व्रत नियम : पीरियड में सोलह सोमवार का व्रत रखना चाहिए या नहीं ? | सोलह सोमवार व्रत ड्यूरिंग पीरियड्स : Solah somvar vrat during period

सोलह सोमवार व्रत ड्यूरिंग पीरियड्स | Solah somvar vrat during period : दोस्तों भगवान शिवजी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए लोग सोमवार के दिन व्रत करते हैं/हिंदू धर्म में ज्यादातर महिलाएं सोलह सोमवार व्रत रखने का संकल्प करती हैं। भगवान शिव के लिए सोमवार का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

सोलह सोमवार व्रत ड्यूरिंग पीरियड्स | solah somvar vrat during period :

परंतु जब कोई भी महिला भगवान शिव की सोलह सोमवार व्रत करने का संकल्प लेती है तो उसके सामने सबसे बड़ी समस्या पीरियड की होती हैं। अगर कोई भी महिला सोलह सोमवार का व्रत धारण करती है और इस दौरान उसे पीरियड प्रारंभ हो जाता है तो सोलह सोमवार व्रत ड्यूरिंग पीरियड कैसे करें? इस विषय पर हम अपने इस लेख में जानकारी देने जा रहे हैं।

जहां महिलाओं के लिए करवा चौथ, कजरी तीज, जन्माष्टमी जैसे पर्व पर व्रत रखती हैं वही सोलह सोमवार के व्रत भी धार्मिक रूप से विशेष महत्वपूर्ण होते हैं। सोलह सोमवार का व्रत अविवाहित और विवाहित सभी प्रकार की महिलाएं रखती हैं। धर्म शास्त्र कहते हैं कि सोलह सोमवार का व्रत अगर कोई अविवाहित महिला रखती है तो उसे मनचाहा वर प्राप्त होता है।

सोलह सोमवार व्रत ड्यूरिंग पीरियड | Solah somvar vrat during period

भगवान भोलेनाथ की कृपा से सोलह सोमवार के व्रत रखने से हर इच्छा पूर्ण होती है। लेकिन समस्या तब उत्पन्न होती है जब कोई महिला सोलह सोमवार का व्रत लेने का संकल्प करती है और उसे सोमवार के दिन ही पीरियड प्रारंभ हो जाता है तो सोलह सोमवार व्रत ड्यूरिंग पीरियड्स कैसे करें? क्या व्रत किया जा सकता है ?

पीरियड आने के बाद धार्मिक मान्यताएं कहती हैं कि महिलाओं को व्रत नहीं रखना चाहिए लेकिन सोमवार के दिन ही अगर पीरियड आ जाता है तो उस दिन महिलाएं व्रत कर सकती हैं लेकिन पूरी शुद्धता और सफाई तथा नियमों का पालन करना जरूरी होता है।

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यदि किसी भी महिला को सोमवार से पहले अगर पीरियड प्रारंभ हो जाता है तो ऐसे में धर्म शास्त्र कहते हैं कि महिलाओं को व्रत धारण नहीं करना चाहिए बल्कि इस दौरान महिलाओं को मानसिक रूप से चिंतन और मनन करना चाहिए तथा पूजा-पाठ परिवार के किसी अन्य सदस्य के द्वारा करवाना चाहिए।

अगर आप एक महिला हैं और सोलह सोमवार का व्रत धारण करती हैं तो सोमवार के व्रत धारण करने से पहले पीरियड प्रारंभ हो जाता है तो ऐसे में सोमवार के दिन व्रत धारण ना करें, बल्कि अगले सोमवार तक अगर पीरियड समाप्त होता है तो पूरी तरह से शुद्ध होकर व्रत प्रारंभ कर सकती हैं। ऐसे में व्रत खंडित नहीं माना जाता है।

अगर किसी भी महिला को सोमवार के दिन पीरियड आ रहा है तो इस दौरान महिलाओं को प्रमुख रूप से अचार छूने के लिए वर्जित है और इसके अलावा अगर आप परिवार के लोगों के लिए भोजन बनाती हैं तो साफ सफाई और शुद्धता के साथ बनाएं।

सोलह सोमवार व्रत ड्यूरिंग पीरियड महिलाओं को किसी भी प्रकार की पूजा पाठ नहीं करनी चाहिए और पूजा से संबंधित किसी प्रकार की सामग्री को भी नहीं छूना चाहिए बल्कि किसी अन्य के द्वारा पूजा करवाएं तथा पूजा स्थल से दूर बैठकर मानसिक रूप से मनन और मंत्रोचार कर सकती हैं।

सोलह सोमवार व्रत ड्यूरिंग पीरियड्स के नियम | Solah somvar vrat during period ke niyam

सोलह सोमवार का व्रत एक लोकप्रिय व्रत है लेकिन महिलाओं के लिए सोमवार व्रत ड्यूरिंग पीरियड के कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है और यदि पुरुष हैं तो उन्हें ब्रम्हचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए।

शिवजी का चाँद

 

लेकिन बात महिलाओं की है तो महिलाओं को पीरियड के दौरान सोलह सोमवार के व्रत के नियमों का पालन करना अति आवश्यक होता है जिससे व्रत किसी भी प्रकार से खंडित ना हो आइए जानते हैं सोलह सोमवार व्रत ड्यूरिंग पीरियड के नियम क्या है ?

  1. सोमवार का व्रत भगवान भोलेनाथ से संबंधित है इसलिए अगर कोई भी महिला व्रत धारण करती है तो सोलह सोमवार के व्रत में पहले नियम के अनुसार उसको सूर्योदय से पहले उठकर पानी में तिल डालकर स्नान करना चाहिए।
  2. अगर आप सूर्य भगवान को जल अर्पित करती हैं तो सोमवार के व्रत में सभी को सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए तथा हल्दी मिश्रित जल से ही अर्घ देना चाहिए.
  3. सोमवार का व्रत भगवान भोलेनाथ का है इसलिए भगवान भोलेनाथ की उपासना करनी चाहिए और उपासना के दौरान तांबे के पात्र में शिवलिंग रखना चाहिए.
  4.  भगवान शिव जी को अभिषेक करने के लिए शुद्ध जल या गंगाजल लेना चाहिए तथा मनोकामना पूर्ति के लिए दूध दही चने की दाल काले तिल सरसों का तेल दही घी शहद जैसी सामग्रियों से अभिषेक कर सकते हैं।
  5. भगवान शिव को बिल्वपत्र धतूरे का फल प्रमुख रूप से समर्पित करना चाहिए और ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए।
  6. मंत्र जाप करने के साथ-साथ मां पार्वती और भोलेनाथ दोनों की पूजा की जानी चाहिए पूजा के दौरान सफेद फूल सफेद चंदन चावल पंचामृत सुपारी और विभिन्न प्रकार के फल लेना चाहिए.
  7. भगवान शिव को अभिषेक और पूजा के साथ मंत्रोचार करते हैं महामृत्युंजय मंत्र, पंचाक्षरी मंत्र या अन्य किसी प्रकार के मंत्र जाप कर सकते हैं जो भगवान शिव से संबंधित हैं और मंत्रों का गलत उच्चारण ना करें
  8. भगवान शिव और पार्वती की पूजा करने के बाद सोमवार व्रत कथा का पाठ करना चाहिए इसके बाद आरती करें और भगवान को भोग लगाकर घर परिवार में गांठ करके स्वयं ग्रहण करें।
  9. सोमवार का व्रत धारण करने वाली महिलाओं को प्रत्येक सोमवार को निश्चित समय पर पूजा पाठ करना चाहिए। इसे खंडित ना होने दें।
  10.  सोमवार का व्रत करने वाली सभी महिलाओं को सोमवार के दिन नमक से बने हुए प्रसाद को नहीं करना चाहिए।
  11. सोमवार का व्रत धारण करने वाले सभी लोगों को दिन में शयन नहीं करना चाहिए। रात्रि में शयन करने के लिए व्रत धारण करने वाले लोगों को साफ सफाई से युक्त विस्तर का प्रयोग करना चाहिए।
  12. सोमवार की पूजा करने के बाद प्रसाद के रूप में गंगाजल तुलसी लौंग लड्डू आदि में कोई एक चयन कर सकते हैं।
  13. व्रत धारण करने वाले सभी लोगों को व्रत के दौरान खाद्य सामग्री एक स्थान पर बैठकर ही ग्रहण करना चाहिए .
  14. अंतिम सोमवार को व्रत धारण करने वाली महिलाओं को किसी विवाहित जोड़े को कुछ ना कुछ दान करना चाहिए।

सोलह सोमवार व्रत पूजा सामग्री | solah somvar vrat pooja samagri

दोस्तों अगर आप सोलह सोमवार व्रत का संकल्प लिया है तो सोमवार व्रत में प्रयोग की जाने वाली सामग्री भी आवश्यक है क्योंकि सभी प्रकार के देवी देवताओं को हिंदू धर्म में अलग अलग तरीके से पूजा सामग्री समर्पित की जाती हैं सोमवार व्रत में पूजा सामग्री इस प्रकार हैं.

puja

बेलपत्र,धतूरा,भांग,सफेद,चंदन, सफेद, वस्त्र, रोली,गंगाजल, शिव जी की मूर्ति, धूप, दीप, नैवेद्य,जल,अष्टगंध आदि।

सोलह सोमवार व्रत की पूजाविधि | Solah somvar vrat ki puja vidhi

सभी प्रकार के व्रतों में पूजा विधि भी अलग-अलग तरीके से होती हैं ऐसे में अगर आप सोलह सोमवार का व्रत करते हैं तो आपको पूजा विधि का भी जानना जरूरी है जो इस प्रकार से हैं।

shivling

 

पूजा स्थल की साफ सफाई करके भगवान शिव की मूर्ति पर फूल और अक्षत समर्पित करते हुए शिवजी को जल से जलाभिषेक करें तथा बाद में सफेद वस्त्र समर्पित करके चंदन का तिलक लगाएं और उस पर अक्षत का भी तिलक करें।इसके बाद मंत्रोचार करते हुए सफेद पुष्प धतूरा बेलपत्र भांग पुष्पमाला अष्टगंध धूप आदि अर्पित करते हुए दीपक जलाएं तथा भगवान को बेल और नैवेद्य अर्पित करते हुए भोग करें।

सोमवार व्रत कथा करें ? | Solah somvar vrat katha karen ?

भगवान शिवजी की पूजा आराधना करने के बाद सोलह सोमवार व्रत कथा का पाठ करें या फिर किसी ब्राह्मण के द्वारा कथा का श्रवण करें। कथा का श्रवण करते समय शुद्ध वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल पर बैठकर कथा का श्रवण करते रहे कथा समाप्त होने के बाद आरती करें। आरती करते समय कपूर को जलाकर नीचे दिए गए मंत्र को पढ़ें।

व्रत कथा | Vrat katha

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् ।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि ।।

उपरोक्त मंत्र को पढ़ते हुए अर्थ का मनन करें जो इस प्रकार से है. भगवान भोलेनाथ आप कपूर के समान गौर वर्ण वाले हैं, करुणा के अवतार संसार के सार हैं, सर्पों का हार धारण करते हैं और ऐसे स्वरूप भगवान शिव माता पार्वती सहित हृदय में विराजमान हों और उन्हें मेरा नमन है.

सोमवार व्रत समापन कैसे करें ?

मित्रों जब कोई व्रत संकल्प से परिपूर्ण होता है और संकल्प व मनोकामना पूर्ण होती है तो उसके समापन की प्रक्रिया भी की जाती है ऐसे में अगर आप सोलह सोमवार का व्रत रखते हैं और व्रत पूरा होने के बाद उसे समापन करते हैं तो सोलह सोमवार व्रत समापन कैसे करें आइए जानते हैं।

सोलह सोमवार का निरंतर व्रत रखने के बाद 17 वें सोमवार को समापन किया जाता है सामान्य रूप से देखा जाए तो सावन के पहले और तीसरे सोमवार को सोमवार व्रत समापन करना ज्यादा शुभ माना जाता है।

shiv rudrabhishek mantra

इसके अलावा कार्तिक श्रावण,ज्येष्ठ, वैशाख या मार्गशीर्ष माह में भी व्रत का उद्यापन कर सकते हैं। सोलह सोमवार के व्रत का उद्यापन करने में शिव पार्वती और चंद्रदेव को संयुक्त रूप से पूजन हवन करते हैं. इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके चार द्वार वाला मंडप तैयार करें। बीच में वेदी बनाकर देवताओं का आवाहन करते हुए कलश की स्थापना करें।

कलश के ऊपर पानी से भरे हुए पात्र को रखकर ‘ओम नमः शिवाय ‘ मंत्र को पढ़ते हैं. भगवान शिव को स्थापित करें. तत्पश्चात नैवेद्य, फल, दक्षिणा, बेलपत्र, धतूरा, फूलगंध, पुष्प, धप, दर्पण, आदि देवताओ को अर्पित करें। हवन करें तथा हवन करने के बाद हवन कराने वाले ब्राह्मण को द्रव्य और मुद्रा दान करें और अन्य सामान भी उन्हें दे दे तथा भोजन आदि करा कर स्वयं भोजन करें इस प्रकार से सोलह सोमवार का व्रत समापन करें।

FAQ : सोलह सोमवार व्रत ड्यूरिंग पीरियड

पीरियड आने से क्या व्रत टूट जाता है ?

किसी भी प्रकार की बीमारी मासिक धर्म गर्भावस्था स्तनपान के दौरान व्रत खंडित नहीं माना जाता है।मुख्य रूप से पीरियड आने पर व्रत खंडित नहीं माना जाता है बल्कि उसे फिर से प्रारंभ कर सकते हैं।

पीरियड से कितने दिन बाद है बाल धोने चाहिए ?

सामान्य तौर पर महिलाओं को 4 दिन तक पीरियड रहता है कुछ महिलाओं में 5 से 6 दिन तक रहता है ऐसे में जब पूरी तरह से पीरियड आना बंद हो जाए तो बाल धो लेने चाहिए।

क्या पीरियड के दौरान सोमवार का व्रत रखा जा सकता है ?

पीरियड के दौरान महिलाओं को व्रत और पूजा पाठ करने के लिए मना किया गया है इसके अलावा व्रत रखने से महिलाओं को भूखा रहना पड़ता है जिसकी वजह से कुछ समस्याएं हो सकती हैं इसलिए व्रत ना रखें।

निष्कर्ष

दोस्तों महिलाओं को पीरियड से संबंधित कई प्रकार के धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने से वर्जित किया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पीरियड के दौरान महिला को अपवित्र माना जाता है इसीलिए अगर वह किसी भी प्रकार का व्रत रखती है तो व्रत और पूजा पाठ या अन्य अनुष्ठान करने के लिए उचित नहीं माना जाता है।

हम अपने इस आर्टिकल में सोलह सोमवार व्रत ड्यूरिंग पीरियड के संबंध में अधिक से अधिक जानकारी देने का प्रयास किया है।

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