बजरंगबली मंत्र | Bajrangbali mantra : हिंदू धर्म में 33 कोटि देवी देवताओं का वर्णन मिलता है इसमें सभी देवी देवता अपना अपना विशेष महत्व रखते हैं जिनकी पूजा अर्चना के लिए विशेष माह विशेष दिन और तिथियां वर्णित की गई जिसमें अलग-अलग देवताओं का अलग-अलग दिन पूजा अर्चना किया जाता है और उनकी कृपा प्राप्त की जाती है।
इन्हीं देवी देवताओं में हनुमान जी एक अमर देवता माने जाते हैं जिनकी पूजा जब तक के लिए मंगलवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण और मंगलकारी माना गया है हिंदू शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि मंगलवार के दिन भगवान हनुमान जी की पूजा आराधना अर्चना करने से संपूर्ण संकट नाशक हनुमान जी को प्रसन्न होते हैं और इच्छित फल देते हैं।
सलवार का दिन विशेष तौर पर हनुमान जी की पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है क्योंकि इसी दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था वैसे में मंगलवार का दिन हनुमान जी के लिए निर्धारित हुआ है मंगलवार के दिन लेट हनुमान जी की आरती हनुमान चालीसा बजरंग बाण आदि का पाठ किया जाता है तो भगवान हनुमान प्रसन्न होकर दीक्षित वरदान प्रदान करते हैं व्यक्ति को मनवांछित फल मिल जाते हैं।
हनुमान जी को संकट मोचन के नाम से जाना जाता है भगवान हनुमान जी की पूजा करने से घर में विभिन्न प्रकार के क्लेश संकट मिट जाते हैं आने वाली किसी भी प्रकार की परेशानी कल जाती है.
दुश्मनों का प्रभाव जैसी चीजें दूर हो जाती है वैसे में हनुमान जी की पूजा आराधना और उन को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा बजरंग बाण के अलावा बहुत सारे मंत्र है जो हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए जाप किए जाते हैं आइए हम हनुमान जी के विभिन्न प्रकार के मंत्रों के विषय में जानते हैं।
हनुमान जी एक ऐसे कलयुग में देवता माने जाते हैं जो हर इच्छा को पूरा कर देते हैं केवल साधक को उनके विभिन्न प्रकार के मंत्र के माध्यम से जाप करना होता है और प्रत्येक जाप करने से भगवान हनुमान जी प्रसन्न होकर साधक को हर प्रकार से सहायता करते हैं आइए हम जानते हैं कि हनुमान जी के मंत्र कौन-कौन से किस काम आते हैं।
हनुमान जी की कृपा पाने के लिए कोई भी नीचे दिए जा रहे मंत्रों का जाप करके मुंह की कृपा प्राप्त कर सकता है बजरंगबली के मंत्रों का जाप मंगलवार के दिन करने से जीवन में आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं।
- 1. बजरंगबली मंत्र | Bajrang bali mantra
- 1.1. 1. हनुमान जी का संपत्ति समस्या से जुड़ा हुआ मंत्र
- 1.2. मंत्र इस प्रकार है
- 1.3. 2. हनुमान जी का नौकरी से संबंधित मंत्र
- 1.4. मंत्र इस प्रकार है
- 1.5. 3. हनुमान जी का मान सम्मान और यश पाने के लिए मंत्र
- 1.6. मंत्र इस प्रकार है
- 1.7. 4. हनुमान जी के संकट हारी मंत्र
- 1.8. 5. हनुमान जी का मनोकामना पूर्ति मंत्र
- 1.9. मंत्र इस प्रकार है
- 1.10. 6. हनुमान जी का रोग शक्तिपदा निवारक मंत्र
- 1.11. मंत्र इस प्रकार है
- 1.12. 7. प्रेत बाधा दूर करने के लिए हनुमान जी का मंत्र
- 1.13. मंत्र इस प्रकार है
- 1.14. 8. शत्रु विनाश के लिए मंत्र
- 1.15. मंत्र इस प्रकार है
- 1.16. 9. शोक मिटाने के लिए हनुमान जी का मंत्र
- 1.17. मंत्र इस प्रकार है
- 1.18. 10. मंगल कामना के लिए हनुमान जी का मंत्र
- 2. बजरंग बाण | Bajrang Baan
- 3. हनुमान चालीसा | Hanuman Chalisa
- 3.1. दोहा
- 3.2. चौपाई :
- 3.3. दोहा :
- 4. निष्कर्ष
बजरंगबली मंत्र | Bajrang bali mantra
1. हनुमान जी का संपत्ति समस्या से जुड़ा हुआ मंत्र
जय किसी भी व्यक्ति को धन संबंधी समस्या निरंतर बनी हुई है तो ऐसे में भगवान हनुमान जी की संपत्ति समस्या से संबंधित मंत्र का जाप करके धन संबंधी समस्या को दूर किया जा सकता है इसके लिए आप नीचे दिए गए मंत्र का जाप मंगलवार के दिन प्रारंभ करके कर सकते हैं और इसे प्रतिदिन जाप करना होता है या फिर प्रत्येक मंगलवार को जाप करें।
हनुमान जी के इस मंत्र को हनुमान जी के मंदिर में जाकर उनके दर्शन करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ करें अथवा हनुमान जी के संपत्ति निवारक मंत्र का जाप करें जिससे आर्थिक हानि का संकट दूर हो जाता है जाप करने के बाद हनुमान जी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं
मंत्र इस प्रकार है
ॐ मारकाय नमः।।
2. हनुमान जी का नौकरी से संबंधित मंत्र
यदि कोई व्यक्ति की नौकरी के लिए निरंतर प्रयास करता है और नौकरी नहीं प्राप्त कर पा रहा है तो ऐसे में हनुमान जी का नौकरी निवारक मंत्र जाप करके नौकरी प्राप्त की जा सकती है.
मंत्र इस प्रकार है
ॐ पिंगाक्षाय नमः।।
इस मंत्र का जाप मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में जा कर पूजा आरती करें और हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ें उसके बाद बजरंगबली को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं तथा पीपल के पत्ते पर मंत्र को लिखकर बजरंगबली के चरणों में अर्पित करें और यथाशक्ति मंत्र का जाप मंदिर के अंदर बैठकर करें इससे आपकी नौकरी से समस्या दूर हो जाएगी।
3. हनुमान जी का मान सम्मान और यश पाने के लिए मंत्र
जब आपको समाज में सम्मान ना मिल रहा हो और आप मान सम्मान तथा यश प्राप्त करना चाहते हैं तो ऐसे में हनुमान जी का मान सम्मान और यश प्राप्ति मंत्र जाप करें इससे आपको गांव समाज में मान सम्मान होगा तथा हर जगह पर आपको यश प्राप्त होगा।
मंत्र इस प्रकार है
ॐ व्यापकाय नमः।।
हनुमान जी के मंदिर में मंगलवार के दिन पूजा के साथ आरती और हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए हनुमान जी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं और हम वहीं बैठ कर हनुमान जी के इस मंत्र का यथाशक्ति जाप करें मंत्र का जाप करने से आपको मान सम्मान और यश प्राप्त होगा।
4. हनुमान जी के संकट हारी मंत्र
हनुमान जी के ऐसे बहुत से मंत्र है जो हर प्रकार के संकट को नष्ट कर देते हैं ऐसे में इन मंत्रों का जाप हनुमान मंदिर में मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा के साथ हनुमान जी को भोग लगाते हुए जाप करें।
ॐ तेजसे नम:
ॐ प्रसन्नात्मने नम:
ॐ शूराय नम:
ॐ शान्ताय नम:
ॐ मारुतात्मजाय नमः
ऊं हं हनुमते नम:
उपरोक्त मंत्र हनुमान जी के संकट निवारण मंत्र हैं इनका जाप करने मात्र से व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार के कष्ट अपने आप मिटने शुरू हो जाते हैं। हनुमान जी की यह सभी मंत्र हनुमान जी की पूजा अर्चना करने के बाद सभी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए हर मंगलवार को कम से कम 108 बार माला का जाप करते हुए मंत्र जाप करें।
5. हनुमान जी का मनोकामना पूर्ति मंत्र
हनुमान जी के किसी भी प्रकार की कामना करने के लिए और उसे पूरा करने के लिए मनोकामना मंत्र का जाप करना चाहिए इस मंत्र को भी मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में हनुमान चालीसा के पाठ के बाद यथाशक्ति जाप करें।
मंत्र इस प्रकार है
महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते. हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।
6. हनुमान जी का रोग शक्तिपदा निवारक मंत्र
यदि आपको किसी भी प्रकार का रोग और शक्ति संकट तथा किसी अन्य प्रकार की पेपर दायक कष्ट है तो हनुमान जी के इस मंत्र को मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद भोग लगाकर मंत्र का जाप करें इससे आपको सभी प्रकार के रोग शत्रु विपदा और हर प्रकार का कष्ट मिट जाएगा
मंत्र इस प्रकार है
: ऊँ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वहा।
7. प्रेत बाधा दूर करने के लिए हनुमान जी का मंत्र
यदि घर परिवार पर किसी भी प्रकार की प्रेत बाधा है तो ऐसे में प्रेत बाधा की समस्या को दूर करने के लिए भगवान हनुमान जी के इस मंत्र का जाप मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर में करने से दूर हो जाता है.
भूत प्रेत बाधाओं को दूर करने के लिए हनुमान जी आपकी पूरी सहायता करते हैं ऐसे में किसी भी प्रकार की बुरी आत्माओं नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के लिए हनुमान जी का मंत्र जाप करें
मंत्र इस प्रकार है
ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय-
हनुमान जी का प्रेत बाधा दूर करने के लिए इस मंत्र को भी मंगलवार के दिन 11 या 21 बार जाप करने से प्रेत बाधा और अन्य नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं ।
नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः
8. शत्रु विनाश के लिए मंत्र
किसी भी प्रकार के शत्रु को पराजित करने के लिए या उसके प्रभाव को कम करने के लिए हनुमान जी के इस मंत्र का जाप मंगलवार या शनिवार के दिन किया जाता है इस मंत्र का जाप करने से पुत्र का प्रभाव कम हो जाता है और व्यक्ति को शत्रु पक्ष से सुरक्षा रहती है।
मंत्र इस प्रकार है
ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा।
9. शोक मिटाने के लिए हनुमान जी का मंत्र
यदि आपको किसी भी प्रकार का शोक है तो को मिटाने के लिए हनुमान जी के इस मंत्र को मंगलवार के दिन 108 बार जाप करें जिससे आपका हर प्रकार का शोक मिट जाता है।
मंत्र इस प्रकार है
मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन।
10. मंगल कामना के लिए हनुमान जी का मंत्र
घर परिवार में सुख शांति और मंगल रहने के लिए भगवान हनुमान जी का मंत्र का जाप करें जिससे आपके घर में परिवार में हर प्रकार से मंगल ही मंगल होगा भगवान जी को संकट मोचन इसीलिए कहा जाता है क्योंकि वे हर प्रकार का संकट हर लेते और घर में मंगल ही मंगल आता है।
मंगल भवन अमंगलहारी द्रवहु सो दशरथ अजिर विहारी।
सभी प्रकार से खुश रहने के लिए हनुमान जी का चालीसा पाठ करना चाहिए जिस घर में प्रतिदिन हनुमान चालिसा का पाठ होता है उस घर में किसी भी प्रकार का कोई संकट नहीं होता है और किसी भी प्रकार की बाधाएं घर में जन्म नहीं लेती है।
बजरंग बाण | Bajrang Baan
दोहा निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान ।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करें हनुमान।।
जय हनुमन्त संत हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ।।
जन के काज बिलम्ब न कीजै । आतुर दौरि महासुख दीजै ।।
जैसे कूदी सिन्धु महि पारा । सुरसा बदन पैठी विस्तारा ।।
आगे जाय लंकिनी रोका । मारेहु लात गई सुर लोका ।।
जाय विभीषण को सुख दीन्हा । सीता निरखि परम-पद लीना ।।
बाग उजारि सिन्धु मह बोरा । अति आतुर जमकातर तोरा ।।
अक्षय कुमार मारि संहारा । लूम लपेटि लंक को जारा ।।
लाह समान लंक जरि गई । जय-जय धुनि सुरपुर में भई ।।
अब बिलम्ब केहि कारन स्वामी । कृपा करहु उर अन्तर्यामी ।।
जय जय लखन प्रान के दाता । आतुर होई दु:ख करहु निपाता ।।
जै गिरिधर जै जै सुख सागर । सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥
ओम हनु हनु हनु हनुमंत हठीले । बैरिहि मारु बज्र की कीले॥
गदा बज्र लै बैरिहि मारो । महाराज प्रभु दास उबारो ।।
ओंकार हुंकार महाप्रभु धाओ । बज्र गदा हनु विलम्ब न लाओ ।।
ओम ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा । ओम हुं हुं हुं हनु अरि उर-सीसा॥
सत्य होहु हरी शपथ पायके । राम दूत धरु मारू जायके
जय जय जय हनुमन्त अगाधा । दुःख पावत जन केहि अपराधा ।।
पूजा जप-तप नेम अचारा । नहिं जानत हो दास तुम्हारा ।।
वन उपवन मग गिरि गृह मांहीं । तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ।।
पायं परौं कर जोरी मनावौं । येहि अवसर अब केहि गोहरावौं ।।
जय अंजनी कुमार बलवंता । शंकर सुवन वीर हनुमंता ।।
बदन कराल काल कुलघालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक ।।
भूत प्रेत पिसाच निसाचर। अगिन वैताल काल मारी मर ।।
इन्हें मारु, तोहि शपथ राम की । राखउ नाथ मरजाद नाम की ।।
जनकसुता हरि दास कहावो । ताकी शपथ विलम्ब न लावो ।।
जै जै जै धुनि होत अकासा । सुमिरत होत दुसह दुःख नासा ।।
चरण शरण कर जोरि मनावौं । यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ।।
उठु उठु चलु तोहि राम-दोहाई । पायँ परौं, कर जोरि मनाई ।।
ओम चं चं चं चं चपल चलंता । ओम हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता ।।
ओम हं हं हाँक देत कपि चंचल । ओम सं सं सहमि पराने खल-दल ।।
अपने जन को तुरत उबारौ । सुमिरत होय आनंद हमारौ ।।
यह बजरंग बाण जेहि मारै। ताहि कहो फिर कोन उबारै ।।
पाठ करै बजरंग बाण की । हनुमत रक्षा करैं प्रान की ।।
यह बजरंग बाण जो जापैं । ताते भूत-प्रेत सब कापैं ।।
धूप देय अरु जपै हमेशा । ताके तन नहिं रहै कलेसा ।।
दोहा : प्रेम प्रतीतिहि कपि भजै, सदा धरै उर ध्यान ।
तेहि के कारज सकल सुभ, सिद्ध करैं हनुमान ।।
हनुमान चालीसा | Hanuman Chalisa
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
चौपाई :
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।
संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।।
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।।
दोहा :
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
सही प्रकार से कष्ट मुक्ति के लिए हनुमान जी का बजरंग बाण का पाठ भी किया जाता है जिसे मंगलवार या शनिवार के दिन करने से सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से bajrang bali mantra के बारे में बताया इसके अलावा हनुमान चालीसा और हनुमान जी से जुड़े अन्य मंत्र के बारे में भी जानकारी दी है अगर आपने हमारे इसलिए को अच्छे से पढ़ा है तो आपको हनुमान जी के मंत्रों के बारे में जानकारी मिल गई होगी उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित होगी.