काली कपालिनी मंत्र और काली कपालिनी सिद्धि क्या है ? Kali kapalini sadhana

Kali kapalini siddhi kya hai? काली कपालिनी सिद्धि एक बहुत ही खतरनाक सिद्धि है। जिसको करने के बाद साधक को तमाम शक्तियां प्राप्त हो जाती। यह साधना मां काली के लिए कि जाती है जिसे कपालिनी नाम से जाना जाता है। दरअसल काली कपालिनी सिद्धि दुर्गा मां की सिद्धियों का एक रुप है जिसने कपालिनी सिद्धि बहुत ही खतरनाक सिद्ध होती है। सिद्ध होने के बाद कपालिनी कभी भी साधक को आकर वचन दे सकती है। यह साधना 21 दिन लगातार करनी होती। Kali kapalini siddhi ke fayde kya hai? काली कपालिनी सिद्धि क्या है ?

इस साधना में साधकों को बहुत ही सावधानी के साथ मंत्र जाप करना पड़ता है।काली कपालिनी कैसे करें? इस साधना को करने के लिए साधकों लाल वस्त्र धारण करके मध्य रात्रि में शमशान में जाकर मंत्र जाप करना होता है।

साधना करने और मंत्र जाप करने से पहले साधक एक तलवार या छोटा सा छुरा लेकर लाल वस्त्र पर रख दे, एक चिराग जलाए, मिट्टी के प्याले में मदिरा और मांस रखकर गुलाब चमली या मोगरा की धूप जलाएं। अपने माथे और तलवार पर सिंदूर का तिलक लगाकर तलवार की पूजा करें तथा तलवार पर लाल कनेर के फूल चढ़ाएं। इसके साथ-साथ लड्डू मांस और मदिरा का भोग लगाएं|

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मंत्र जाप करने से पहले त्रिशूल से अपनी चारों ओर एक सुरक्षा रेखा खींचें। उसके बाद 21 दिन तक इस साधना को मंत्र जाप द्वारा करें।ध्यान रहे कि साधना के दौरान कपालिनी आपके आसपास घूमने शुरू कर देती यह स्थिति पहले दिन से ही होती है लेकिन जब भी आपको आवाज सुनाई दें तो तुरंत उसे बचन लेना चाहिए क्योंकि कपालिनी किसी भी समय आपको वचन दे सकती।

साधक के आसपास कपालिनी के साथ-साथ कपाल और कपाली अदृश्य व सहायक रूप में होती है। काली कपालिनी का रुप बहुत ही उग्र होता है इसलिए बहुत ही सावधानीपूर्वक साधना करनी होगी। इस साधना को बिना योग गुरु के नहीं करनी चाहिये क्योंकि बिना गुरु के सानिध्य में आप साधना करते हैं तो आपके लिए खतरा या नुकसान बहुत अधिक होने की संभावना है।

गुरु के सानिध्य में काली कपालिनी सिद्धि साधना कैसे करे? How to do Sadhana in the presence of Guru?

जो भी व्यक्ति इस साधना को गुरु के सानिध्य में कर रहा है उसको चाहिए कि गुरु से कम से कम 25 मीटर दूर बैठे। गुरु के निर्देशानुसार मंत्र का जाप करें ।

साधना में प्रथम दिन क्या होता है? What happens on the first day of sadhana?

ध्यान रहे कि जाप करते समय आपके आसपास प्रथम 2 दिन भूत प्रेत की आत्माएं दिखाई देती है जो आप पर किसी भी प्रकार से हमला कर सकती हैं| इस प्रकार की भूत प्रेत आत्माएं पूरे साधना काल में करती रहती हैं। दूसरे दिन क्या होता है दूसरे दिन शमशान से स्त्री की आत्मा आती है और आपको डराती धमकाती है।

तीसरे दिन साधना में क्या होता है? What happens on the third day?

तीसरे दिन की साधना में आपके सामने एक साथ दिखाई देता है जो आपके पास रखी हुई सामग्री से होकर आपकी टांगो में घुस जाता है यह केवल डराने वाला भ्रम होता है इस दौरान आपको डरना नहीं चाहिए यदि आप डर गए तो आपकी साधना से आपको बहुत बड़ा नुकसान हो सकता।

चौथे दिन साधना में क्या होता है? what happens on the fourth day

चौथी दिन की साधना में साधक के सामने अनेकों भूत प्रेत आत्मा आती हैं आपको परेशान करने के लिए जमीन को हिलाती डुला ती हैं। ऐसा लग रहा है जैसे कोई जमीन को ऊपर नीचे उठा रहा है यह भी भ्रम ही है आपको डरना नहीं

पांचवे दिन साधना में क्या होता है? What is day in five?

पांचवें दिन जब आप साधना करने बैठते हैं तो आपको आत्मा जमीन फाड़ कर बाहर निकलती हुई दिखाई देती है,जो कपालिनी होती है।

छठवें दिन साधना में क्या होता है? What happens on the sixth day?

छठी दिन की साधना में भी ऐसा महसूस होता है कि कोई कुत्ता आता है और आपके पास रखा हुआ मांस खा जाता है।

सातवे दिन साधना में क्या होता है? What happens on day 7?

सातवें दिन शमशान में आपको भूत प्रेत का बहुत बड़ा हंगामा होता हुआ दिखाई देता है और इसी दिन कपालिनी आपको जमीन से बाहर गर्दन निकालकर देखती हुई दिखाई देती है।

आठवें दिन से 20वें दिन तक क्या होता है? What happens from day 8 to day 20?

आठवें दिन से 20वें दिन तक आपको शमशान के अंदर कई तरह के हंगामे और उपद्रव भूत प्रेत व कपालिनी द्वारा करते हुए दिखाई देते हैं। कपालिनी तेज हवा के झोंके की तरह घूमती हुई अपना भोग गृहण करती है।

21 वें दिन साधना में क्या होता है? What happens on the 21st day?

एक दिन शमशान में बहुत तरह के उपद्रव करते हुए कपालिनी शक्ति धरती उखाड़ना शुरु कर देती है और आपके सामने दुर्गा या काली के रूप में अष्ट भुजा वाली शक्ति के रूप में दिखाई देते हैं और साधक को डराती है।

आखिरी दिन कपालिनी त्रिशूल और डमरु लिए हुए तथा नाक चपटी दो दांत बाहर निकले मुंह से रक्त बहता हुआ साधक के सामने आ जाती है और बचन देती है और सिद्ध होती है।

कपालिनी सिद्धि साधक का कार्य कैसे करती है? How does the work of a seeker work?

कपालिनी सिद्धि होने के बाद साधक के सारे कार्य फुटबॉल की तरह खोपड़ी रूप में करती है और साधक जो कहता है वह ही करती है।

काली कपालिनी मंत्र

|| ॐ ह्रुं ह्रीं काली कपालिनी ह्रीं ध्रीं ध्रु फट ||

-: चेतावनी disclaimer :-

सभी तांत्रिक साधनाएं एवं क्रियाएँ सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से दी गई हैं, किसी के ऊपर दुरुपयोग न करें एवं साधना किसी गुरु के सानिध्य (संपर्क) में ही करे अन्यथा इसमें त्रुटि से होने वाले किसी भी नुकसान के जिम्मेदार आप स्वयं होंगे |

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