अनंत चतुर्दशी क्या है : जाने पूजा विधि और व्रत एवं अनंत चतुर्दशी व्रत कथा PDF | Anant chaturdashi

अनंत चतुर्दशी Anant chaturdashi : प्रणाम गुरुजनों आज हम आप लोगों को अनंत चतुर्दशी के बारे में बताएंगे क्या आप लोग जानते हैं कि अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है हिंदू धर्म की महिलाओं में अनंत चतुर्दशी व्रत का बहुत महत्व होता है.

अनंत चतुर्दशी

इस पर्व को हिंदू धर्म में अनंत चौदस के रूप में मनाया जाता है यह दिन कई भगवानों का अवतार होता है जैसे कि विष्णु भगवान को याद करना हिंदू कैलेंडर में भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष के 14 दिन आने वाला यह त्यौहार एकता और एक सम्मान भाईचारे की भावना को जागरूक करता है.

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु को प्रणाम करके उनकी पूजा पर धागा बांधा जाता है रेशम का धागा या फिर सूती धागा बांधा जा सकता है और उस धागे में 14 गांठ लगाई जाती है. गणेश विसर्जन भी अनंत चौदस के रूप में मनाया जाता है पूरा देश इस पर्व को बड़े ही जोश और उत्साह के साथ बनाता है इस साल भी अनंत चतुर्दशी का त्योहार 19 सितंबर को शुक्रवार के दिन मनाया गया था जो भी व्यक्ति श्री हरि विष्णु की विधि पूर्वक पूजा करता है.

उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं इस दिन सच्चे मन से पूजा करने से भगवान प्रसन्न होकर अपने भक्तों के सारे दुख को दूर कर देते हैं तो आइए जानते हैं अनंत चतुर्दशी की पूजा विधि महत्व और अनंत चतुर्दशी क्यों मनाई जाती है। अगर आप इन सारे विषयों को विस्तार से जानना चाहते हैं तो हमारे इसलिए को अंत तक जरूर पढ़ें।

अनंत चतुर्दशी तिथि | Anant chaturdashi tithi

तिथि शुभ मुहूर्त  तारीख  दिन  समय 
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ
चतुर्दशी तिथि समाप्त
अनंत चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी क्यों मनाया जाता है ? | Anant chaturdashi kyu manaya jata hai ?

पुराणों के अनुसार ऐसा माना गया है कि महाभारत काल में अनंत चतुर्दशी की शुरुआत हुई थी इस दिन भगवान ने सृष्टि के आरंभ में 14 लोको

  1. तल
  2. वितल
  3. सुतल
  4. तलातल
  5. रसातल
  6. पाताल
  7. भू
  8. भुवः
  9. स्व
  10. स्वः
  11. जन
  12. तप
  13. सत्य
  14. माह

की रचना की थी।

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इन सभी चीजों का पालन और रक्षा करने के लिए स्वयं 14 रूपों में भगवान विष्णु प्रकट हुए थे और इसी की वजह से वह अनंत प्रतीत होने लगे इसी के लिए अनंत चतुर्दशी का व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है.

क्योंकि भगवान विष्णु अनंत फल देने वाले माने जाते हैं. इनका पालन और रक्षा करने के लिए वह स्वयं चौदा रूप में प्रकट हुए थे। जिसे वह अनंत प्रतीत होने लगे। इस लिए अनंत चतुर्दशी का व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और अनंत फल देने वाला माना जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ किया जाता है जो भी व्यक्ति विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

अनंत चतुर्दशी का महत्व | Anant chaturdashi ka mahatva

पौराणिक कथाओं के अनुसार आशंका पर गया है इसका त्यौहार महाकाव्य महाभारत में है अनंत चतुर्दशी का दिन भगवान विष्णु का दिन माना जाता है क्योंकि व्हाट इस दिस 14 लोक , ताल, अटल, प्राण, सुतल, तलातल, रसताल, पाताल, भी, भुव, जन, तप, सत्य, मह की रचना की। इसकी रक्षा और उसका पालन करने के लिए उर्दू में 14 अवतार किए थे और उसी के कारण और अनंत हो गए थे और इन्हें आनंद के नाम से जाना जाता था और उन्होंने अपने लोगों और कृतियों को बचाया था.

Ganesha

इसीलिए इन अवतारों की प्रमुख भूमिका निभाई गई थी अनंत चतुर्दशी कब बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है इसीलिए अनंत चतुर्दशी का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है इस दिन आप सृष्टि के स्वामी को प्रसन्न कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद पा सकते हैं जो भी महिला पुरुष इस दिन व्रत करता है.

उसका विशेष महत्व होता है यह सब भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और उनको आनंद और संतोष से बारा एक अनंत जीवन प्रदान करने के लिए किया जाता है ऐसा कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने के साथ-साथ अगर व्यक्ति विष्णु सहस्रनाम का पाठ होता है और वह व्यक्ति भगवान से जो कुछ भी मांगा है.

उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है इस दिन का यह व्रत मनुष्य के जीवन में धन प्रचुरता और समृद्धि प्राप्त करने के लिए ही किया जाता है अगर आप तो पर्याप्त धन सुख और संतोष आदि की इच्छा रखते हैं तो भी आप इस दिन का व्रत कर सकते हैं. भगवान का आशीर्वाद देने के लिए 10 दिन का व्रत कर सकते हैं इस व्रत को भारत के कई राज्यों में किया जाता है इस दिन परिवार के सभी सदस्य भगवान विष्णु की लोक कथाएं सुनते हैं और उनकी पूजा करते हैं।

अनन्त चतुर्दशी पूजा मंत्र | Anant Chaturdashi puja mantra

अनन्त सर्व नागानामधिप: सर्वकामद:।
सदा भूयात प्रसन्नोमे यक्तानामभयंकर:।।

अनंत चतुर्दशी व्रत पीडीएफ | Anant Chaturdashi vrat PDF

इस लिंक से आप अनंत चतुर्दशी व्रत पीडीएफ आसानी से डाऊनलोड कर सकते है :

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अनंत चतुर्दशी पूजा विधि और व्रत | Anant Chaturdashi puja vidhi aur vrat

अनंत चतुर्दशी का यहां बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है इस दिन भगवान विष्णु के आनंद रूपों को याद किया जाता है तो आइए जानते हैं इसकी पूजा विधि क्या है ?

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  • अनंत चतुर्दशी के दिन आपको स्नानादि से संपन्न होकर धनुष लेकर पूजन वेदी पर कलश रखे।
  • पूजा करने के लिए आपको कुश के आसन पर बैठ जाना है इसके बाद आपको अष्टदल कमल फूलदान पर स्थापित कर देना है उसके बाद भगवान विष्णु की तस्वीर को रख लेना है।
  • उसके बाद धीरे धीरे पूजा करना स्टार्ट करें इससे पहले आपको सिंदूर , केसर , हल्दी से डुबोकर 14 घंटे वाला धागा तैयार करना है।
  • उस धागे को आप भगवान की मूर्ति के सामने रख दे।
  • उसके बाद षोडशोपचार विधि से सूत और भगवान की मूर्ति की पूजा करनी है।
  • पूजा करने के पश्चात आपको इस मंत्र का जाप करना है – अनंत संसार महासुमद्रे मृं सम्भ्वड्र वासुदेव। अनंतरूपे विनिजयस्व ह्रानंतसूत्रेय नमो नमस्ते।।
  • उसके बाद भगवान के सामने से वह धागा उठाकर पुरुषों को अपने बाएं हाथ में बांध लेना है और महिलाओं को अपने दाहिने हाथ चारों ओर बांध लेना है।
  • व्रत विधि पूर्ण होने के बाद ब्राह्मण को भोजन खिलाएं और अपने पूरे परिवार के साथ प्रसाद को ग्रहण कर लें।

अनंत चतुर्दशी पूजा विधि | Anant Chaturdashi puja vidhi

जो भी महिला पुरुष इस दिन व्रत रखता है उसे सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से संपन्न होकर व्रत का संकल्प लेना है फिर अपने मंदिर में कलश स्थापित करना है।

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  1. कलश स्थापित करते समय आपको उस कलश के ऊपर अष्टदल वाला कमल जरूर रखना है और उसके बाद कुषा का सूत्र जरूर चढ़ाना है उसके बाद भगवान विष्णु की तस्वीर की पूजा करनी है और भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने अनंत धागे को भी रखें।
  2. वह धागा या फिर रेशम का होना चाहिए या फिर सूत का फिर उस धागे को लाल सिंदूर , केशर और हल्दी से भिगो कर रख देना है।
  3. उसके बाद मैं आपको सोच में 14 घंटे लगानी है. उसके बाद आपको उस धागे को भगवान विष्णु को अर्पित कर देना है उसके बाद भगवान का ध्यान करते हुए अनंत व्रत की कथा को पड़े या फिर सुने।
  4. पूजा सामग्री में आपको रोली ,चंदन , अगरबत्ती धूप , दीप , नैवेद्य को जरूर रखना है उसके बाद भगवान को यह सारी चीजें अर्पित कर दे ‘ॐ अनंताय नमः’ मंत्र का जाप करें.
  5. जैसे ही आपकी पूजा समाप्त हो जाती है आपको उस धागे को उठाकर अपने हाथों में बांध लेना है और रखे हुए प्रसाद को ग्रहण कर लेना है।
  6. अनंत चतुर्दशी व्रत वाले दिन आपको किसी गरीब को दान करना है इस दिन आप आटे की रोटी या फिर पूटी बनाते हैं जिसमें से आधा भोग किसी ब्राह्मण को दान किया जाता है और आधा हिस्सा स्वयं ग्रहण करते हैं।

FAQ : अनंत चतुर्दशी

अनंत चतुर्दशी व्रत में क्या खाएं ?

अनंत चतुर्दशी के दिन जो भी व्यक्ति भगवान की पूजा करता है उनका व्रत रखता है उसे खीर का भोग लगाना चाहिए और उस खीर में तुलसी के पत्ते जरूर डालें अगर आप व्रत नहीं रख सकते हैं तो कुछ उपायों से भी भगवान विष्णु की कृपा को प्राप्त कर सकते हैं और अपनी हर समस्याओं को दूर कर सकते हैं ।

अनंत भगवान कौन है ?

अनंत भगवान विष्णु को कहा जाता है क्योंकि भगवान विष्णु ने इस दिन सृष्टि की शुरुआत में 14 लोको तल , अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह की रचना की थी इन्होंने कई लोको की रक्षा और पालन के लिए स्वयं धरती पर 14 रूपों में प्रकट हुए थे उसी दिन से यह अनंत प्रतीत होने लगे

अनंत चतुर्दशी को क्या करना चाहिए ?

तुझसे शास्त्र के अनुसार ऐसा कहा गया है कि जो भी व्यक्ति अनंत चतुर्दशी के दिन पूजा करता है वह भगवान विष्णु के अनंत रूपों का पूजन करता है इस दिन उस व्यक्ति को स्नान आदि से संपन्न होकर स्वच्छ कपड़े धारण करके इस व्रत का संकल्प लेना चाहिए. उसके बाद मंदिर में कलश को स्थापित करके भगवान विष्णु की तस्वीर रख कर एक धागे को लेकर उसमें लाल सिंदूर , केसर और हल्दी से रंग कर उसमें 14 गांठे लगा देनी चाहिए।

निष्कर्ष

जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से अनंत चतुर्दशी के बारे में बताया और यह भी बताया कि आनंद चतुर्दशी किस लिए मनाई जाती है अगर आप अनंत चतुर्दशी के दिन पूजा करते हैं तो कौन से भगवान आपसे प्रसन्न हो जाते हैं.

अगर आपने हमारे इस लेख को अच्छी तरह से पढ़ा होगा तो आपको अनंत चतुर्दशी के बारे में पता चल गया होगा क्योंकि हमने आपको अनंत चतुर्दशी का महत्व और उसकी पूजा विधि बताइए उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।