Free शिव रुद्राभिषेक मंत्र pdf : सम्पूर्ण रुद्राष्टाध्यायी पाठ और रुद्राभिषेक विधी | रुद्राष्टाध्यायी गीता प्रेस गोरखपुर PDF : Rudrashtadhyayi gita press

शिव रुद्राभिषेक मंत्र pdf | रुद्राष्टाध्यायी गीता प्रेस गोरखपुर PDF | Shiv rudrabhishek mantra PDF free download : नमस्कार मित्रों स्वागत है आपका हमारी आज की न्यू पोस्ट पर आज हम आप लोगों को इस आर्टिकल के माध्यम से शिव रुद्राभिषेक मंत्र pdf के बारे में बताएंगे जैसा कि आप सभी लोग जानते होंगे कि हिंदू धर्म में मंत्रों का बहुत बड़ा और अधिक महत्व माना जाता है किसी भी प्रकार की पूजा साधना या फिर आराधना हवन आदि अनेकों प्रकार के कार्य दिव्य मंत्रों का जाप करके ही किए जाते हैं उसी प्रकार शिव रुद्राभिषेक मंत्र भी है.

इस लेख में हमने आप के लिए शिव रुद्राभिषेक मंत्र pdf के साथ इस लेख के अंत में स्पेसल रुद्राष्टाध्यायी गीता प्रेस गोरखपुर PDF और साथ में अन्य 3 किताब pdf बुक्स को भी डाऊनलोड करने का लिंक दिया है जिससे आप को समूर्ण जानकारी हो सके इस लिए इस लेख को अंत तक पढ़े .

शिव रुद्राभिषेक मंत्र अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली मंत्रों में से एक है इस द्रव्य मंत्र का उच्चारण शिवलिंग की पूजा एवं रुद्राभिषेक करते समय किया जाता है भगवान शिव के भक्त शिवलिंग का अनेकों प्रकार से रुद्राभिषेक करते हैं उसी प्रकार आप इस लेख में 6 प्रकार के रुद्राभिषेक के बारे में जान सकते हैं जो कि इस प्रकार बताए गए है जलाभिषेक, दुग्ध अभिषेक, शहद अभिषेक, पंचामृत अभिषेक, घी अभिषेक तथा दही अभिषेक।

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अगर आप इन हे रुद्राभिषेक के महत्व के बारे में जानना चाहते हैं तो आप इस लेख के माध्यम से आसानी से जान सकते हैं क्या आप जानते हैं कि अगर आपको शिव भगवान को प्रसन्न करना है तो आप रुद्राभिषेक करके भगवान शिव को शीघ्र ही प्रसन्न कर सकते हैं अगर आप भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं तो आपको मनचाहा वरदान प्राप्त होता है और रुद्रा अभिषेक करने से उनके भक्तों को विशेष लाभ प्राप्त होता है अगर आप भी भगवान शिव का आशीर्वाद लेना चाहते हैं.

तो इस पावन श्रवण मास में या फिर अपनी इच्छा अनुसार कभी भी रुद्राभिषेक कर सकते हैं तो चलिए सबसे पहले हम आप लोगों को शिव रुद्राभिषेक मंत्र PDF के बारे में बताएंगे जिसे नीचे दिये गए लिंक से आसानी से डाऊनलोड कर सकते है और साथ में इस लेख के अंत में रुद्राभिषेक के प्रकार महत्व कौन-कौन से हैं यह भी बताएंगे रुद्राभिषेक मंत्र जाप करने की विधि के बारे में बताएंगे अगर आप इन सारे विषयों को विस्तार से जानना चाहते हैं तो हमारे लेख में अंत तक बने रहे ताकि आप कभी भी रुद्राभिषेक करने जाएं तो आपको इसकी सारी जानकारी होनी आवश्यक है।

PDF Nameशिव रुद्राभिषेक मंत्र pdf
Total No. of Books5
Languageसंस्कृत 
Categoryआध्यात्म और मंत्र
Download Link✔ डाऊनलोड के लिए उपलब्ध

रुद्राभिषेक क्यों किया जाता है ?

अगर आप बात कर रहे हैं कि रुद्राभिषेक क्यों किया जाता है तो आपने हमेशा ऐसा देखा हुआ कि जब व्यक्ति किसी बीमारी से या फिर उसके जीवन से संबंधित किसी घनिष्ठ समस्या से जूझ रहा होता है तो वह व्यक्ति सोचता है कि काश किसी तरह से हमारे यह सारे कष्ट दूर हो जाएं उसी के लिए वह व्यक्ति कोई भी उपाय करने को तैयार रहता है.

चाहे फिर वह पूजा हो या फिर तंत्र-मंत्र क्रिया हो तो उसी प्रकार आज हम आप लोगों को आपकी सारी समस्याओं का उपाय बताएंगे अगर आप रुद्राभिषेक मुख्य रूप से करते हैं तो आपको आपके सभी दुखों से मुक्ति मिल जाएगी रूद्र अवतार शिव का रूप है अगर आप विधि पूर्वक भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं तो आपके सभी प्रकार के कष्ट से आपको मुक्ति मिल जाएगी शास्त्रों में लिखा है

“रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र:”

अगर आप इस मंत्र का जाप करते हैं.

यह फिर इस लेख में दिए गए किसी भी मंत्र का जाप करते हैं तो शिव भगवान आपके सभी दुखों को हर लेते हैं और उनका नाश कर देते हैं ऐसा माना जाता है कि अगर किसी की कुंडली में महापातक या फिर कोई अशुभ दोष रहता है तो उसको दूर करने के लिए आप रुद्राभिषेक का प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि रुद्राभिषेक का प्रयोग करने से और भगवान शिव के द्वारा शुभ आशीर्वाद लेने से मनुष्य को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है इसके द्वारा आप अपनी सारी मनोकामना को पूर्ण कर सकते हैं।

“सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका:।
रुद्रात्प्रवर्तते बीजं बीजयोनिर्जनार्दन:।
यो रुद्र: स स्वयं ब्रह्मा यो ब्रह्मा स हुताशन:।
ब्रह्मविष्णुमयो रुद्र अग्नीषोमात्मकं जगत्।।”

इसका अर्थ है कि सभी देवताओं में रूद्र समाहित हैं और सभी देवता रूद्र का ही अवतार है। ब्रह्मा, विष्णु और महेश सभी रूद्र के ही अंश हैं। इसलिए रुद्राभिषेक के द्वारा ऐसा भी माना जाता है की सभी देवताओं की पूजा अर्चना एक साथ हो जाती है। हिन्दू धार्मिक मान्यतों के अनुसार मात्र रूद्र अवतार शिव का अभिषेक करके व्यक्ति सभी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है। केवल रुद्राभिषेक के द्वारा शिव जी के साथ-साथ अन्य देवगणों की पूजा भी सिद्ध हो जाती है। रुद्राभिषेक के दौरान मनुष्य अपनी विभिन्न कामनाओं की पूर्ति के लिए भिन्न प्रकार के द्रव्यों का प्रयोग करते हैं।

शिव रुद्राभिषेक मंत्र pdf download | शिव रुद्राभिषेक मंत्र पीडीएफ | Shiv rudrabhishek mantra pdf

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रुद्राभिषेक का अर्थ | Rudrabhishek ka arth

रुद्राभिषेक का शाब्दिक अर्थ स्नान करना या कराना होता है रुद्राभिषेक में भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है भगवान शिव की शिवलिंग में देखा जाता है तो रुद्राभिषेक का अर्थ होता है शिवलिंग का अभिषेक।

शिव रुद्राभिषेक मंत्र pdf | Shiv rudrabhishek mantra pdf

जब भी आप शिवजी का रुद्राभिषेक करने जाते हैं तो उस समय आपको एक बात का खास ख्याल रखना होता है रुद्राभिषेक करते समय आपको इस मंत्र का जाप करना विशेष फलदाई माना जाता है “रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र:“ इस मंत्र का अर्थ होता है रूद्र अवतार क्योंकि भगवान शिव हमारे सारे दुखों को जल्द ही हर के उसे माफ कर देते हैं इसीलिए इस श्लोक का पवित्र क्रिया के दौरान इस मंत्र का जाप करना उत्तम माना जाता है।

सर्वदेवेश्वरो रुद्र: सर्वदेव: शिवार्मिला:।
रुद्रात्प्रवर्तते बीजं बीजयोनिजर्णन:।।
यो रुद्र: स स्वयं ब्रह्म सहुताशन:।
ब्रह्मविष्णुम्यो रुद्र अग्नीषोमोमिश्म जगत्।।
यक्ष सागरपर्यंत सशैलवनकानम्।
सर्वनाथमगुणोपेटा सुवृक्षजलशोभिताम्।।
दद्यात्संन संयुक्ताँ भूमिं चौषधियुताम्।
तस्मादप्यधिकं तस्य सकृद्रुद्रजपाद्भवेत्।।
यश्च रुद्रांजपेन्नित्यं ध्यानमानो महेश्वरम्।
स तेनैव च दे रुद्र: संजायते ध्रुवताम्।।
ॐ नम: शंभुज मयोभवाय च नम: शंकराय च
मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराई च
ईशानः सर्वविद्यानामीश्वरः सर्वभूतनं ब्रह्मधिपति ब्रह्मणोऽधिपति ब्रह्म
शिवो मे अस्तु सदाशिवोय्
तत्पुरुषाय विद्यामहे महादेवाय धीमही। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्
अघोरेभ्योथाघोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यः सर्व सर्वभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररूप्यः
वामदेवाय नमो ज्येष्ठाराय
नम: सर्वभूतदमनाय नमो मनोमनाय नम: कलविकरणाय नमो विकरणाय नम:
सद्योजातं प्रज्ञा: सद्योजाताय वै नमो नमः।
भावे भवे नाति भावे भवस्व मां भावोद्भवाय नमः
नम: सायं नम: प्रात्रोमो शाम्री नमो दिवा।
भवाय च शर्वाय चाभाभ्यामकरं नम:
यश्य नि:श्र्वसितं वेदा यो वेदेभ्योसखिलं जगत् ।
निम्मे तम्हं वन्दे विद्यातीर्थ महेश्वरम्
यम्बकंठ यजामहे सुगन्धिं स्थायीबर्धनम् उर्वारुकमिव प्रबंधननात्र मृत यमुक्षीय मा मृतात्
सर्वो वै रुद्रास्तस्मय रुद्राय नमो अस्तु । पुरुषो वै रुद्र: सोंमहो नमो नम:
विश्व भूतनाथ चित्रं बहुधा जातं भूमानं च यत्। सर्वो हयेष रुद्रस्तस्मे रुद्राय नमो अस्तु

अगर आप भी इसी प्रकार से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं तो आपकी सारी मनोकामनाएं जल्द ही पूर्ण हो जाती हैं केवल आपको एक ही बात का ध्यान रखना होता है कि जिस मनोकामना के लिए आप भगवान शिव का रुद्राभिषेक करवा रहे हैं उनके लिए अभिषेक के लिए द्रव्य का चुनाव जरूर करें।

रुद्राभिषेक में प्रयोग की जाने वाली सामग्री

शिव का रुद्राभिषेक करते समय जिस भी सामग्री की आवश्यकता होती है उसे आपको सबसे पहले खरीद कर रखना है विधि को प्रारंभ करने से पहले आपके पास पहले से सारी चीजें उपयुक्त होनी चाहिए सामग्रियों को एकत्रित करके रख लें उसके बाद ही अपनी पूजा को प्रारंभ करें.

shiv rudrabhishek mantra

इसके लिए मुख्य तौर पर दीया , घी , तेल , बाती , फूल , सिंदूर चंदन का लेप धूप , कपूर , अगरबत्ती , सफेद फूल बेलपत्र , दूध , गंगाजल और जिस मनोकामना के लिए आप रुद्राभिषेक करवा रहे हैं उससे संबंधित द्रव्य गुलाब जल आदि एकत्रित करके रखने उसके बाद ही पूजा को शुरू करें।

रुद्राभिषेक मंत्र जाप करने की विधि | Rudrabhishek mantra jaap karne ki vidhi

  1. किसी भी मंत्र का जाप करने के लिए विशेष विधि की आवश्यकता होती है उसी प्रकार आपको पाठ करना चाहिए।
  2. अगर आप कोई भी मंत्र का जाप कर रहे हैं या फिर पूजा कर रहे हैं तो उस पूजा को आप पूरे विधि विधान के अनुसार करते हैं तो आपको उसका 2 गुना फल अधिक प्राप्त होता है।
  3. जिस दिन आप रुद्राभिषेक करने जा रहे हैं उस मंत्र का जाप करने से पहले आपको यह आवश्यक होता है उस दिन आप यह पाठ करने जा रहे हैं तो शिववास कहा जाता है यदि इस मंत्र का जाप सही समय पर किया जाए तो शिव की कृपा प्राप्त होती है।
  4. ऐसा शास्त्रों में माना जाता है कि अगर इस मंत्र का जाप किसी अन्य समय पर या फिर गलत समय पर किया जाए तो भगवान शिव रुष्ट हो जाते हैं। अगर आप किसी विशेष उद्देश्य से भगवान शिव का रुद्राभिषेक मंत्र का जाप कराना चाहते हैं तो आपको शिव वास करना आवश्यक होता है।

सम्पूर्ण रुद्राष्टाध्यायी पाठ | Rudrashtadhyayi PDF in Hindi | रुद्राष्टाध्यायी गीता प्रेस गोरखपुर PDF

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रुद्राष्टाध्यायी गीता प्रेस गोरखपुर PDF | Rudrashtadhyayi Gita Press Gorakhpur

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पुस्तक के लेखकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
गीता प्रेसआध्यात्म ( Spirituality)13 MB229

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रुद्राभिषेक के प्रकार और महत्व

1. जलाभिषेक

शास्त्रों द्वारा ऐसा माना गया है कि अगर कोई व्यक्ति भगवान शिव को जलाभिषेक करता है तो उस व्यक्ति को अच्छी वृष्टि होती है और उस व्यक्ति के मनोरथ पूरे होते हैं।

2. दुग्ध अभिषेक

जो भी व्यक्ति शिवलिंग पर दूध चढ़ाता है उस व्यक्ति को भगवान भोलेनाथ की कृपा मिलती है।

3. शहद अभिषेक

ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति भगवान शिव का शहद से अभिषेक करता है उस व्यक्ति के जीवन में सभी दुख और कष्ट तत्काल ही दूर हो जाते हैं।

4. पंचामृत अभिषेक

अगर आप पंचामृत अभिषेक यानी कि दूध, दही , मिश्री , घी तथा शहद के साथ मिश्रण मिलाकर पंचामृत तैयार करके भगवान शिव का उस पंचामृत से अभिषेक करते हैं तो धन संपदा की प्राप्ति होती है।

5. घी अभिषेक

शास्त्रों द्वारा ऐसा माना गया है कि शिवलिंग पर भी चढ़ाने से किसी भी प्रकार के शारीरिक रोग से छुटकारा मिल जाता है।

6. दही अभिषेक

ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति भगवान शिव का दही से अभिषेक करता है तो उस व्यक्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है।

रुद्राभिषेक मंत्र जाप करने के लाभ | Rudrabhishek mantra jaap karne ke labh

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  1. जो भी व्यक्ति रुद्राभिषेक मंत्र का जाप करता है उस व्यक्ति का कालसर्प योग से छुटकारा मिल जाता है।
  2. अगर आपके घर में गृह क्लेश चल रहा है तो आप अपने घर में रुद्राभिषेक कराएं रुद्राभिषेक कराने से अत्यंत लाभ प्राप्त होता है।
  3. अगर आप एक गहरी बीमारी से जूझ रहे हैं तो आपको उषा के माध्यम से रुद्राभिषेक मंत्र का जाप कर आना चाहिए और शिव भगवान की पूजा करनी चाहिए।
  4. अगर आप अपने घर में रुद्राभिषेक मंत्र का जाप करवा रहे हैं तो रुद्राभिषेक करते समय गन्ने के रस से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें इससे आपको धन प्राप्ति होती है।
  5. अगर कोई व्यक्ति दुग्ध श्री भगवान शिव का रुद्राभिषेक करता है तो उसे संतान सुख की प्राप्ति होती है।
  6. ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति रुद्राभिषेक मंत्र का जाप करते हुए सरसों के तेल से रुद्राभिषेक करता है उस व्यक्ति की नौकरी आसानी से लग जाती है और वह हर प्रकार की समस्याओं से छुटकारा पा जाता है।
  7. अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय से ज्वार की समस्या चल रही है तो वह व्यक्ति अगर ज्वार की समस्या से छुटकारा पाना चाहता है तो ज्वार शांत करने के लिए गंगाजल से अभिषेक करें तथा रुद्राभिषेक मंत्र का जाप करें।
  8. अगर भवन तथा वाहन की प्राप्ति करना चाहते हैं तो आपको रुद्राभिषेक मंत्र का जाप करना होगा और उसके साथ साथ दही से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना होगा।

FAQ : शिव रुद्राभिषेक मंत्र pdf

रुद्राभिषेक में कितने अध्याय होते हैं?

रुद्राभिषेक में कुल 8 अध्याय होते हैं। पर अंतिम में शान्त्यध्याय: नामक नवम तथा स्वस्तिप्रार्थनामन्त्राध्याय: नामक दशम अध्याय भी हैं।

रुद्राभिषेक कैसे किया जाता है?

शिव रुद्राभिषेक मंत्रॐ नम: शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शंकराय च ... ईशानः सर्वविद्यानामीश्व रः सर्वभूतानां ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपति ... तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। ... वामदेवाय नमो ज्येष्ठारय नमः श्रेष्ठारय नमो ... सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमो नमः । ... नम: सायं नम: प्रातर्नमो रात्र्या नमो दिवा । 

रुद्राभिषेक में कौन सा मंत्र बोला जाता है?

ॐ नम: शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शंकराय च मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च ॥ ईशानः सर्वविद्यानामीश्व रः सर्वभूतानां ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपति ब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदाशिवोय्‌ ॥ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

निष्कर्ष

दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को एक आर्टिकल के माध्यम से शिव रुद्राभिषेक मंत्र pdf के बारे में बताया और आज हमने आप लोगों को रुद्राभिषेक मंत्र पर आधारित हमारे इस लेख में आपको कई ऐसी बातें बताई गई हैं अगर आप भी अपने घर में रुद्राभिषेक करवाना चाहते हैं.

तो इस लेख को अंत तक पढ़ें और इसकी विधि को और उनके मंत्रों को अपनाएं अगर आप हमारे बताए गए इस मंत्र और विधि का उपयोग करते हैं तो आपको आपका मन वांछित फल प्राप्त होगा आशा करते हैं कि रुद्राभिषेक पर आधारित हमारा यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।

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