Musalmani janjira mantra kya hai ? दोस्तों दुनिया में जितने भी धर्म चल रहे हैं उनमें सभी धर्मों मैं साधना की कुछ नए नए यंत्र मंत्र तंत्र प्रयोग किए जाते हैं हालांकि दुनिया में तीन ही प्रकार के मंत्र हैं जिन्हें हम तांत्रिक सात्विक और साबर मंत्र के नाम से जानते हैं और इन्हीं मंत्रों में सभी प्रकार की साधनाएं की जाती हैं बात आती है कि मुसलमानी जंजीरा मंत्र क्या है इन मंत्रों के अंतर्गत मुसलमान कैसे सिद्ध करते हैं।
मुसलमानों में पीर पैगंबरकी साधना जिन बुलाने के मंत्र या अमल यह सभी मुसलमानी साधना ने पीर बाबा साधना या पैगंबर की साधना के लिए साबर मंत्र प्रयोग किए जाते हैं मुसलमानों में भी इन मंत्रों के माध्यम से सात्विक साधनाएं की जाती हैं इन साधनों को कोई भी व्यक्ति पूर्ण पवित्रता के साथ सात्विक भावना रखते हुए सिद्ध कर सकता है .
मुसलमानी जंजीरा मंत्र साधना क्या है और कैसे करे ? Which is the Muslim Janjira Mantra Sadhana
यदि किसी भी व्यक्ति की जीवन में किसी भी प्रकार की समझते हैं उत्पन्न होती हैं तो मुसलमानी जंजीरा मंत्रों के माध्यम से साधना करके करके सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं। आपने अक्सर देखा होगा कि बहुत सारे मुसलमान पीर पैगंबर की साधना करके खुद पीर बन जाते हैं और यह सभी पीर पैगंबर की साधना के साथ-साथ जिनकी भी साधना करते हैं.
यहां जिन और जिन्नात की साधना करते समय केवल नियत के बाप और सात्विक भावना को विशेष अमल करें। किसी भी धर्म में साधनाएं आसान नहीं होती हैं यदि आपने कभी भी इस तरह की साधना की कोशिश किया है तो यह ध्यान रखें कि कोई भी साधना एक बार में सफल नहीं हो जाती है .
इन्हें सफल करने के लिए आपको कोशिश करना पड़ेगा और यदि मुसलमानी साधना करते हैं तो आप इस साधना के लिए अधिक से अधिक रुझान लेना पड़ता है तभी किसी भी प्रकार की पीर या पैगंबर की साधना संभव है और सफलता भी मिल सकती हैं। मुसलमानी जंजीरा मंत्र साधना कई तरह से की जाती है इसमें पीर पैगंबर तथा जिनकी साधनाएं विशेष होती हैं।
1. मोहम्मद पीर साधना क्या है ?| Mohammad Pir Sadhana
मोहम्मद पीर साधना बहुत ही जल्दी सिद्ध होने वाली साधना है तथा अत्यधिक प्रभावशाली हुई होती है परंतु साधना करना बड़ा जटिल काम है लेकिन मोहम्मद पीर साधना यदि आप कर रहे हैं तो इसे बहुत आसानी से किया जा सकता है.
इस साधना ने घर बैठे किसी भी वस्तु को उठा कर ला सकते हैं मंत्र सिद्ध हो जाने के बाद किसी की बीमारी नजर टोना भूत प्रेत आदि की समस्या को दूर कर सकते है साधना के समय आपको कुछ असामान्य और विचित्र प्रकार के दृश्य दिखाई देते हैं इसलिए इस साधना को किसी साधक की छत्रछाया में करने का प्रयास करें।
साधना विधि
मोहम्मद पीर साधना को नौचंदी जुमेरात की रात से प्रारंभ करके किसी कब्रिस्तान या एकांत स्थान में की जाती है। किसी भी प्रकार की साधना करने से पहले अपने चारों में शरीर रक्षा कवच बना लेना जरूरी होता है इस साधना में भी अपने शरीर रक्षा कवच सबसे पहले मंत्रों को सिद्ध करके करें उसके बाद इस साधना को करनी से पहले अपने कानों में गुलाब के इत्र का फाहा और गुलाब के फूलों की माला रखें।
लोबान की धूप जलाकर 108 बार 21 दिन तक उल्टा माला जाप करें 21 वे दिन जब पीर प्रकट होता है तो उसे प्रणाम करके फूलों की माला उसके गले में पहना कर सभी कार्य करने का वचन खुले और परंतु ध्यान रहे सिद्ध होने के बाद किसी का अहित करने की कभी ना सोचना।
2. जिन या जिन्नात की साधना | Sadhana of Jin or Jinnat
मुसलमानों में जिन या जिन्नात की साधना करने से किसी भी प्रकार की समस्या या मुसीबत से छुटकारा मिल जाता है क्योंकि इस साधना में 1 दिन आपसे हर समस्या के विषय में पूछता है और उसको तुरंत कर देता है.
यह साधना आप जिस कार्य के लिए करेंगे उसे जिन तुरंत संपादित कर देता है यह साधना 7 दिनों की साधना होती है तथा किसी प्रकार का बंधन नहीं होता है कहने का मतलब यह है कि इसमें किसी भी प्रकार की माला या दिशा आज की आवश्यकता नहीं होती हैं .
आप इसे चाहे जिस तरफ मुंह करके इस साधना को कर सकते हैं तथा बिना माला जाप करें भी इसे किया जा सकता है बस इसमें इतना करना होता है कि मंत्र को 505 बार किसी आसन पर बैठकर जपना होता है.
यह मंत्र सिद्ध होने के बाद आपको सिद्धि प्राप्त हो जाएगी इसके बाद आप जब कभी इस मंत्र को 5 बार पढ़ कर सो जाएंगे तो 1 दिन आपको सपने में आकर आपके हर सवाल का जवाब देगा और उसके द्वारा जो भी कार्य करवाना चाहते हैं.
वह कार्य कर देगा साधना के दौरान किसी से बात नहीं करना होता है केवल आखिरी दिन जब आपकी साधना संपन्न होती है और आपके सपने में आकर जिन आपके कार्यों को करता है तो इस प्रकार से आपको एक मंत्र बोलना पड़ता है
मँत्र: बिस्मिल्लाह ए रहमान रहीम या खुदा मो हरफिल बु हे हजर। शु बा हक ईबा।।
इस मंत्र को 505 बार पढ़कर सिद्धि प्राप्त कर लेंगे और जिन आपके पास हमेशा हर समस्या के समाधान के लिए खड़ा रहेगा जब भी आप इसे कार्य करवाने के लिए कहेंगे तब आप शाम को सोते समय 5 बार मंत्र को जाप करके सोना है.
सपने में जिन आकर आपकी समस्या को हल करेगा परंतु एक बात याद रहे कि कभी भी किसी गलत कार्य के लिए इसका प्रयोग ना करें साधना के नियम और कानूनों में बंद कर आपको रहना पड़ता है.
3. जिन सिद्ध करने की दूसरी विधि | Second method of proving alive
जिंद को सिद्ध करने के लिए साबर मंत्र का प्रयोग भी पढ़े अद्भुत तरीके से कार्य करता है साबर मंत्र की सहायता से कोई भी जिन आपका गुलाम हो जाता है और उसे जो भी कार्य कहेंगे वह सिद्ध कर देता है जैसे आप किसी को अपने बस में करना चाहते हैं तो उस जिंद को उसकी फोटो और नाम बता दें पलक झपकते ही वह आपके बस में हो जाएगा.
जिंदा जब आपके बस में हो जाता है तो बड़े से बड़े कार्य करने में देर नहीं लगती है केवल इशारा करने मात्र से ही आपकी समय समस्याएं दूर हो जाती हैं कोई दुश्मन आपको परेशान करता है तो जिंदगी सहायता से दुश्मन को परास्त कर सकते हैं .
व्यापार में लाभ नहीं होता है तो व्यापार में लाभ मिल जाएगा नौकरी नहीं मिल रही है तो नौकरी मिल जाएगी इस तरह के कार्य जींद तत्काल कर देता है यानी कि जिंद सिद्ध हो जाने के बाद आपकी सभी प्रकार की सहायता करता है.
साबर मंत्र इस प्रकार है-
ओम काली काली महाकाली इंद्र की बेटी ब्रहमा की साली बालक की रखवाली जय काली।
भैरव कपाली जटा राती खेले चंद्र रात कैडी मठा मसनीया वीर चौहटे लडका मसनीया
बाबा नाहरसिंह अपनी चौकि बठान शब्द साचा पिण्ड काचा फूरो मँत्र ईश्वरो वाचा।।
4. साबर मंत्र सिद्ध करने की विधि क्या है? | Method to prove Shabar Mantra
इस विधि में आपको 21 शनिवार और 21 रविवार साधना करनी पड़ती है तथा 21 माला का जाप करना होता है यह प्रक्रिया रात 10:00 बजे के बाद जब आप करते हैं तो जिंद आपके सामने प्रकट हो जाएगा और वह आपको वचन देगा उसे अपने वचनों में बांध लेंगे जब आप यह साधना पूरा कर लेते हैं तो आप उसे एक सच्चे मित्र के रुप में पूरी जिंदगी भर कोई भी काम करवा सकते हैं.
वह आपका काम हमेशा करता रहेगा सर तो इतनी है कि आपको कभी किसी भी प्रकार की कोई भूल चूक नहीं करनी है तथा साधना के नियमों का पालन करते हुए जिंद से कार्य करवाना होता है.
5. मुसलमानी साधना और अमल कैसे करे ? | Muslim practice and practice
किसी भी जिनमें या जिन्नात की साधना व्यक्ति तभी कर सकता है जब उसके अंदर किसी भी कार्य का भय ना हो अर्थात भयमुक्त होकर ही जिंदगी साधना की जा सकती हैं यदि आप साधना कर रहे हैं तो कुछ विशेष तरह के डरावने दृश्य आपको दिखाई देंगे लेकिन आपको डरना नहीं है बल्कि आप बिना डरे अपनी साधना में लिप्त रहे इस तरह से साधना आपकी बेहतर होगी और हर तरह के कार्य भी सिद्ध हो जाएंगे.
इसी तरह से किसी पीर पैगंबर की साधना भी की जाती है जिससे आपकी हर समस्या का समाधान हो और जिंदगी आसान हो जाए. किसी भी पीर पैगंबर या जिंदगी साधना करते समय साधक को यह ध्यान रखना चाहिए कि वह पाक साफ है और किसी भी अनावश्यक कार्य के लिए साधना नहीं कर रहा है बल्कि साधना उसकी सात्विक है ऐसा यदि आप करते हैं तो आप स्वयं को हर संकट से छुटकारा पाने में आसानी मिलेगी.
मुसलमानी साधना में नियम बहुत कड़े होते हैं और उन्हें कड़ाई से पालन करना पड़ता मुसलमानी साधना में जिंद को बुलाना उसे अपना सहायक बनाना परी का आह्वान करना तिलिस्मी रचित संरचना करना पीर बाबा की सहायता लेना जैसी बातें होती हैं अतः साधना करना थोड़ा कठिन है परंतु मुस्लिम समुदाय के लोग इसे आसानी से कर सकते हैं.
यदि आपके काम हमेशा बिगड़ते रहते हैं तो आप जीवन में इस तरह की साधना करके बिगड़े काम आसानी से बना सकते हैं तथा हर समस्या से समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
मुसलमानी साधना से जुड़ी कुछ खास बातें
मुसलमानी साधना से जुड़ी खास बाते जिनका आपको पता होना चाहिए-
मुसलमानी साधना को गुरुवार या शुक्रवार को प्रारंभ किया जाता है बृहस्पतिवार सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है.
मुसलमानी साधना में अधिकांश काले हकीक की माला का प्रयोग किया जाता है इसके अलावा तेल का दीपक जिसने चमेली सरसों या तिल का तेल होता है को जलाया जाता है.
साधना काल में मुसलमानी साधना करते समय इत्र का प्रयोग अवश्य करें तथा काले सफेद वस्त्र सिर पर टोपी या रुमाल का प्रयोग अनिवार्य है.
लोबान अथवा गुग्गुल की धूप का प्रयोग किया जाता है।
यदि साधना में किसी भी प्रकार की सफलता नहीं प्राप्त होती है तो सबसे पहले अपनी गलतियों पर ध्यान दें मुसलमानी साधना में कुछ ऐसे नियम होते हैं जिनको साधना करने से पहले पूरा करना आवश्यक हो जाता है।
6. हजरत पैगंबर अली की चौकी बनाना | Hazrat Prophet Ali’s Outpost
साधना करने से पहले पीर मुसलमानी साधना पर अमल करना ज्यादा जरूरी है। जिससे साधना के समय सुरक्षा बनी रहती है और सरलता से साधना हो जाती है हजरत पैगंबर अली की चौकी के माध्यम से सुरक्षा भविष्य ज्ञान होता है तथा सभी प्रकार के सात्विक कार्य सफलतापूर्वक सिद्ध हो जाते हैं. हजरत अली पैगंबर की चौकी बनाने के लिए इस मंत्र को सिद्ध करें.
याही सार सार सार | जिन्न देव पारी नवसंकफारएक खाय दुसरे को फाड़ | चंहु ओर अमिया पसार
मलायक अस चार | दुहाई दस्त्खे जिब्राइल
बाई वै खेई मिकाइल | दाई दसन दसन
हुसैन पीठ खड़े खई | आमिल कलेजे राखे इजराइल
दुहाई मुहम्मद अलीलाह इल्लाह की | कंगुर लिल्लाह की खाई
हजरत पैगम्बर अली की चौकी | नखत मुहम्मद रसूल्लिलाह की दुहाई
हजरत पैगंबर अली की चौकी बनाने की विधि
पैगंबर अली की चौकी पर अमल करने की जरूरत इस प्रकार से है कि यदि आप कहीं जा रहे हैं और किसी प्रकार की समस्या से आशंका आपके मन में उत्पन्न है तो इस अमल को सिर्फ 11 बार बोलें और अपने ऊपर फूंक मार दें इससे आपके मन की सारी शंकाएं समाप्त हो जाती हैं तथा रास्ते में हर प्रकार की समस्या समाप्त हो जाती है।
हजरत पैगम्बर अली की चौकी से जुड़ी खास बातें
हजरत पैगंबर अली की चौकी पर अमल की सबसे बड़ी बात यह है कि इससे नियमित रूप से 108 बार पाठ करना होता है जिससे व्यक्ति ने भूत भविष्य और वर्तमान का ज्ञान हो जाता है अर्थात व्यक्ति त्रिकालदर्शी हो जाता है.
किसी भी प्रकार की मुसलमानी साधना ने सबसे आवश्यक है कि उसके नियमों का पालन करना क्योंकि यदि कोई भी साधना करने से पहले उनके नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो किसी भी प्रकार की परेशानियां या खतरे हो सकते हैं ऐसे में इस्लामिक अमल को पढ़ने से पहले आपको पाक पवित्र सात्विक होना बहुत ही अनिवार्य है और इनका पालन भी करना पड़ता है.
मुसलमानी साधना में पीर पैगंबर की साधना की सबसे खास बात होती है कि यदि किसी भी प्रकार की व्यभिचार आप पर हो रहा है तो अमल के माध्यम से चौकी लगा दें जिससे आपकी सुरक्षा हो जाएगी। पैगंबर अली इस अमल पर चौकी बांधने के बाद आपकी जिम्मेदारियां अधिक बढ़ जाती है क्योंकि आपके पैगंबर उस गद्दी पर अदृश्य रूप से भी विराजमान होते हैं।
किसी भी कठिन से कठिन कार्य को आसान करने के लिए मुट्ठी पीर साधना किया जाता है इस साधना से मनचाहा कार्य पूर्ण हो जाता है।
मुट्ठी पीर साधना का मंत्र-
बिस्मिल्लाह अर्रहमान निर्रहीम
साह चक्र की बावड़ी गले मोतियन का हार
लंका सो कोट समुन्द्र सी खाई
जहाँ फिरे मोहमद वीर की दुहाई
कोन वीर आगे चले
सुलेमान वीर चले दर्शनी वीर चले
नादिरशाह वीर चले मुठी पीर चले
नहीं चले तो हजरत सुलेमान की दुहाई
शब्द सांचा पिंड काँचा
मंत्र फुरो इश्वरोवाचा
साधना की विधि
मुट्ठी पीर साधना अमल को करने के लिए गुरुवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सूर्योदय से पहले लगभग 40 दिन करने से पीर दर्शन देता है-
मुट्ठी पीर साधना से लाभ
पीर को प्रसन्न करने के बाद उससे किसी भी प्रकार का मनचाहा कार्य करवा सकते हैं।
मुट्ठी पीर साधना में पारलौकिक शक्तियों से एक सुरक्षा कवच प्राप्त हो जाता है।
हर प्रकार का मुश्किल कार्य बड़ी आसानी से पूर्ण हो जाता है।
8. वीरो का जंजीरा मंत्र क्या है ? | Hero’s chain
यह साधना एक ऐसी साधना है जिसमें बहुत सारे वीर या जिंद एक साथ से प्रसन्न होकर शक्तियांप्रदान करते हैं इस साधना में साधक को यह नहीं पता होता है कि कौन सा वीर या जिन दर्शन दे देगा परंतु जो भी जिन या वीर आपको दर्शन देगा वह आपके मन चाहे कार्य करने के लिए बाध्य हो जाता है।
मुसलमानी साधना को गुरुवार या शुक्रवार से प्रारंभ करके 21 दिन रात 10:00 बजे के बाद 21 माला जाप करके सिद्ध की जाती है साधना के दौरान हमेशा स्वच्छ और सफेद वस्त्र धारण करना चाहिए. साधना के समय साधक का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए और बिना गुरु के सानिध्य में ना करें .
वीरों का जंजीरा मंत्र साधना के लाभ
अमल के माध्यम से किसी भी जिंद को बुलवाकर काम पूरा करवा सकते हैं और सभी प्रकार के आने वाले संकटों को को टाल सकते हैं तथा जब चाहे जिसकी वीर या जिन का आह्वान करेंगे तो वह तुरंत हाजिर होकर कार्य कर देता।
9. शोहा वीर जिन्न मुसलमानी साधना और अमल | Shoha Veer Jinn Muslim practice and practice
जिन्नातों की साधना में सोहा वीर जिन साधना को काफी शक्तिशाली माना जाता है इस साधना में जिस कार्य को हम करना चाहेंगे वह निश्चित हो जाता है इस साधना में किसी प्रकार का भय या डर साधक के अंदर नहीं होना चाहिए अन्यथा साधक को काफी नुकसान हो जाता है. यह साधना काफी उग्र मानी जाती है इसलिए साधक को अपने डर पर हमेशा कंट्रोल करना पड़ेगा.
साधना विधि का मंत्र
सोह चक्र की बावड़ीडाल मोतियन का हार
पद्य नियनि निकरी | लंका करे निहार
लंका सो कोट समुन्द्र सी खाई | चले चौकी हनुमंत वीर की दुहाई
कौन कौन वीर चले | मरदाना वीर चले
सवा हाथ जमीन को सोखंत करना | जल का सोखंत करना करना
पय का सोखन्त करना | लौंग को सोखन्त करना
पलना को | भूत को | पलीत को
अपने वरी को सोखन्त करना | मेवत उपात भाकी चन्द्र क्ले नाही
चलती पवन मदन सुतल करे | माता का दूध हराम करे
शब्द सांचा पिंड काँचा | फुरो मंत्र इश्वरो वाचा
साधना की विधि
इस साधना को वीर वार से शुरुआत करने के बाद एक 21 दिन तक 51 माला प्रतिदिन जाप करने से सिद्ध होती है सिद्ध करते समय लोबान जा गूगल की धूप की धूनी लगाई जाती है जब के बाद भी और बताते धूनी में डाले जाते हैं ।
शोहा वीर अमल के लाभ
इस साधना को करने के बाद किसी भी कार्य को 100% पूरा किया जा सकता है चाहे किसी को मारण करना हो या फिर उच्चाटन यह सभी कार्य सोहा वीर जिंद द्वारा संभव हो जाते हैं
यह साधना काफी डरावनी इसलिए हाय मुक्त होकर किसे करें सोहा वीर हर विपरीत हालत में साधक की सुरक्षा करता है
10. जिन्न को बुलाने का अमल | The act of summoning the genie
मुसलमानी अमल भी साधना करके जिन को बुलाने की सिद्धि की जाती है तो जिन आकर आपकी सभी प्रकार की समस्याओं को हल कर देता है।
काली काली महाकाली
इंद्र की बेटी ब्रह्मा की सालीबालक की रखवाली
काले की जै काली भैरो कपाली
जटा रातो खेले | चंद हाथ कैडी मठा
मसानिया वीर चौह्ठे लडाक | समानिया वीर | बज्रकाया
जिह करन नरसिंह धाया | नरसिंह फोड़ कपाल चलाया
खोल लोहे का कुंडा मेरा तेरा बाण फटक |भूगोल बैढन
काल भैरो बाबा नाहर सिंह | अपनी चौकी बठान
शब्द सांचा पिंड कांचा | फूरो मंत्र इश्वरो वाचा
जिन्नात को बुलाने के अमल विधि
इस अमल को 21 शनिवार और रविवार करना पड़ता है तथा रात में 10:00 के बाद 51 माला जाप करने पर जिन प्रकट होता आपको वचन देता है आप उससे जो भी कार्य कहेंगे उसके लिए वह बाध्य भी हो जाता है।
जिन्न साधना के लाभ
सभी प्रकार की मुसलमानी प्रार्थनाएं और अमल सिद्ध होने के बाद मनचाहे कार्यों को करवा लिया जाता है। यह साधना सिद्ध होने के बाद आप के बंधन में बनकर आपके कार्य करने के लिए बाद में होता है।
11. पीर साधना क्या है ? | Mohammed Peer Sadhana
मोहम्मद पीर साधना मुसलमानी साधना में एक प्रभावशाली साधना है इस को सिद्ध करने के बाद मोहम्मद पीर आपके सभी कार्य कर देता है.
पीर साधना मंत्र
ॐ नमो हाँकत युगराज फाँटत कायाजिस कारण युगराजा में तोको ध्याया हुंकारत युगराज आया गांजत आया घोरन्त आया सर के फूल बखेरन्त आया और की चौकी उठावंत आया अपनी चौकी बैठावंत आया और का किवाड़ तोडंत आया अपना किवाड़ भेड़ता आया बाँधी बाँधी किसको बांधी भूत को बांधी प्रेत को देव दानव को बांधी उडंत उडंत योगिन बांधी चौर चिरनागार को बांधी त्रिसठ कलुआ को बांधी चौसठ योगिनी को बांधी बावन वीर को बांधी द्वार को बांधी हाट को बांधी गले को बांधी गिरारे को बांधी किया को बांधी कराय को बांधी अपनी को बांधी पराई को बांधी मैली को बांधी कुचैली को बांधी पिली को बांधी स्याह को बांधी सफ़ेद को बांधी काली को बांधी लाली को बांधी बांधी बांधी रे गढ़ गजनी के मोहम्मदा पीर चले तेरे संग सतर सौ वीर जो बिसरी जाय तो सौ राजा हलाल जाय उलटी मार पलटी मार पछाड़ मार धर मार कब्ज़ा चढ़ाय सुडिया हलाय शीश खिलाय शब्द सांचा पिंड काँचा फुरो मंत्र इश्वरो वाचा
मोहमद पीर साधना की विधि
साधना को किसी निर्जन स्थान पर 21 दिन 21 माला के साथ सूर्य ग्रहण में किया जाता है तो फिर आप को दर्शन देता है.
मोहम्मद पीर साधना विधि के लाभ
यह साधना और अमल किसी के द्वारा किसी पर कुछ किया धरा गया हो तो उसे तोड़ने इस शक्तिशाली साधना है.
भूत प्रेत या अन्य किसी तरह की समस्या इस साधना से समाप्त की जाती है.
किसी भी प्रकार की मुसलमानी साधना करने के लिए साधना के नियमों का पालन करना बहुत ही अनिवार्य होता है साधना के दौरान व्यक्ति को पूर्ण सात्विकऔर सारे जीवन के रूप में होना चाहिए जिसके साथ साथ साधना के सभी नियमों का पालन करना साधक के लिए अनिवार्य हो जाता है क्योंकि साधनों में जरा सी भी गलती करने पर बहुत बड़ा जोखिम उठाना पड़ता है अतः ऐसे जोखिम से बचने के लिए साधनों को किसी अच्छे गुरु के सानिध्य में करें तथा साधना ओं के नियमों का पालन अवश्य करें।
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