
सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता ॥2॥

अर्थ — हे देवी आप स्मरण करने वालों का भाई हर लेती हैं जब कोई मनुष्य स्वास्थ्य द्वारा ध्यान करता है तो आप परम कल्याणमयी बुद्धि प्रदान करती है दुख दरिद्रता भाई को हर लेने वाली तथा सबका उद्धार करने वाली देवी आपके जैसा दयालु कोई भी नहीं है।

सर्वमंगलमंगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते ॥3॥

अर्थ — हे देवी आप सारे कार्य मंगल करने वाली मंगलामयी हो सब भक्तों का कल्याण करने वाली सिवा हो, शरणागत वत्सला, के तीन नेत्रों वाली गौरी हो नारायणी तुम्हें नमस्कार करती हूं।

शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे ।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तुते ॥4॥

अर्थ — हे माता जो भी तुम्हारी शरण में आता है तुम उन सब भक्तों की रक्षा करने वाली हो नारायणी देवी आप सारे भक्तों की पीड़ा को हर लेती है इसीलिए मैं आपको नमस्कार करती हूं।

सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते ।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तुते ॥5॥

अर्थ — सर्वस्वरूपा, सर्वेश्वरी, सर्व शक्तियो से संपन्न दुर्गा देवी, सभी प्रकार के भय से आप हमारी रक्षा करो माता ! आपको नमस्कार है।

रोगानशोषानपहंसि तुष्टा रूष्टा
तु कामान्‌ सकलानभीष्टान्‌ ।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां
त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति ॥6।।

अर्थ — हे देवी अगर आप प्रसन्न हो जाती है तो कोई रोग से नहीं रहता है और जब आप रुष्ट हो जाती है तो सब कुछ नष्ट कर देती है जो भी भक्त आप की शरण में होता है वह दूसरों को भी शरण लेने के योग्य हो जाता है।

सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्र्वरि ।
एवमेव त्वया कार्यमस्यद्वैरिविनाशनम्‌ ॥7॥

अर्थ — अगर कोई भी मनुष्य आपकी शरण में आ जाता है तो उसकी सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं क्योंकि आप सभी प्रकार और तीनों लोगों की बाधाओं को दूर कर देती है इसीलिए हे देवी आप हमारे शत्रुओं का नाश कीजिए।

॥ इति श्रीसप्तश्लोकी दुर्गा संपूर्णम्‌ ॥

श्री सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ कैसे करें ?

Durga

श्रीसप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ निम्नलिखित तरीके से करना चाहिए

  1. श्रीसप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ शुरू करने से पहले आपको श्रीसप्तश्लोकी दुर्गा की किताब को लाल कपड़े पर रखकर उसके बाद उसमें थोड़े से अक्षत छिड़ककर पुष्प के साथ उसकी पूजा करनी है।
  2. पूजा करने के बाद ही आपको इस पाठ की शुरुआत करने से पहले आपको इस मंत्र का ओम “एं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे” जाप करना है जैसे ही आपका यह मंत्र जाप पूरा हो जाता हैं।
  3. उसके बाद आपको पाठ की शुरुआत करनी है पाठ की शुरुआत में आपको एक बात का ध्यान रखना है कि आपके शब्दों का उच्चारण सही होना चाहिए इसमें जितने भी अध्याय और मंत्र आते हैं उन्हें सही उच्चारण के साथ कहना है।
  4. श्रीसप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ शांत मन और विश्वास के साथ ही करना है।
  5. जैसे ही आपका पाठ पूरा हो जाता है उसके बाद आपको मां दुर्गा के सामने क्षमा याचना अवश्य कर लेनी है।

सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ के फायदे | Saptashloki durga path ke fayde

Durga

सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ करने से अगणित लाभ होते हैं।

  1. इसमें लगभग 7 श्लोक होते हैं और उन सातों श्लोक में एक अलग अद्भुत चमत्कार होते हैं।
  2. आप इस पाठ को नवरात्रि के समय करते हैं तो इसके फायदे कई गुना ज्यादा बढ़ जाते हैं।
  3. सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ करने से सांसारिक उत्पत्ति और मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
  4. सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ करने से भय दूर हो जाता है।
  5. ऐसा कहा जाता है कि सप्तश्लोकी दुर्गा का प्रतिदिन या फिर कम से कम प्रति सोमवार पाठ करने से हर भय नष्ट हो जाते हैं और नवशक्ति का संचालन होता है।
  6. जीवन में एक तेजस्विता का अनुभव होता है।
  7. सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ करने से सारी व्याधियाँ समाप्त हो जाती है और आरोग्य की सहज भी प्राप्त होती है।
  8. इस पाठ को करने से माता अपने भक्तों के सभी दुख को दूर कर देती है।

FAQ : सप्तश्लोकी दुर्गा

दुर्गा सप्तश्लोकी मंत्र क्या है?

ॐ अस्य श्री दुर्गासप्तश्लोकीस्तोत्रमन्त्रस्य नारायण ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्रीमहाकालीमहालक्ष्मीमहासरस्वत्यो देवताः, श्रीदुर्गाप्रीत्यर्थं सप्तश्लोकीदुर्गापाठे विनियोगः ।

ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हिसा ।

बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति ॥1॥

मां दुर्गा का शक्तिशाली मंत्र कौन सा है?

'सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके, शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते'.

दुर्गा सप्तशती का पाठ 1 दिन में कितना करना चाहिए?

इस पाठ को आप लगभग 7 दिन तक कर सकते हैं अगर आप 1 दिन में इन प्यारा अध्याय यानी कि 3 चरित्रों का पाठ नहीं कर पाते हैं तो आपको प्रथम अध्याय करना चाहिए दूसरे दिन दूसरा और तीसरे दिन तीसरा अध्याय करना चाहिए।

निष्कर्ष

दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से सप्तश्लोकी दुर्गा के बारे में बताया इसके अलावा इसके कौन-कौन से फायदे हैं इसके बारे में भी बताया है और इस पाठ को कैसे करना है उसके बारे में भी जानकारी दी है.

अगर आपने हमारे इस लेख को अच्छे से पढ़ा है तो आपको इसकी जानकारी अवश्य ही प्राप्त हो गई होगी उम्मीद करते हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।

Leave a Comment