सोमवार व्रत कब खोलना चाहिए ? | Somvar vrat kab kholna chahiye : नमस्कार दोस्तों हार्दिक स्वागत है आपका आज के इस लेख में आज इस लेख के माध्यम से हम आप लोगों को सोमवार व्रत कब खोलना चाहिए इसके विषय में अवगत कराएंगे इसके साथ आप लोगों को यह भी बताएंगे कि सोमवार व्रत में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए.
और सोमवार व्रत से जुड़ी अन्य जानकारी कि सोमवार व्रत कब खोलना चाहिए ? और इस व्रत को रखने के कौन से नियम है ? इस व्रत में किस विधि द्वारा पूजा संपन्न की जाएं जिससे भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तजनों को शीघ्र ही आशीर्वाद प्रदान करें और आप लोगों को सोमवार व्रत में की जाने वाली आरती के विषय में भी बताएंगे.
इतना ही नहीं इसके साथ आप लोगों को यह भी बताएंगे कि इनकी पूजा करने से क्या लाभ होता है यदि आप लोग भी भगवान शिव जी कि सोमवार के दिनों में पूजा कर उन्हें प्रसन्न कर अपने जीवन के कष्टों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो हमारे द्वारा दिए गए इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें.
- 1. सोमवार व्रत कब रखना चाहिए ? | Somvar vrat kab rakhna chahiye ?
- 2. सोमवार व्रत कब खोलना चाहिए ? | Somvar vrat kab kholna chahiye ?
- 3. सोमवार व्रत के नियम | Somvar vrat ke niyam
- 4. सोमवार व्रत में क्या खाना चाहिए ? | Somvar vrat me kya khana chahiye ?
- 5. सोमवार व्रत सामग्री |Somvar vrat samagri
- 6. सोमवार व्रत पूजा विधि | Somvar vrat pooja vidhi
- 7. सोमवार व्रत आरती | Somvar vrat arti
- 8. सोमवार व्रत के फायदे | Somvar vrat ke fayde
- 9. FAQ : सोमवार व्रत कब खोलना चाहिए
- 9.1. सोमवार व्रत में क्या खाना चाहिए ?
- 9.2. सोमवार का व्रत कैसे खोला जाता है ?
- 9.3. क्या सोमवार के व्रत में चाय पी सकते हैं
- 10. निष्कर्ष
सोमवार व्रत कब रखना चाहिए ? | Somvar vrat kab rakhna chahiye ?
शास्त्रों के अनुसार सोमवार का दिन भगवान शिव का प्रिय दिन माना जाता है जिस तरह सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है उसी प्रकार सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित किया गया है माना जाता है इस दिन भगवान शिव की विधिवत भक्ति भावना के साथ पूजा करने से भगवान शिव जल्दी ही प्रसन्न होकर अपने भक्तजनों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं.
जिससे भक्त जनों की मनोकामनाएं जल्दी पूर्ण हो जाती है धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान शिव की पूजा करने के लिए अथवा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए केवल सोमवार का दिन ही सबसे महत्वपूर्ण माना गया है जैसा कि हम जानते हैं सावन का महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होता है क्योंकि इस समय माता पार्वती भी उनके साथ होती है इसलिए यदि हम सोमवार व्रत की शुरुआत सावन के महीने से करते हैं.
तो भगवान शिव और माता पार्वती दोनों का आशीर्वाद हमें प्राप्त होता है और हमारे जीवन में चल रही समस्याएं उनके आशीर्वाद से जल्द ही दूर हो जाती है इसलिए हमें सोमवार व्रत की शुरुआत सावन के महीने से ही करनी चाहिए.
सोमवार व्रत कब खोलना चाहिए ? | Somvar vrat kab kholna chahiye ?
भगवान शिव को समर्पित सोमवार का व्रत निर्जला नहीं होता है इस व्रत में फलाहार ग्रहण किया जाता है कुछ लोग इस व्रत को पूरा दिन निर्जला रखते हैं वहीं कुछ लोग इस व्रत में निर्धारित समय पर फलाहार करते हैं जहां तक बात आती है सावन सोमवार या फिर सोमवार व्रत खोलने की तो सावन सोमवार या फिर सोमवार का व्रत अगले दिन सूर्य उदय के बाद शिव और पार्वती की पूजा करके खोलना चाहिए.
लेकिन यदि हम चाहते हैं कि हमारी पूजा से भगवान शिव जल्दी ही प्रसन्न हो जाए तो इस व्रत को हमें पूरा दिन रखना चाहिए व्रत के दौरान बार-बार फलाहार नहीं करना चाहिए एक निश्चित समय पर ही फलाहार कर लेना चाहिए और सुबह स्नान करने के पश्चात ही इस व्रत को खोलना चाहिए.
सोमवार व्रत के नियम | Somvar vrat ke niyam
हिंदू धर्म में सोमवार व्रत रखने की परंपरा बहुत ही प्राचीन हैं और इस व्रत का धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है इस व्रत को रखने के कुछ विशेष नियम बताए गए है जिनक बारे में हम आपको बताने जा रहें है.
- जिस दिन आपको सोमवार व्रत रखना हो उस दिन सुबह जल्दी उठकर घरेलू कार्य से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें.
- इसके पश्चात आपके घर के निकट में जो भी शिव मंदिर हो उसमे जाकर भगवान शिव और माता पार्वती का अभिषेक करना चाहिए और भगवान शिव की विधि विधान के साथ पूजा करनी चाहिए.
- भगवान शिव की पूजा करते समय कभी भी उन्हें सिंदूर का तिलक नहीं लगाना चाहिए उन्हें चंदन का ही तिलक लगाना चाहिए.
- व्रत रखते समय निर्धारित समय फलाहार करना चाहिए और जहां तक हो सके व्रत में एक बार ही फलाहार करना चाहिए.
- सोमवार व्रत रखते समय पूजा पाठ में गलती नहीं करनी चाहिए क्योंकि यदि पूजा में त्रुटियां होती है तो पूजा सू संपन्न नहीं मानी जाती और ऐसी पूजा से भगवान जल्दी प्रसन्न नहीं होते इसलिए पूजा विधि विधान के साथ और त्रुटि रहित होनी चाहिए.
- व्रत के नियमों में संकल्प लेना बहुत महत्वपूर्ण माना गया है इसलिए व्रत को करते समय संकल्प लेना चाहिए.
सोमवार व्रत में क्या खाना चाहिए ? | Somvar vrat me kya khana chahiye ?
शरीर के लिए भोजन आवश्यक है हालांकि सोमवार व्रत में कुछ चीजें खाना वर्जित माना गया है लेकिन लगातार उपवास रखने से हमारी तबीयत भी खराब हो सकती है इसलिए शास्त्रों के अनुसार व्रत के दौरान कुछ चीजें निर्धारित की गई है जिन्हें हम फलाहार के रूप में खा सकते हैं. दूध, फल, साबूदाने की खीर, आलू ,सेंधा नमक आदि.
सोमवार व्रत सामग्री |Somvar vrat samagri
- शिव जी की मूर्ति
- भांग
- जल
- दीप
- धूपबत्ती
- अगरबत्ती
- धतूरा
- इत्र
- रोली एवं चंदन
- फूल एवं मिष्ठान
सोमवार व्रत पूजा विधि | Somvar vrat pooja vidhi
सोमवार के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की सफाई करने के साथ-साथ शिव मंदिर की भी अच्छे से सफाई कर देनी चाहिए उसके पश्चात स्नानादि करके पूजा की थाल तैयार कर लेनी चाहिए जिसमें पूजा का आवश्यक सामान जैसे भांग ,धूप ,दूध, जल ,अगरबत्ती, धूप ,बत्ती, दीप ,इत्र ,धतूरा, रोली, चंदन ,फल और मिष्ठान को रख लेना चाहिए.
इसके पश्चात आप पूजा की थाल लेकर शिव मंदिर में जाएं शिव मंदिर में जाकर सबसे पहले भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें उसके पश्चात उन्हें रोली से तिलक लगाएं टीका करने के पश्चात धूप दीप और अगरबत्ती को भगवान शिव के समक्ष प्रज्वलित करें ध्यान रहे बहुत से व्यक्ति धूपबत्ती दीप और अगरबत्ती को शिवलिंग पर ही प्रज्वलित कर देते हैं उसे शिवलिंग से अलग प्रज्वलित करना चाहिए.
दीपक प्रज्वलित करने के पश्चात भगवान शिव जी को भांग धतूरा इत्र अर्पित करें उसके पश्चात आप भगवान शिव को फूल भी अर्पित करें और भगवान शिव को मिष्ठान से भोग लगाएं और अंत में भगवान शिव जी की आरती उतारे.पूजा संपन्न करने के पश्चात आपके मन में जो भी इच्छा हो उसे हाथ जोड़कर आंखें बंद कर पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिवजी से व्यक्त करें.
सोमवार व्रत आरती | Somvar vrat arti
ॐ जय शिव ओंकारा , प्रभु हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, अर्द्धांङ्गी धारा ॥
|| ॐ जय शिव ओंकारा……||
एकानन, चतुरानन, पंचानन राजै |
हंसानन , गरुड़ासन, वृषवाहन साजै॥
|| ॐ जय शिव ओंकारा……||
दो भुज चार चतुर्भज दस भुज अति सोहै |
तीनों रुप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
|| ॐ जय शिव ओंकारा……||
अक्षमाला, वनमाला ,मुण्डमाला धारी |
चंदन, मृगमद चंदा सोहै, त्रिपुरारी ॥
|| ॐ जय शिव ओंकारा……||
श्वेताम्बर, पीताम्बर, बाघाम्बर अंगे।
सनकादिक, ब्रह्मादिक, भूतादिक संगे॥
|| ॐ जय शिव ओंकारा……||
कर मध्ये कमण्डलु, चक्र त्रिशूलधारी |
सुखकारी दुखहारी जगपालनकारी ॥
|| ॐ जय शिव ओंकारा……||
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका |
प्रवणाक्षर में शोभित ये तीनों एका ॥
|| ॐ जय शिव ओंकारा……||
त्रिगुण शिव जी की आरती जो कोई नर गावे |
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥
|| ॐ जय शिव ओंकारा……||
॥ इति श्री शिव जी की आरती॥
||| ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय |||
सोमवार व्रत के फायदे | Somvar vrat ke fayde
- जो भी व्यक्ति सोमवार व्रत रखता है उसका पारिवारिक क्लेश समाप्त हो जाता है और उसके घर में हंसी खुशी का माहौल बना रहता है.
- इस संसार में बहुत से लोग ऐसे हैं जो सुखी होने के बावजूद भी सुखी नहीं है जिनके पास सब कुछ है लेकिन वे संतान के सुख से वंचित है माना जाता है जो व्यक्ति भगवान शिव को प्रसन्न कर आशीर्वाद प्राप्त करता है उसके यहां बच्चों की किलकारियां हमेशा गूंजती रहती है.
- जो भी कुंवारी कन्या इस व्रत को पूर्ण निष्ठा के साथ संपन्न करती है उसे सुयोग्य जीवनसाथी मिलता है.
- कुछ लोग भूत-प्रेत के चक्कर से बहुत ही परेशान रहते हैं जैसा कि हम जानते हैं जो भी व्यक्ति इस व्रत को रखता है उसके ऊपर ऊपरी हवा भूत प्रेत का साया कभी भी नहीं पड़ता है.
- जहां कुंवारी कन्या इस सोमवार व्रत को सूयोग्य जीवनसाथी पाने के लिए रखती है वहीं विवाहित स्त्रियां इस व्रत को अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रखती है.
FAQ : सोमवार व्रत कब खोलना चाहिए
सोमवार व्रत में क्या खाना चाहिए ?
सोमवार का व्रत कैसे खोला जाता है ?
क्या सोमवार के व्रत में चाय पी सकते हैं
निष्कर्ष
दोस्तों आज इस लेख के माध्यम से हमने आप लोगों को अवगत कराया है कि सोमवार व्रत कब खोलना चाहिए ? इस व्रत को रखने के कौन से नियम है ? और और इस व्रत की पूजन सामग्री क्या है ? इस व्रत में किस विधि द्वारा पूजा संपन्न की जानी चाहिए ? और इसके साथ आप लोगों को यह भी बताया है कि सोमवार व्रत में कौन सी आरती करनी चाहिए?
हमने आप लोगों को इस लेख में यह भी बताया है की सोमवार व्रत कब खोलना चाहिए ? और इस व्रत में क्या खाना चाहिए ? इस व्रत से होने वाले क्या लाभ हैं
इनके विषय की हमने आपको संपूर्ण जानकारी इस लेख में प्रदान की है हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आप लोगों को पसंद आई होगी और निश्चित ही आप लोगों के लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी.