गर्भ ठहेरने या प्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए ? | Pregnant hone ke liye kab sambandh banana chahiye

प्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए Pregnant hone ke liye kab sambandh banana chahiye : दोस्तों शादी के बाद प्रत्येक महिला की एक ख्वाहिश होती है कि जल्दी ही गर्भ धारण करें और संतान प्राप्त करें हालांकि कई बार महिलाएं पहली बार में ही संबंध बनाकर गर्भवती हो जाती हैं. लेकिन बहुत सारी महिलाएं कई बार प्रयास करने के बावजूद भी गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। गर्भधारण ना होने की कारणों को अगर देखा जाता है तो कई कारण ऐसे होते हैं जो गर्भ की प्रक्रिया को रोकते हैं।

प्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए Pregnant hone ke liye kab sambandh banana chahiye

लेकिन महिला और पुरुष में अगर किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं है उसके बावजूद भी गर्भधारण नहीं हो पाता है तो कहीं ना कहीं रिलेसन के दौरान हम गलती करते हैं हो सकता है हम समय का ध्यान ना दें या मासिक आने और समाप्त होने तथा अंडों के उत्सर्जन जैसी स्थित को समझने में नाकाम हो इन स्थितियों में गर्भ धारण करना असंभव हो जाता है।

जब कोई महिला गर्भधारण नहीं करवाती है तो बस रिलेसन संबंधों को लेकर यह सवाल निश्चित करती है कि प्रेग्नेंट होने के लिए कब संबंध बनाना चाहिए क्योंकि यह बात सत्य है कि प्रेग्नेंट होने के लिए संबंध बनाना जरूरी है लेकिन एक सही समय पर संबंध बनाने से ही प्रेगनेंसी हो सकती हैं।

प्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए ? | Pregnant hone ke liye kab sambandh banana chahiye ?

Pregnancy 

दोस्तों यह बात सभी को पता है कि जब महिलाओं में मासिक आता है तो लगभग 3 से 4 दिन लगातार होता रहता है इन स्थितियों मे गर्भधारण के लिए संबंध बनाना उचित नहीं होता है लेकिन रजोधर्म समाप्ति होने के अगले 7 दिन तक संबंध बनाने से प्रेगनेंसी के अवसर बढ़ जाते हैं। आइए हम प्रेग्नेंट होने के लिए संबंध बनाने संबंधित कुछ बातों के बारे में बताने का प्रयास करेंगे।

1. ओव्यूलेशन के बाद

जो महिलाओं को मासिक धर्म आता है तो तीन-चार दिन बाद मासिक धर्म बंद हो जाता है और ओवुलेशन का समय शुरू हो जाता है इस दौरान अंडाशय से अंड निकलते हैं और इस दौरान यदि पुरुष और स्त्री आपस में रिलेसन करते हैं तो प्रेग्नेंट होने के अवसर बढ़ जाते हैं।

अधिकांश लोगों को ओव्यूलेशन के समय के विषय में जानकारी नहीं होती जिसकी वजह से प्रेग्नेंसी की संभावना सही समय पर नहीं हो पाती है इसलिए प्रेग्नेंट होने के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण समय ओव्यूलेशन का होता है। Ovulation के बाद जब संबंध बनाती है तो अंडाशय से निकलने वाले अंड फैलोपियन ट्यूब में आ जाते हैं और जब स्पर्म से मिलते हैं तो निषेचन के बाद भ्रूण का निर्माण होता है इस प्रकार से स्त्री प्रेग्नेंट होती है।

2. ओवुलेशन का समय

अगर आपको ओवुलेशन का समय नहीं पता होता है तो प्रेगनेंसी के अवसर कम हो जाते हैं ऐसे में आपको यह जानकारी होना जरूरी है कि ओवुलेशन का समय कब होता है। सभी महिलाओं को एक निश्चित समय में माहवारी होती है माहवारी लगभग 12 वर्ष की अवस्था से प्रारंभ होकर 45 साल तक लगातार हर महीने होती रहती है।

माहवारी लगभग 3 से 5 दिन तक लगातार होती रहती है इस दौरान अंडो का उत्सर्जन नहीं होता है इसलिए माहवारी के समय रिलेसन करने से प्रेग्नेंट होने की संभावनाएं बहुत कम होती है लेकिन जैसे ही महावरी समाप्त होती है उसके अगले दिन से लगभग 7 दिन तक ओवुलेशन का समय होता है। कुछ महिलाओं में ओवुलेशन का समय माहवारी समाप्त होने के बाद 10 दिन तक रहता है।

missing period

इस दौरान महिलाओं के गर्भाशय से गर्भधारण करने वाले अंडाणु स्रावित होते हैं इस तरह से अगर आप ओवुलेशन समय में रिलेसन करते हैं तो गर्भधारण की क्षमता अत्यधिक होती है। इस तरह से हर महीने पीरियड के बाद अगले 7 दिन तक ओवुलेशन का समय होता है। ऐसे में अगर आप सही समय पर सहवास करते हैं तो निश्चित है कि गर्भ धारण हो सकता है।

ओवुलेशन के समय स्त्री के शरीर का तापमान बढ़ जाता है और उसके अंदर रिलेसन की कामोत्तेजना बढ़ जाती है. जिसकी वजह से स्त्री ना चाहते हुए भी रिलेसन के लिए प्रेरित हो जाती हैं और जब इन स्थितियों से स्त्री गुजरती है तो ओवेशन हो जाता है इस समय रिलेसन करने से स्त्री गर्भ धारण कर लेती हैं।

3. जब महिला संबंध बनाने के लिए तैयार हो

अक्सर लोग महिलाओं से संबंध बनाने के लिए लालायित रहते हैं वह चाहे अपनी पत्नी हो या अन्य कोई महिला। अगर आप उससे संबंध बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले यह देखना जरूरी है कि महिला संबंध बनाने के लिए तैयार है या नहीं है. क्योंकि यह आवश्यक नहीं है कि संबंध बनाने मात्र से प्रेग्नेंट हो सकती है बल्कि इसके लिए पूरी तैयारी होना जरूरी है।

love

अक्सर लोग इस प्रकार की गलती कर बैठते हैं जिससे संबंध टूट जाते हैं अतः इन सब चीजों का ध्यान रखते हुए संबंध बनाने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि जब एक दूसरे के लिए तैयार रहते हैं तो उनके अंदर एक अलग अंदाज में संबंध बनता है जिससे स्त्री को प्रेग्नेंट होने के लिए संबंध बनाना महत्वपूर्ण हो जाता है।

4. शुक्राणु और अंडाणु की गुणवत्ता की जांच करना

प्रेग्नेंट होने के लिए किसी भी महिला को संबंध बनाना आवश्यक होता है लेकिन संबंध बनाने के बावजूद भी अगर प्रेगनेंसी को लेकर किसी प्रकार की समस्या है अर्थात गर्भधारण नहीं हो रहा है तो हो सकता है कि पुरुष में शुक्राणु और महिला में अंडाणु की गुणवत्ता की कमी हो। ऐसी स्थिति में शुक्राणु और अंडाणु की गुणवत्ता की जांच करवाना आवश्यक होता है. क्योंकि कई बार शुक्राणुओं की संख्या में कमी और गुणवत्ता की कमी के कारण गर्भधारण नहीं हो पाता है।

sperium veery sperm

इन परिस्थितियों को ध्यान देते हुए व्यक्ति को चाहिए कि स्त्री और पुरुष दोनों अपनी अपनी जांच कराएं तदोपरांत उनमें सुधार करें और उसके बाद संबंध ज्ञापित करें इससे गर्भधारण की क्षमता बढ़ जाती है क्योंकि मासिक का हर बार सही समय पर आता है परंतु अंडाणु उत्सर्जित नहीं हो पाते हैं या फिर शुक्राणु की संख्या में कमी हो जाती है जिसकी वजह से फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया नहीं हो पाती है और गर्भधारण नहीं होता है।

निष्कर्ष

दोस्तों प्रेग्नेंट होने के लिए स्त्री से संबंध कब बनाना चाहिए तो इस संबंध में यह जानना आवश्यक होता है की ओव्यूलेशन का समय क्या है और अवल्शन सही से हो रहा है या नहीं हो रहा है स्त्रियों के मासिक धर्म में उतार-चढ़ाव को भी ध्यान देना पड़ता है क्योंकि जब कभी भी स्त्री के मासिक में किसी भी प्रकार का उतार-चढ़ाव होता है तो ओव्यूलेशन सही समय से नहीं हो पाता है.

जिसकी वजह से प्रेग्नेंट होने में दिक्कत आती है ऐसे में हमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह आती है स्त्री के अंदर मासिक और ओव्यूलेशन सही समय पर होता है या नहीं।

Leave a Comment