अप्सरा साधना क्या है? | अप्सरा साधना कैसे करें? | Apsara sadhana mantra

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Apsara sadhna kya hai aur kaise kare ? भगवान ने इस धरती पर मनुष्य का निर्माण किया है और भगवान ने मनुष्य को हाथ, पैर और बुद्धि के अलावा विभिन्न प्रकार की सीमित शक्तियां भी प्रदान की है, परंतु अगर मनुष्य अपनी बुद्धि का इस्तेमाल सही तरीके से करता है, तो यही सामान्य मनुष्य असामान्य कामों को भी कर सकता है और किसी भी काम को पूरा कर सकता है|

इसके अलावा मनुष्य चाहे तो असीमित शक्तियों का मालिक भी बन सकता है और खुद ही भगवान को जान सकता है और उसे प्राप्त करने का रास्ता भी पता कर सकता है| अगर अध्यात्म की दृष्टि से देखा जाए, तो एक साधक का सबसे मुख्य लक्ष्य होता है धर्म का अनुसरण करते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करना और मोक्ष की प्राप्ति करना|

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आपने अक्सर इंटरनेट पर या फिर टीवी पर अप्सरा साधना के बारे में सुना होगा| अप्सरा साधना धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण होती है और जो साधक अप्सरा साधना को करता है उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं, साथ ही उसे कई अन्य फायदे भी होते हैं|

तो इसीलिए अगर आप भी इंटरनेट पर यह सर्च करते रहते हैं कि, अप्सरा साधना क्या होती है या फिर अप्सरा का मतलब क्या होता है, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं, क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको अप्सरा साधना के बारे में जानकारी देने वाले हैं, तो चलिए जानते हैं कि अप्सरा साधना क्या होती है और अप्सरा साधना की विधि क्या है|

अप्सरा साधना क्या है ? Apsara Sadhna in Hindi

हिंदू धर्म में ऐसी बहुत सी चमत्कारी साधना का उल्लेख मिलता है, जिसे अगर कोई साधक सिद्ध कर लेता है,तो वह अद्भुत शक्तियों का मालिक बन जाता है और वह कठिन से कठिन काम भी बड़ी ही आसानी से संपूर्ण कर सकता है और अप्सरा साधना भी उसी साधना में से एक है|

जो अपने साधक को सिद्ध हो जाने पर सभी प्रकार के सुख और वैभव प्रदान करती है|अप्सरा साधना करने से आकर्षक व्यक्तित्व की इच्छा रखने वाले साधक की इच्छा पूरी होती है|इसके अलावा जो साधक अप्सरा साधना को पूरा कर लेता है, उसे सौंदर्य, रूप, यौवन और आकर्षण आदि स्वभाविक रूप से प्राप्त होता है| प्रेम संबंध में विफलता, विवाह में विलम्ब व भोग की प्राप्ति में भी अप्सरा साधना करना फलदायी माना गया है |

अप्सरा कौन होती है ? Who Is Apshara

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अप्सरा स्वर्ग लोक में रहती हैं और यह स्वर्ग लोक की वह सुंदरिया होती हैं, जो भगवान इंद्र देव के दरबार में नाचने और गाने के साथ साथ भगवान इंद्र देव के आदेश पर समय-समय पर ऋषि मुनियों की तपस्या को अपने मोह जाल द्वारा भंग करने का काम भी करती हैं|

और इसी के कारण विभिन्न ऋषि-मुनियों के द्वारा समय-समय पर अप्सराओं को श्राप भी दिया गया है| अगर हम मुख्य अप्सराओं की बात करें तो अप्सरा में मुख्य नाम मेनका अप्सरा और रंभा अप्सरा का आता है|

इसके अलावा भी अगर देखा जाए तो धर्म शास्त्रों में बहुत सी अप्सराओं का उल्लेख देखने को मिलता है जिसमें घृताची, रंभा , उर्वशी, तिलोत्तमा, मेनका और कुंडा को प्रमुख माना गया है|उर्वशी अप्सरा को सबसे शक्तिशाली माना गया है व इसे सिद्ध करना थोडा कठिन भी है|

अप्सरा साधना करने के क्या फायदे हैं ? Benefits of Apsara Sadhna

जब कोई साधक सच्चे मन से अप्सरा साधना करता है, तो अप्सरा सिद्ध हो जाती हैं और सिद्ध हो जाने के बाद अप्सरा अपने साधकों को प्रत्यक्ष रूप से दर्शन देती हैं और उसके अनुसार ही उसके सभी कामों को पूरा करती हैं|

अप्सरा साधना को सिद्ध करने वाला साधक रूप, सौंदर्य और कला में तो माहिर हो ही जाता है, इसके साथ ही उसकी अन्य सभी इच्छाएं भी अप्सरा पूरी करती हैं| अप्सरा खुद में ही एक दैवीय शक्ति होती हैं और इसे मां,बहन अथवा प्रेमिका के रूप में सिद्ध किया जाता है|

अप्सरा साधना करने से पहले क्या सावधानी बरतनी चाहिए ? Cautions Before Starting Apsara Sadhna

धर्म पुराणों की दृष्टि से देखा जाए तो अप्सरा साधना बहुत ही सरल होती है और यह बहुत जल्दी सिद्ध हो जाती है और अपने साधक को मनचाहा वरदान देती है परंतु अगर वास्तविक दृष्टि से देखा जाए तो चाहे कोई भी साधना हो उसमें सिद्धि प्राप्त करने के लिए साधक को बड़ी-बड़ी परीक्षाओं से गुजरना होता है|

खास तौर पर अगर अप्सरा साधना के बारे में बात की जाए, तो अप्सरा साधना में साधना करने के दरमियान साधक को विभिन्न प्रकार के भय से गुजरना होता है, जिसमें कई साधक तो बीच में ही साधना छोड़ देते हैं और उनकी साधना पूरी नहीं हो पाती है|

इसीलिए अप्सरा साधना चालू करने से पहले अपने मन के अंदर आपको पूर्ण श्रद्धा भाव रखना है और आपको यह संकल्प कर लेना है कि, आपको अप्सरा साधना सिद्ध करनी ही है|

इसके अलावा आपको अप्सरा साधना करते समय मंत्रों का उच्चारण भी बिल्कुल साफ साफ करना है|वह अपने गुरु जी देखरेख में ही अप्सरा साधना करेंगे,तो आपको निश्चित ही अच्छा रिजल्ट मिलेगा|

इसके अलावा अप्सरा साधना को चालू करने से लेकर खत्म करने तक आपको एक साधु संत की तरह अपना जीवन गुजारना चाहिए और इस साधना के दरमियान आपको अपनी इच्छाओं और वासनाओं पर कंट्रोल करने का प्रयास करना चाहिए, आइए अब जानते हैं कि अप्सरा साधना की विधि कौन सी है|

अप्सरा साधना करने की विधि क्या है ? Method of Apsara Sadhna

अप्सरा साधना करने के लिए आपको सबसे पहले अपने घर में किसी एकांत कमरे को सिलेक्ट करना है, उसके बाद आपको उस कमरे की पूरब दिशा की ओर एक चौकी की स्थापना करनी है और उस पर आपको लाल रंग के कपड़े बिछाने हैं| उसके बाद आपको जिस भी अप्सरा की साधना आप कर रहे हैं, उसकी एक फोटो उस चौकी पर स्थापित करनी है और उसकी फोटो पर आपको फूलों का हार पहनाना है|

इसके बाद आपको चौकी के सामने ही आसन लगाकर बैठ जाना है और घी का दीपक जलाना है|इसके बाद आपको अप्सरा को पंचमेवा का प्रसाद रखना है और साथ में ही आपको एक लोटे में जल भरकर रख लेना है|

इसके बाद आपको अपने एक हाथ में पानी लेना है और संकल्प लेना है और फिर उसके बाद आपको मंत्रों के जाप को चालू करना है| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इस साधना में मंत्र जाप की कोई भी सीमा नहीं है| इसीलिए आप अपने सामर्थ्य के अनुसार जितना चाहे उतना मंत्रों की माला का जाप कर सकते हैं परंतु आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपको प्रतिदिन एक निश्चित माला का ही जाप करना है|

आपको इस मंत्र के जाप के लिए स्फटिक की माला का इस्तेमाल करना है| इस तरह से 7 दिनों तक इस काम को करने से अप्सरा सिद्ध हो जाती है और वह प्रत्यक्ष रूप से प्रकट होकर अपने साधक को दर्शन देती है|जब अप्सरा प्रगट हो जाए, तब आप उसके गले में फूलों की माला पहना दे और उसे अपने साथ रहने का वचन ले ले|

अप्सरा साधना का मंत्र क्या है ? Mantra of Apsara Sadhna

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” ॐ रं क्षं रंभे आगच्छ आगच्छ क्षं रं ॐ नमः “

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