गणेश हवन मंत्र डाउनलोड Ganesha havan mantra download : नमस्कार गुरुजनों स्वागत है आप लोगों का आज की हमारी इस न्यू पोस्ट पर आज हम आप लोगों को गणेश हवन मंत्र डाउनलोड के बारे में बताएंगे कि आप कैसे गणेश मंत्र को डाउनलोड कर सकते हैं या फिर हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप गणेश हवन मंत्र के बारे में जान सकते हैं.
दोस्तों जैसा कि आप सब ने सुना होगा कि भगवान श्रीगणेश को विघ्नों का देवता माना जाता है उसी प्रकार भगवान श्री गणेश हवन मंत्र करने के बाद आपके सारे कष्टों का निवारण हो जाता है अगर आपने हमारे द्वारा बताए गए गणेश हवन मंत्र का प्रयोग किया या फिर गणेश हवन किया तो आपको इससे कई लाभ प्राप्त होंगे.
इसमें हमने आप लोगों को गणेश से जुड़े जितने भी मंत्र होते हैं उन सभी के बारे में जानकारी दी है और इसमें हमने आपको गणेश हवन मंत्र डाउनलोड के बारे में भी बताया है अगर आप इन सारी चीजों की विस्तार से जानकारी चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें ताकि आप लोगों को भगवान श्री गणेश की पूजा करने में कोई दिक्कत ना हो आसानी से आप भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न कर सके।
PDF Name | गणेश हवन मंत्र डाउनलोड |Ganesha hawan mantra download |
No. of books | 3 |
Language | Hindi |
PDF Category | आध्यात्म |
Download Link | ✔ डाऊनलोड के लिए उपलब्ध |
- 1. गणेश हवन मंत्र डाउनलोड | Ganesh havan mantra
- 1.1. Ganesh Mantra In Hindi
- 1.2. Vakratunda Ganesha Mantra
- 1.3. Ganesha Shubh Labh Mantra
- 1.4. Ganesha Gayatri Mantra
- 2. गणेश पूजन मंत्र | Ganesh Puja Mantra
- 3. गणेश हवन मंत्र के लिए सामग्री लिस्ट | Ganesh Havan Ke Liye Samagri List
- 3.1. 1. गणेश आचमन मंत्र
- 3.2. 2. गणेश तिलक मंत्र
- 3.3. 3. गणेश रक्षासूत्र मंत्र
- 3.4. 4. गणेश दीप जलाने का मंत्र
- 3.5. 5. गुरुपूजन मंत्र
- 3.6. 6. गणेश व सरस्वती का स्मरण मंत्र
- 4. गणेश कलश पूजन मंत्र विधि | Ganesh kalash puja mantra vidhi
- 5. गणेश चतुर्थी पूजा विधि | Ganesh Chaturthi Pooja Vidhi/Katha PDF in Hindi
- 6. श्री गणेश जी की पूजन विधि | Shree ganesh jee kee poojan vidhi
- 6.1. षोडशोपचार पूजन
- 7. गणेश श्लोक मंत्र PDF |Ganesh Shlok Mantra PDF
- 8. गणेश पूजा मंत्र | Ganesh puja mantra
- 8.1. 1. आवाहन करें
- 8.2. 2. प्रतिष्ठा (प्राण प्रतिष्ठा) करें
- 8.3. 3. आसन
- 8.4. 4. पाद्य (पैर धुलना)
- 8.5. 5. आर्घ्य(हाथ धुलना )
- 8.6. 6. आचमन
- 8.7. 7. स्नान
- 8.8. 8. दूध से स्नान
- 8.9. 9. दही से स्नान
- 8.10. 10. घी से स्नान
- 8.11. 11. शहद से स्नान
- 8.12. 12. शर्करा (चीनी) से स्नान
- 8.13. 13. पंचामृत से स्नान
- 8.14. 14. शुध्दोदक (शुद्ध जल ) से स्नान
- 8.15. 15. वस्त्र
- 8.16. 16. उपवस्त्र (कपडे का टुकड़ा )
- 8.17. 17. यज्ञोपवीत
- 8.18. 18. मधुपर्क
- 8.19. 19. गन्ध
- 8.20. 20. रक्त(लाल )चन्दन
- 8.21. 21. रोली
- 8.22. 22. सिन्दूर
- 8.23. 23. अक्षत
- 8.24. 24. पुष्प
- 8.25. 25. पुष्प माला
- 8.26. 26. बेल का पत्र
- 8.27. 27. दूर्वा
- 8.28. 28. दूर्वाकर
- 8.29. 29. शमीपत्र
- 8.30. 30. अबीर गुलाल
- 8.31. 31. आभूषण
- 8.32. 32. सुगंध तेल
- 9. गणेश हवन मंत्र | Ganesh havan mantra
- 10. गणेश नामवली 108
- 11. गणेश हवन मंत्र के फायदे | Ganesh havan mantra ke fayde
- 12. FAQ : गणेश हवन मंत्र डाउनलोड
- 12.1. गणेश जी के हवन में क्या क्या सामान लगता है?
- 12.2. गणपति को घर में कैसे रखें ?
- 12.3. गणेश जी की पूजा कैसे की जाती है?
- 13. निष्कर्ष
गणेश हवन मंत्र डाउनलोड | Ganesh havan mantra
ॐ गणेश महालक्ष्म्यै नमः।।
ॐ गं रोग मुक्तये फट्।।
ॐ अन्तरिक्षाय स्वाहा।।
जब भी आप भगवान गणेश का हवन कर रहे हो तो आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए यज्ञ करते समय आपको पूर्णहुति देने के बाद आपको गणेश भगवान की आरती पढ़कर उनका विसर्जन कर देना चाहिए।
Ganesh Mantra In Hindi
गणेश मंत्र इन हिंदी : गणेश जी के हवन को करने के लिए आप इस मंत्र का उच्चारण करे और मंत्र को शुरू करने से पहले इस मंत्र का उच्चारण करे तभी हवन की शुरुआत करे :
Vakratunda Ganesha Mantra
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
Ganesha Shubh Labh Mantra
ॐ श्रीम गम सौभाग्य गणपतये
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥
Ganesha Gayatri Mantra
ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि,
तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥
गणेश पूजन मंत्र | Ganesh Puja Mantra
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गणेश पूजन मंत्र pdf | Ganesh Puja Mantra pdf | Download link |
गणेश हवन मंत्र के लिए सामग्री लिस्ट | Ganesh Havan Ke Liye Samagri List
गणेश जी के हवन के लिए आप निम्न प्रकार की सामग्री की लिस्ट का प्रयोग कर सकते है जो की हवन में काम आती है :
- अग्नि
- वेदी
- हौंडा कुंड
- यंत्र
- माचिस
- अगरबत्ती
- करपुर या कैम्फर पैकेट
- गंध पावडर
- श्री मुद्रा (संध्या वंदन के लिए) तीर्थ के लिए पतीला
- यज्ञोपवीता
- पूजा शंक काउच
- बेल
- एक अरती (कर्पुर के लिए)
- दो आरती विक्स के साथ
- घी के लिए 4 कटोरे- चम्मच के साथ
- राख के लिए 4 कटोरे
- आस्रात्र द्रव्य – नारियल के गुच्छे (1 पूरे नारियल)
- जो गुड़ के बने होते हैं.
पहले गणेशजी का पूजन करें गणपतिजी की संक्षिप्त एवं बृहद पूजन विधि दोनों दी जा रही है कोई भी एक चुनें फिर हवन करें.
1. गणेश आचमन मंत्र
‘ॐ केशवाय नम:, ॐ नारायणाय नम:, ॐ माधवाय नम: ।
फिर यह मंत्र बोलते हुए हाथ धो लें
ॐ हृषीकेशाय नम: ।
2. गणेश तिलक मंत्र
ॐ चंदनस्य महत्पुण्यं पवित्रं पापनाशनम ।
आपदां हरते नित्यं लक्ष्मी: तिष्ठति सर्वदा ।।
3. गणेश रक्षासूत्र मंत्र
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल: ।
तेन त्वां प्रतिबंध्नामि रक्षे मा चल मा चल ।।
4. गणेश दीप जलाने का मंत्र
दीपो ज्योति: परं ब्रम्ह दीपो ज्योति: जनार्दन: ।
दीपो हरतु में पापं दीपज्योति: नमोऽस्तु ते ।।
5. गुरुपूजन मंत्र
गुरुर्ब्रम्हा गुरुर्विष्णु:…. सद्गुरुं तं नमामि ।
6. गणेश व सरस्वती का स्मरण मंत्र
वक्रतुंड महाकाय कोटिसूर्यसमप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।।
गणेश कलश पूजन मंत्र विधि | Ganesh kalash puja mantra vidhi
गणेश कलश स्थापित करते समय अपने दोनों हाथों में अक्षत पुष्प लेकर कलश में ‘ॐ’ वं वरुणाय नम:’ इस मंत्र को कहते हुए वरुण देवता का तथा अन्य लोगों को पढ़ते हुए उन सभी का आवाहन करना है।
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति ।
नर्मदे सिंधु कावेरी जलेऽस्मिन सन्निधिं कुरु ।।
( इस मंत्र का पाठ करते हुए अक्षत और पुष्प को कलश के सामने अर्पित कर देना है )
उसके बाद में कलश को तिलक करना है तिलक करने के बाद पुष्प, बेलपत्र व धतूर चढायें. उसके बाद में दीपक और धूप जलाकर प्रसाद चढ़ा दें।
संकल्प : अपने दोनों हाथों को जल से गंगा जल से शुद्ध कर लेना है उसके बाद अपने दोनों हाथों में अक्षत और पुष्प लेकर एक संकल्प लेना है।
गणेश चतुर्थी पूजा विधि | Ganesh Chaturthi Pooja Vidhi/Katha PDF in Hindi
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गणेश चतुर्थी पूजा विधि | Ganesh Chaturthi Pooja Vidhi/Katha PDF in Hindi | Download link |
श्री गणेश जी की पूजन विधि | Shree ganesh jee kee poojan vidhi
जब भी आप गणेश भगवान की पूजा कर रहे होते हैं तो आपको उस समय दीप जलाएं और अगरबत्ती जलाएं दोनों चीजों को जलाने के बाद आपको 11 से 21 बार नीचे दिए गए मंत्र का मन ही मन में जाप करना है।
ॐ चतुराय नम:
ॐ गजाननाय नम:
ॐ विघ्रराजाय नम:
ॐ प्रसन्नात्मने नम:
जैसे ही आपका 11 से 21 बार इस मंत्र का जाप समाप्त हो जाता है उसके बाद आप श्री गणेश जी की आरती करें और गणेश भगवान से सफलता व समृद्धि की कामना करते हैं.
ध्यान श्लोक :
शुक्लाम्बर धरं विष्णुं शशि वर्णम् चतुर्भुजम् . प्रसन्न वदनं ध्यायेत् सर्व विघ्नोपशान्तये ..
षोडशोपचार पूजन
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः ध्यायामि
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः आवाहयामि
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः आसनं समर्पयामि
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः अर्घ्यं समर्पयामि
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः पाद्यं समर्पयामि
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः आचमनीयं समर्पयामि
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः उप हारं समर्पयामि ॐ सिद्धि विनायकाय नमः पंचामृत स्नानं समर्पयामि
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः वस्त्र युग्मं समर्पयामि
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः यज्ञोपवीतं धारयामि ॐ सिद्धि विनायकाय नमः आभरणानि समर्पयामि
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः गंधं धारयामि
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः अक्षतान् समर्पयामि
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः पुष्पैः पूजयामि
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः प्रतिष्ठापयामि
गणेश श्लोक मंत्र PDF |Ganesh Shlok Mantra PDF
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गणेश श्लोक मंत्र |Ganesh Shlok Mantra PDF | Download link |
गणेश पूजा मंत्र | Ganesh puja mantra
1. आवाहन करें
गजाननं भूतगणादिसेवितम कपित्थजम्बू फल चारू भक्षणं ।
उमासुतम शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम ।।आगच्छ भगवन्देव स्थाने चात्र स्थिरो भव ।
यावत्पूजा करिष्यामि तावत्वं सन्निधौ भव ।।
2. प्रतिष्ठा (प्राण प्रतिष्ठा) करें
अस्यैप्राणाः प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणा क्षरन्तु च ।
अस्यै देवत्वमर्चार्यम मामेहती च कश्चन ।।
3. आसन
रम्यं सुशोभनं दिव्यं सर्व सौख्यंकर शुभम ।
आसनं च मया दत्तं गृहाण परमेश्वरः ।।
4. पाद्य (पैर धुलना)
उष्णोदकं निर्मलं च सर्व सौगंध्य संयुत्तम ।
पादप्रक्षालनार्थाय दत्तं ते प्रतिगह्यताम ।।
5. आर्घ्य(हाथ धुलना )
अर्घ्य गृहाण देवेश गंध पुष्पाक्षतै ।
करुणाम कुरु में देव गृहणार्ध्य नमोस्तुते ।।
6. आचमन
सर्वतीर्थ समायुक्तं सुगन्धि निर्मलं जलं ।
आचम्यताम मया दत्तं गृहीत्वा परमेश्वरः ।।
7. स्नान
गंगा सरस्वती रेवा पयोष्णी नर्मदाजलै:।
स्नापितोSसी मया देव तथा शांति कुरुश्वमे ।।
8. दूध से स्नान
कामधेनुसमुत्पन्नं सर्वेषां जीवन परम ।
पावनं यज्ञ हेतुश्च पयः स्नानार्थं समर्पितं ।।
9. दही से स्नान
पयस्तु समुदभूतं मधुराम्लं शक्तिप्रभं ।
दध्यानीतं मया देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यतां ।।
10. घी से स्नान
नवनीत समुत्पन्नं सर्व संतोषकारकं ।
घृतं तुभ्यं प्रदास्यामि स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम ।।
11. शहद से स्नान
तरु पुष्प समुदभूतं सुस्वादु मधुरं मधुः ।
तेजः पुष्टिकरं दिव्यं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम ।।
12. शर्करा (चीनी) से स्नान
इक्षुसार समुदभूता शंकरा पुष्टिकार्कम ।
मलापहारिका दिव्या स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम ।।
13. पंचामृत से स्नान
पयोदधिघृतं चैव मधु च शर्करायुतं ।
पंचामृतं मयानीतं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम ।।
14. शुध्दोदक (शुद्ध जल ) से स्नान
मंदाकिन्यास्त यध्दारि सर्वपापहरं शुभम ।
तदिधं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम ।।
15. वस्त्र
सर्वभूषाधिके सौम्ये लोक लज्जा निवारणे ।
मयोपपादिते तुभ्यं वाससी प्रतिगृह्यतां ।।
16. उपवस्त्र (कपडे का टुकड़ा )
सुजातो ज्योतिषा सह्शर्म वरुथमासदत्सव : ।
वासोअस्तेविश्वरूपवं संव्ययस्वविभावसो ।।
17. यज्ञोपवीत
नवभिस्तन्तुभिर्युक्त त्रिगुण देवतामयम ।
उपवीतं मया दत्तं गृहाणं परमेश्वर : ।।
18. मधुपर्क
कस्य कन्स्येनपिहितो दधिमध्वा ज्यसन्युतः ।
मधुपर्को मयानीतः पूजार्थ् प्रतिगृह्यतां ।।
19. गन्ध
श्रीखण्डचन्दनं दिव्यँ गन्धाढयं सुमनोहरम ।
विलेपनं सुरश्रेष्ठ चन्दनं प्रतिगृह्यतां ।।
20. रक्त(लाल )चन्दन
रक्त चन्दन समिश्रं पारिजातसमुदभवम ।
मया दत्तं गृहाणाश चन्दनं गन्धसंयुम ।।
21. रोली
कुमकुम कामनादिव्यं कामनाकामसंभवाम ।
कुम्कुमेनार्चितो देव गृहाण परमेश्वर्: ।।
22. सिन्दूर
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम् ।
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यतां ।।
23. अक्षत
अक्षताश्च सुरश्रेष्ठं कुम्कुमाक्तः सुशोभितः ।
माया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरः ।।
24. पुष्प
पुष्पैर्नांनाविधेर्दिव्यै: कुमुदैरथ चम्पकै: ।
पूजार्थ नीयते तुभ्यं पुष्पाणि प्रतिगृह्यतां ।।
25. पुष्प माला
माल्यादीनि सुगन्धिनी मालत्यादीनि वै प्रभो ।
मयानीतानि पुष्पाणि गृहाण परमेश्वर: ।।
26. बेल का पत्र
त्रिशाखैर्विल्वपत्रैश्च अच्छिद्रै: कोमलै :शुभै : ।
तव पूजां करिष्यामि गृहाण परमेश्वर : ।।
27. दूर्वा
त्वं दूर्वेSमृतजन्मानि वन्दितासि सुरैरपि ।
सौभाग्यं संततिं देहि सर्वकार्यकरो भव ।।
28. दूर्वाकर
दूर्वाकुरान सुहरिता नमृतान मंगलप्रदाम ।
आनीतांस्तव पूजार्थ गृहाण गणनायक: ।।
29. शमीपत्र
शमी शमय ये पापं शमी लाहित कष्टका ।
धारिण्यर्जुनवाणानां रामस्य प्रियवादिनी ।।
30. अबीर गुलाल
अबीरं च गुलालं च चोवा चन्दन्मेव च ।
अबीरेणर्चितो देव क्षत: शान्ति प्रयच्छमे ।।
31. आभूषण
अलंकारान्महा दव्यान्नानारत्न विनिर्मितान ।
गृहाण देवदेवेश प्रसीद परमेश्वर: ।।
32. सुगंध तेल
चम्पकाशोक वकु ल मालती मीगरादिभि: ।
वासितं स्निग्धता हेतु तेलं चारु प्रगृह्यतां ।।
ऊं अग्नये नमः ……… आपको 7 बार इस मंत्र का जाप करना है लेकिन उसके पहले आप आग को जला दें।
ऊं गुरुभ्यो नमः ….. इस मंत्र का जाप 21 बार करें।
ऊं अग्नये स्वाहा …… इस मंत्र का जाप करके आपको 7 बार आहुति देकर अग्नि में डालना है।
ऊं गं स्वाहा | 1 बार |
ऊं भैरवाय स्वाहा | 11 बार |
ऊं गुरुभ्यो नमः स्वाहा | 16 बार |
ऊं गं गणपतये स्वाहा | 108 बार |
- बाद में गणेश भगवान से आपको कहना है कि हे भगवान आपकी कृपा मुझ पर हमेशा बनी रहे
- पूजा करते वक्त अगर मुझसे कोई गलती हो गई हो तो मुझे क्षमा कर देना उनसे क्षमा मांगने है।
- 3 बार पानी छिड़ककर ओम शांति शांति शांति कहे।
गणेश हवन मंत्र | Ganesh havan mantra
ब्रह्मणा अन्वारब्ध आहुति दद्यात्
ॐ प्रजापतये स्वाहा । इदं प्रजापतये इदं न मम ।
ॐ इन्द्राय स्वाहा । इदमिन्द्राय इदं न मम ।
ॐ अग्नये स्वाहा । इदमग्नये इदं न मम ।
ॐ सोमाय स्वाहा । इदं सोमाय इदं न मम ।बिना अन्वारब्धमेका आहुति : ।
ॐ प्रजापतये स्वाहा । इदं प्रजापतये , इदं न मम ॥
पुन : अग्नि का ध्यान , आवाहन , पंचोपचार पूजन करें ।
तत : अग्ने सप्तजिह्वानां पूजयेत्
ॐ कनकायै नम :
ॐ रक्तायै नम :
ॐ कृष्णायै नम :
ॐ उदगारिण्ये नम :
ॐ उत्तरमुखे सुप्रभायै नम :
ॐ बहुरूपायै नम :
ॐ अतिरिक्तायै नम : ।
तदनन्तरं स्त्रुवसमिद्वनस्पतीनीं पूजनम् चेति ॥
अथ पचंवारुणी ( प्रायश्चित्तोहोम : )
ॐ त्वन्नो अग्रे वरुणस्य विद्वान् देवस्य हेडो भवयासिसीष्ठा : ।
यजिष्ठो वह्नितम : शोशुचानो विश्वा द्वेषां सि प्रमुमुग्ध्यस्मत् स्वाहा ।
इदमग्निवरुणाभ्याम् स्वाहा : ॥
ॐ सत्वन्नोऽअग्ने वमो भवोती नेदिष्ठोऽअस्याऽउषसो व्युष्टौ ।
अवयक्ष्व नो वरुण रराणो वीहि मृडीक सुहवो न एधि स्वाहा ।
ईदमग्नि वरुणाभ्याम् स्वाहा : ।
ॐ अयाश्चाग्रेऽस्यनभिशस्तिपाश्च सत्वमित्वमयाऽअसि ।
अयोनो ।
यज्ञं वहास्ययानो धेहि भेषज् स्वाहा ।
इदमग्नये स्वाहा ॥
ॐ ये ते शतं वरुन ये सहस्त्रं यज्ञिया : पाशा विवता : महात : ।
तेभिर्नोऽअद्यसवितोत विष्णुर्विश्वे मुञ्चन्तु मरुत : स्वर्का : स्वाहा ।
इदं वरुणाय सवित्रे विष्णवे विश्वेभ्योदेवेभ्यो मरुद्भ्य : स्वर्केभ्य : स्वाहा : ।
ॐ उदुत्तमं वरुण पाशभस्म दवाधमं विमध्य श्रथाय ।
अथ वयमादित्यव्रते तवानागसोअदितये स्याम स्वाहा ।
इदं वरुणायादित्याया – दितये स्वाहा : ॥
अन्नोदक स्पर्श इति पंचवारुणी अथवा प्रायश्चित होम : ।
ततो गणपतिप्रीत्यर्थं होम
ॐ गणानां त्वा गणपति हवामहे ।
प्रियाणां त्वा प्रियपति हवामहे ॥
निधीनां त्वां निधिपति हवामहे ।
वसो मम आहमजानि गर्भधमात्व मजासि गर्भद्यम् ।
ॐ गणपतये स्वाहा : ॥
गणेश नामवली 108
ॐ गणपतये नमः॥
ॐ गणेश्वराय नमः॥
ॐ गणक्रीडाय नमः॥
ॐ गणनाथाय नमः॥
ॐ गणाधिपाय नमः॥
ॐ एकदंष्ट्राय नमः॥
ॐ वक्रतुण्डाय नमः॥
ॐ गजवक्त्राय नमः॥
ॐ मदोदराय नमः॥
ॐ लम्बोदराय नमः॥
ॐ धूम्रवर्णाय नमः॥
ॐ विकटाय नमः॥
ॐ विघ्ननायकाय नमः॥
ॐ सुमुखाय नमः॥
ॐ दुर्मुखाय नमः॥
ॐ बुद्धाय नमः॥
ॐविघ्नराजाय नमः॥
ॐ गजाननाय नमः॥
ॐ भीमाय नमः॥
ॐ प्रमोदाय नमः ॥
ॐ आनन्दाय नमः॥
ॐ सुरानन्दाय नमः॥
ॐमदोत्कटाय नमः॥
ॐ हेरम्बाय नमः॥
ॐ शम्बराय नमः॥
ॐशम्भवे नमः ॥
ॐलम्बकर्णाय नमः ॥
ॐ महाबलाय नमः॥
ॐ नन्दनाय नमः ॥
ॐअलम्पटाय नमः ॥
ॐ भीमाय नमः ॥
ॐमेघनादाय नमः ॥
ॐ गणञ्जयाय नमः ॥
ॐ विनायकाय नमः॥
ॐविरूपाक्षाय नमः ॥
ॐ धीराय नमः ॥
ॐ शूराय नमः ॥
ॐवरप्रदाय नमः ॥
ॐ महागणपतये नमः ॥
ॐबुद्धिप्रियायनमः ॥
ॐ क्षिप्रप्रसादनाय नमः ॥
ॐ रुद्रप्रियाय नमः॥
ॐ गणाध्यक्षाय नमः ॥
ॐ उमापुत्राय नमः ॥
ॐ अघनाशनायनमः ॥
ॐ कुमारगुरवे नमः ॥
ॐ ईशानपुत्राय नमः ॥
ॐमूषकवाहनाय नः ॥
ॐ सिद्धिप्रदाय नमः॥
ॐ सिद्धिपतयेनमः ॥
ॐ सिद्ध्यै नमः ॥
ॐ सिद्धिविनायकाय नमः॥
ॐ विघ्नाय नमः ॥
ॐ तुङ्गभुजाय नमः ॥
ॐ सिंहवाहनायनमः ॥
ॐ मोहिनीप्रियाय नमः ॥
ॐ कटिंकटाय नमः ॥
ॐराजपुत्राय नमः ॥
ॐ शकलाय नमः ॥
ॐ सम्मिताय नमः॥
ॐ अमिताय नमः ॥
ॐ कूश्माण्डगणसम्भूताय नमः ॥
ॐदुर्जयाय नमः ॥
ॐ धूर्जयाय नमः ॥
ॐ अजयाय नमः ॥
ॐभूपतये नमः ॥
ॐ भुवनेशाय नमः ॥
ॐ भूतानां पतये नमः॥
ॐ अव्ययाय नमः ॥
ॐ विश्वकर्त्रे नमः ॥
ॐविश्वमुखाय नमः ॥
ॐ विश्वरूपाय नमः ॥
ॐ निधये नमः॥
ॐ घृणये नमः ॥
ॐ कवये नमः ॥
ॐ कवीनामृषभाय नमः॥
ॐ ब्रह्मण्याय नमः ॥
ॐ ब्रह्मणस्पतये नमः ॥
ॐज्येष्ठराजाय नमः ॥
ॐ निधिपतये नमः ॥
ॐनिधिप्रियपतिप्रियाय नमः ॥
ॐ हिरण्मयपुरान्तस्थायनमः ॥
ॐसूर्यमण्डलमध्यगाय नमः ॥
ॐकराहतिध्वस्तसिन्धुसलिलाय नमः ॥
ॐ पूषदन्तभृतेनमः ॥
ॐ उमाङ्गकेळिकुतुकिने नमः ॥
ॐ मुक्तिदाय नमः ॥
ॐकुलपालकाय नमः ॥
ॐ किरीटिने नमः ॥
ॐ कुण्डलिने नमः॥
ॐ हारिणे नमः ॥
ॐ वनमालिने नमः ॥
ॐ मनोमयाय नमः ॥
ॐवैमुख्यहतदृश्यश्रियै नमः ॥
ॐ पादाहत्याजितक्षितयेनमः ॥
ॐ सद्योजाताय नमः ॥
ॐ स्वर्णभुजाय नमः ॥
ॐमेखलिन नमः ॥
ॐ दुर्निमित्तहृते नमः ॥
ॐदुस्स्वप्नहृते नमः ॥
ॐ प्रहसनाय नमः ॥
ॐ गुणिनेनमः ॥
ॐ नादप्रतिष्ठिताय नमः ॥
ॐसुरूपाय नमः ॥
ॐसर्वनेत्राधिवासाय नमः ॥
ॐ वीरासनाश्रयाय नमः ॥
ॐपीताम्बराय नमः ॥
ॐ खड्गधराय नमः ॥
ॐखण्डेन्दुकृतशेखराय नमः ॥
ॐ चित्राङ्कश्यामदशनायनमः ॥
ॐ फालचन्द्राय नमः ॥
ॐ चतुर्भुजाय नमः ॥
ॐयोगाधिपाय नमः ॥
ॐ तारकस्थाय नमः ॥
ॐ पुरुषाय नमः॥
ॐ गजकर्णकाय नमः ॥
ॐ गणाधिराजाय नमः ॥
ॐविजयस्थिराय नमः ॥
ॐ गणपतये नमः ॥
ॐ ध्वजिने नमः ॥
ॐदेवदेवाय नमः ॥
ॐ स्मरप्राणदीपकाय नमः ॥
ॐ वायुकीलकायनमः ॥
ॐ विपश्चिद्वरदाय नमः ॥
ॐ नादाय नमः ॥
ॐनादभिन्नवलाहकाय नमः ॥
ॐ वराहवदनाय नमः ॥
ॐमृत्युञ्जयाय नमः ॥
ॐ व्याघ्राजिनाम्बराय नमः ॥
ॐइच्छाशक्तिधराय नमः ॥
ॐ देवत्रात्रे नमः ॥
ॐदैत्यविमर्दनाय नमः ॥
ॐ शम्भुवक्त्रोद्भवाय नम:।।
॥ॐ शम्भुकोपघ्ने नमः ।।
ॐ शम्भुहास्यभुवे नमः ॥
ॐशम्भुतेजसे नमः ॥
ॐ शिवाशोकहारिणे नमः ॥
ॐगौरीसुखावहाय नमः ॥
ॐ उमाङ्गमलजाय नमः ॥
ॐगौरीतेजोभुवे नमः ॥
ॐ स्वर्धुनीभवाय नमः ॥
ॐयज्ञकायाय नमः ॥
ॐ महानादाय नमः ॥
ॐ गिरिवर्ष्मणे नमः ॥
ॐ शुभाननाय नमः ॥
ॐ सर्वात्मने नमः ॥
ॐसर्वदेवात्मने नमः ॥
ॐ ब्रह्ममूर्ध्ने नमः ॥
ॐककुप्छ्रुतये नमः ॥
ॐ ब्रह्माण्डकुम्भाय नमः ॥
ॐचिद्व्योमफालाय नमः ॥
ॐ सत्यशिरोरुहाय नमः ॥ॐजगज्जन्मलयोन्मेषनिमेषाय नमः ॥
ॐ अग्न्यर्कसोमदृशेनमः ॥
ॐ गिरीन्द्रैकरदाय नमः ॥
ॐ धर्माय नमः ॥
ॐधर्मिष्ठाय नमः ॥
ॐ सामबृंहिताय नमः ॥
ॐग्रहर्क्षदशनाय नमः ॥
ॐ वाणीजिह्वाय नमः ॥
ॐवासवनासिकाय नमः ॥
ॐ कुलाचलांसाय नमः ॥
ॐसोमार्कघण्टाय नमः ॥
ॐ रुद्रशिरोधराय नमः ॥
ॐनदीनदभुजाय नमः ॥
ॐ सर्पाङ्गुळिकाय नमः ॥
ॐतारकानखाय नमः ॥
ॐ भ्रूमध्यसंस्थतकराय नमः ॥ॐब्रह्मविद्यामदोत्कटाय नमः ॥
ॐ व्योमनाभाय नमः॥
ॐ श्रीहृदयाय नमः ॥
ॐ मेरुपृष्ठाय नमः ॥
ॐअर्णवोदराय नमः ॥
ॐ कुक्षिस्थयक्षगन्धर्वरक्षःकिन्नरमानुषाय नमः||
उत्तर पूजा – ॐ सिद्धि विनायकाय नमः .धूपं आघ्रापयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . दीपं दर्शयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . नैवेद्यं निवेदयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . फलाष्टकं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . ताम्बूलं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . कर्पूर नीराजनं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . मंगल आरतीं समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः पुष्पांजलिः समर्पयामि
यानि कानि च पापानि जन्मान्तर कृतानि च |
तानि तानि विनश्यन्ति प्रदक्षिण पदे पदे ..|प्रदक्षिणा नमस्कारान् समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः समस्त राजोपचारान् समर्पयामि . ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . मंत्र पुष्पं समर्पयामि |
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ |
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा |
प्रार्थनां समर्पयामि |
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनं |
पूजाविधिं न जानामि क्षमस्व पुरुषोत्तम |
क्षमापनं समर्पयामि |
ॐ सिद्धि विनायकाय नमः . पुनरागमनाय च ||
गणेश हवन मंत्र के फायदे | Ganesh havan mantra ke fayde
गणेश भगवान को विघ्नों का देवता माना जाता है अगर आप के ऊपर कोई कष्ट है या फिर आपको सभी प्रकार की मनोकामनाएं शीघ्र ही पूर्ण करानी है तो आप भगवान श्री गणेश का पूजन करें शास्त्रों में ऐसा लिखा गया है कि ‘कलौ चण्डी विनायको’ यानी कि कलयुग में जो भी देवता रहेंगे उनमें से चंडी और गणेश भगवान के सिवा और कोई देवता नहीं होगा जो आपकी मनोकामना शीघ्र ही पूर्ण कर सके।
वैसे तो आजकल गणेश भगवान की प्रतिमा धातु या फिर शुद्ध मिट्टी की अलग-अलग प्रतिमाएं बनती है जोकि तंत्र से संबंधित होती हैं अगर आप उनकी पूजा करते हैं तो वह आपके लिए फलदाई होती हैं अगर प्रतिमाओं पर रंग हो तो वह भी प्राकृतिक होना चाहती हैं ना कि रासायनिक।
गणेश भगवान की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी हो कर अन्य कार्यों से पर पूर्ण होकर पूर्वाभिमुख या उत्तराभिमुख होकर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर अपने सामने चावल का ढेर रखें और गणेश भगवान को विराजमान करें और अपने बगल में तांबे का कलश रखकर उसके जल भर ले उसके बाद गणेश भगवान के दाहिने और दीपक जला दे और उसके बाद धूप जला दें उसके बाद शुरुआत करें।
ध्यान करें- आवाहन, आसन, पाद-प्रक्षालन, अर्घ्य, आचमन, स्नान, पंचामृत स्नान, शुद्धोदक जल स्नान, वस्त्र, उपवस्त्र, यज्ञोपवीत, सिन्दूर, चंदन, इत्र, कुंकु, हरिद्रा, अभ्रक-अबीर, गुलाल इत्यादि। धूप, दीप, नेवैद्य, ताम्बूल दक्षिणा, आरती, पुष्पांजलि, प्रदक्षिणा इत्यादि समर्पित कर जप करें।
- ‘ॐ गं गणपतये नम:।’
- ‘ॐ वक्रतुण्डाय हुं।’
- ‘ॐ मेघोत्काय स्वाहा।’
- ‘ॐ गं हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा।’
- ‘ॐ ह्रीं विरि विरिगणपति वर वरद सर्व लोकं में वशमानय स्वाहा।
- ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।’
- ‘ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा।’
- ‘ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा’।
अगर भगवान श्री गणेश का हवन करना चाहते हैं तो इनमें से किसी भी मंत्र का जाप करके संकल्प लें और उसके बाद हवन कर दें तो अधिक लाभ होता है अगर आप प्रतिदिन इन मंत्रों में से किसी एक मंत्र का माला जाप करते हैं तो भी आपको लाभ मिलता है।
FAQ : गणेश हवन मंत्र डाउनलोड
गणेश जी के हवन में क्या क्या सामान लगता है?
गणपति को घर में कैसे रखें ?
गणेश जी की पूजा कैसे की जाती है?
निष्कर्ष
दोस्तों जैसे कि आज हमने आप लोगों को गणेश हवन मंत्र डाउनलोड के बारे में बताया आज हमने आप लोगों को गणेश हवन मंत्र की पूरी विधि और गणेश हवन मंत्र दिया है इस लेख में गणेश भगवान से जुड़े जितने भी मंत्र होते हैं उन सभी के बारे में विस्तार से जानकारी देने का प्रयास किया है तो उम्मीद है कि हमारे द्वारा दिया गया यह लेख आपको अच्छा लगा होगा और आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा।