रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं Raat me sindoor lagana chahiye ya nahi : हेलो दोस्तों नमस्कार आज मैं आप लोगों को इस लेख के माध्यम से बताऊंगी रात को सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं. क्योंकि हिंदू धर्म में जब तक दूल्हा अपने हाथों से दुल्हन की मांग में पांच या फिर 7 बार सिंदूर नहीं भरता है तब तक विवाह पूर्ण रुप से संपन्न नहीं होता है.
क्योंकि सिंदूर ही महिला के सुहागिन होने का प्रमुख प्रतीक और प्रमुख श्रंगार भी इसीलिए हर सुहागन महिला को और कुंवारी लड़कियों को भी यह जानकारी होनी चाहिए कि रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं. क्योंकि शास्त्रों के अनुसार सिंदूर को लगाने के कुछ नियम और समय बताए गए हैं. अगर सुहागन महिलाएं इन नियमों का पालन करते हुए शुभ समय पर सिंदूर लगाती हैं तो आपके सुहाग पर किसी भी प्रकार की आंच नहीं आएगी.
इसीलिए हम यहां पर बताएंगे सिंदूर को रात में लगाना चाहिए या नहीं लगाना चाहिए. क्योंकि हमने अपनी दादी और मम्मी से रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं इसके विषय में प्रश्न किया तो उन्होंने हमें जो जानकारी दी है वह जानकारी हम आप लोगों तक इस लेख के माध्यम से पहुंचाने की कोशिश करेंगे.
ताकि आप लोग भी जान सके रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं ऐसे में अगर आप लोग इस जानकारी को प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें
- 1. रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं | Raat me sindoor lagana chahiye ya nhi
- 2. रात में सिंदूर लगाने के नुकसान | Raat me sindoor lagane ke nuksan
- 3. सिंदूर दिन में किस समय लगाना चाहिए ?
- 4. सिंदूर किस समय नहीं लगाना चाहिए ?
- 5. सिंदूर कैसे लगाना चाहिए ? | Sindoor kaise lagana chahiye ?
- 6. कोई भी व्रत करें तो सिंदूर अवश्य लगाएं
- 7. सिंदूर कितने कलर के होते हैं ? | Sindoor kitne prakar ke hote hai ?
- 8. सुहागन स्त्रियों के लिए सिंदूर इतना खास क्यों होता है ?
- 9. FAQ : रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं
- 9.1. मांग में सिंदूर लगाते समय अगर नाक पर सिंदूर गिर जाए तो क्या होता है ?
- 9.2. सिंदूर को बीच माग में ही क्यों भरना जाता है ?
- 9.3. क्या एक स्त्री दूसरी स्त्री का सिंदूर अपनी मांग में लगा सकती हैं ?
- 10. निष्कर्ष
रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं | Raat me sindoor lagana chahiye ya nhi
बहुत रिसर्च और सुहागिन महिलाओं से पूछताछ के बाद पता चला है हर रात सुहागन महिला को अपनी मांग में सिंदूर नहीं लगाना चाहिए क्योंकि हर रोज अगर आप नियमित रूप से सोते समय अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं, तो आपके घर में और आपके पति के मन में नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश होता है.
जिसकी वजह से घर की सुख शांति चली जाती है रात के अलावा सुहागन महिलाओं को सूर्य अस्त के समय भूलकर भी सिंदूर नहीं लगाना चाहिए और ना तो घर में झाड़ू लगाना चाहिए हो सके, तो सूर्य अस्त के समय कोई भी कार्य ना करें नहीं तो आपके जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और आपके घर की सुख-शांति नष्ट हो जाएगी.
इसके अलावा आप करवा चौथ की रात, घर में कोई पूजा है या फिर शादी पार्टी में जाना है, तो ऐसे समय में आप रात को अपनी मांग में सिंदूर लगा सकती है. मगर इसके लिए आपको अपने हाथ से नहीं बल्कि अपने पति के हाथों से अपनी मांग में सिंदूर लगाना चाहिए, तो आपके घर में सकारात्मक शक्तियों का प्रवेश होगा और आप दोनों के बीच प्रेम संबंध और मजबूत बनेंगे और आपका सुहाग सलामत रहेगा
रात में सिंदूर लगाने के नुकसान | Raat me sindoor lagane ke nuksan
अगर कोई महिला रात को सोते समय सिंदूर लगाती है तो उसके जीवन में कई बुरे प्रभाव पड़ सकते हैं जैसे :
- सबसे पहली बात अगर कोई सुहागन महिला रात को सिंदूर लगाने का नियम बना लेती है और हर रात को सोने से पहले सिंदूर लगाती है तो इससे उसके घर में भूत प्रेत और नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश हो जाता है जिसकी वजह से घर के सुख शांति नष्ट हो जाती हैं
- रात को सिंदूर लगाने से पति के मन में पत्नी के प्रति नकारात्मक सोच जागृत होती है
- रात को मांग में सिंदूर लगाने से शारीरिक कष्ट मिल सकता है
- अगर एक सुहागन महिला 1 महीने तक लगातार रात को अपनी मांग में सिंदूर लगाती है तो उसके घर में दरिद्रता आ जाती है
- रात को सिंदूर लगाने से पति पत्नी के रिश्ते में दरार आ जाती है
- इसके अलावा अगर एक सुहागन महिला कभी कभी रात को सोते समय अपने पति के हाथ से मांग में सिंदूर भरवाती है तो शुभ फल मिलते हैं.
सिंदूर दिन में किस समय लगाना चाहिए ?
ज्योतिष शास्त्र और बुजुर्ग महिलाओं के अनुसार सुहागन महिला को सुबह स्नान आदि से निवृत होकर मां पार्वती और माता लक्ष्मी की पूजा करके उन्हें सिंदूर दान करें और फिर उन्हें सिंदूर का तिलक लगाएं उसके पश्चात वही सिंदूर आप अपने मांग में पूजा करने के पश्चात लगा लें ऐसा करने से मां पार्वती और माता लक्ष्मी सुहागन महिला को सौभाग्यवती होने का वरदान देती हैं.
सिंदूर किस समय नहीं लगाना चाहिए ?
शास्त्रों तथा बुजुर्ग सुहागन महिलाओं के अनुसार एक सुहागन महिला को पीरियड आने के समय भूलकर भी अपनी मांग में सिंदूर नहीं लगाना चाहिए ऐसा करने से सुहाग पर बुरा प्रभाव पड़ता है और दोनों के बीच रिश्तो में दरार आ सकती है क्योंकि पीरियड के समय महिलाएं अशुद्ध मानी जाती हैं और सिंदूर शुद्ध होने का प्रतीक है इसीलिए उस समय सिंदूर को नहीं लगाना चाहिए.
इसके अलावा अगर सुहागन महिला मंगलवार के दिन हनुमान बाबा के मंदिर दर्शन के लिए जाती है तो उसे मंगलवार के दिन अपनी मांग में सिंदूर नहीं लगाना चाहिए क्योंकि हनुमान बाबा ब्रह्मचारी होते हैं इसीलिए उस समय मांग में सिंदूर ना लगाएं खास करके जो सिंदूर आप हनुमान मंदिर में दान करें उसे भूलकर भी ना लगाएं
इसी के साथ में नहाने के तुरंत बाद भी मांग में सिंदूर नहीं लगाना चाहिए ऐसा करने से सुहागन महिला के मन में तरह-तरह के विचार उत्पन्न होने लगेंगे और फिर घर में दरिद्रता का निवास हो जाएगा
चंद्र ग्रहण के समय महिलाओं को सिंदूर नहीं लगाना चाहिए और ना तो कोई कार्य करना चाहिए.
सिंदूर कैसे लगाना चाहिए ? | Sindoor kaise lagana chahiye ?
हर सुहागन महिला को अपने मांग में सिंदूर लगाने के लिए सुबह स्नान आदि से निवृत हो जाना चाहिए और फिर भोजन बनाकर ग्रहण कर लेना चाहिए और घर में सभी को खिला देना चाहिए. उसके पश्चात ही अपनी मांग में सिंदूर भरना चाहिए. क्योंकि खाली पेट मांग में सिंदूर भरना शास्त्र के अनुसार अनुचित माना गया है इसीलिए आप नहाने के तुरंत बाद में मांग में सिंदूर ना लगाएं और भूखे पेट सिंदूर ना लगाएं.
और सिंदूर लगाने का सबसे अच्छा तरीका अगर आपके पति घर पर है तो आप उनके हाथों से ही अपनी मांग में सिंदूर लगाएं तो इससे दोनों के बीच रिश्ता मजबूत बनता है और दोनों के अंदर एक दूसरे के प्रति सकारात्मक के सोच जागृत होती है
कोई भी व्रत करें तो सिंदूर अवश्य लगाएं
अगर कोई सुहागन महिला किसी भी देवी का कोई भी व्रत रखती है तो उसे पूजा पाठ करने के पश्चात माता को सिंदूर दान करना चाहिए और फिर उसी सिंदूर को अपनी मांग में लगाना चाहिए ऐसा करने से देवी माता आपको सदा सुहागन रहने का वरदान देंगी और आपके और आपके पति के मन में एक दूसरे के प्रति सकारात्मक सोच उत्पन्न होगी जिससे आपका रिश्ता मजबूत बनेगा और आपके घर में खुशहाली आएगी.
इसके अलावा हर सुहागन महिला यह तो जानती ही होगी कि हिंदू धर्म में कितने त्योहार होते हैं इसीलिए सुहागन महिला को अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखना आवश्यक होता है उस रात को हर महिला को पूरे श्रृंगार करके करवा चौथ का व्रत तोड़ना होता है इसीलिए पूरे सिंगार करने के बाद आप सिंदूर अपने पति के हाथों से मांग में भरवाए तो आपको करवा चौथ पूर्ण रूप से सफल हो जाएगा और आपके पति की आयु बड़ेगी आपके रिश्ते में एक दूसरे के प्रति प्रेम भावना जागृत होगी
इसके अलावा होली दीपावली इन सभी त्यौहार को भी पति के हाथों से मांग में सिंदूर भरवाना बहुत ही ज्यादा सुखदायक माना जाता है
सिंदूर कितने कलर के होते हैं ? | Sindoor kitne prakar ke hote hai ?
समानता सिंदूर के दो कलर होते हैं एक लाल कलर और एक पीला यानी कि नारंगी कलर इसीलिए जो महिलाएं बौद्ध धर्म को अपनाती हैं उन्हें नारंगी यानी कि पीले कलर का सिंदूर अपने मांग में भरना चाहिए, तो आपका सुहाग लंबे समय तक बना रहेगा .
सुहागन स्त्रियों के लिए सिंदूर इतना खास क्यों होता है ?
जब किसी स्त्री का विवाह होता है तो उसकी मांग में सिंदूर भरा जाता है और बिना सिंदूर के सुहागन होने की कल्पना नहीं की जा सकती है सिंदूर सुहागन महिला की सबसे खास निशानी है जो सुहागन महिला के लिए सिंदूर का विशेष महत्व है.
हिंदू धर्म में मांग में सिंदूर लगाना शुभ माना गया है और सबसे खास बात यह है कि स्त्रियों के सोलह सिंगार में से सिंदूर सबसे प्रमुख श्रंगार होता है लेकिन क्या आप लोगों ने कभी सोचा है कि मांग में सिंदूर लगाने की परंपरा क्यों बनाई गई है अगर नहीं तो आइए जानते हैं सिंदूर लगाना इतना खास क्यों बताया गया है :
- सिंदूर लगाने से पति की आयु लंबी होती है
- पति के हाथों से मांग में सिंदूर लगवाने से वैवाहिक जीवन में सुख शांति बनी रहती है और बहुत जल्दी संतान की प्राप्ति होती है
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सिंदूर मांग में लगाने के अलावा घर की चौखट पर भी लगाया जाता है इससे घर की नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं और सकारात्मक शक्तियां प्रवेश करती हैं
- समुद्र शास्त्र के अनुसार सूखा सिंदूर पूरी मांगने भरने से दरिद्रता दूर होती है
- सिंदूर को लेकर वैज्ञानिक लोगों का कहना है सिंदूर में पारा धातु पाया जाता है जिसको लगाने से मन शांत और तनावमुक्त रहता हैं और चेहरे पर झाइयां नहीं आती हैं
- शादी के बाद सिंदूर इसलिए लगाया जाता है क्योंकि महिलाओं की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं
- समाज की नजरों में सुहागन होने के लिए सिंदूर लगाना महत्वपूर्ण बताया गया है
- सिंदूर लगाने से पति के मन में पत्नी के लिए सकारात्मक सोच जागृत होती है
- पति पर भी किसी भी प्रकार की आंच आने पर सुहागन महिला अपने सिंदूर के लिए माता रानी का व्रत रखते हैं इसीलिए सिंदूर का विशेष महत्व है
- सिंदूर से महिलाओं की खूबसूरती बढ़ती है और उनके अंदर सकारात्मक ऊर्जा आती हैं.
FAQ : रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं
मांग में सिंदूर लगाते समय अगर नाक पर सिंदूर गिर जाए तो क्या होता है ?
सिंदूर को बीच माग में ही क्यों भरना जाता है ?
क्या एक स्त्री दूसरी स्त्री का सिंदूर अपनी मांग में लगा सकती हैं ?
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं इसके विषय में विस्तार पूर्वक से बताया है अगर आप लोगों ने इस लेख को शुरु से अंत तक पढ़ा होगा, तो आप लोगों को रात में सिंदूर लगाना चाहिए या नहीं और रात में सिंदूर क्यों नहीं लगाना चाहिए और सिंदूर कब लगाना चाहिए, कैसे लगाना चाहिए ?
यह सारी जानकारी मिल गई होगी तो दोस्तों हम उम्मीद करते हैं आप लोगों को हमारे द्वारा बताइए जानकारी पसंद आई होगी और हमारा यह लेख आप लोगों के लिए उपयोगी साबित हुआ होगा.