मीन राशि के भगवान कौन है ? प्रसन्न करने कि पूजा विधि और आरती | Meen rashi ke bhagwan : बृहस्पति को मजबूत करने के 5 घरेलू उपाय

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मीन राशि के भगवान Meen rashi ke bhagwan : हेलो मित्रों नमस्कार आज हम आप लोगों को इस पोस्ट में मीन राशि के भगवान कौन है इनके विषय में बताएंगे क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूरी 12 राशियां बताई गई हैं और उन 12 राशियों में से सबसे लास्ट में मीन राशि आती है. जिसके स्वामी बृहस्पति देव है और इस राशि का वास्तविक चिन्ह दो मछलियां का जोड़ा है.

मीन राशि के भगवान meen rashi

जिसके माध्यम से मीन राशि की पहचान की जा सकती है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मीन राशि को जल तत्व राशि मानी गई है. जिसकी वजह से मीन राशि के जातक बहुत ज्यादा दयालु और ईमानदार होते हैं इसके अलावा इस राशि के स्वामी बृहस्पति देव है जिसकी वजह से यह लोग बहुत ज्यादा बुद्धिमान होते हैं और किसी भी कठिन से कठिन समस्या को बिना किसी की सहायता लिए आसानी से सुलझा लेते हैं.

यहां तक कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह भी कहा गया है इन लोगों को किसी भी प्रकार की पाबंदी पसंद नहीं है अगर यह लोग किसी कार्य को एक बार करने की ठान लेते हैं तो चाहे लोग इन्हें लाख बार मना करें यह लोग करते अपने मन की है दूसरों की बात कभी नहीं सुनते हैं.

मीन राशि के जातक जातिका की इतनी सारी विशेषताएं परखने के बाद आज हम आप लोगों को इस लेख में मीन राशि के भगवान कौन होते हैं और इनकी पूजा किस दिन और किस विधि से करनी चाहिए ,ताकि आपके जीवन में शुभ फल प्रदान हो इसके विषय में बताएंगे.

ऐसे में अगर आपकी राशि मीन है और आप जानना चाहते हैं कि मीन राशि के भगवान कौन होते हैं और इनकी पूजा-अर्चना किस समय, किस विधि विधान से करनी चाहिए, तो इस लेख को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें :

मीन राशि के भगवान | Meen rashi ke bhagwan

जिन व्यक्तियों के नाम का पहल दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची अक्षर से शुरू होता है उनकी राशि मीन होती है, जिनके स्वामी देवों के देव बृहस्पति देव हैं. इस राशि का तत्व जल है, दिशा उत्तर और श्रेष्ठ रंग लाल, गुलाबी, नारंगी, पीला, श्रेष्ठ दिन रविवार, मंगलवार, गुरुवार, उत्तम अंक 1, 3, 4, 9 माने गए हैं.

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इतना सब कुछ जाने के बाद आइए जानते हैं मीन राशि के भगवान कौन होते हैं. जिस तरह से प्रत्येक राशि के अपने प्रमुख देवता होते हैं उसी तरह से मीन राशि के प्रमुख देवता भगवान बृहस्पति देव है इसीलिए मीन राशि के जातक को बृहस्पति देव की पूजा करनी चाहिए.

इसके अलावा वह लोग मां दुर्गा और सूर्य भगवान की भी पूजा कर सकते हैं तो आपके जीवन में समस्त बाधाएं अपने आप दूर हो जाएंगी और आपके पारिवारिक जीवन में सुख शांति बनी रहेगी तो आइए जानते हैं बृहस्पति देव की पूजा किस दिन करनी चाहिए.

बृहस्पति देव की पूजा करने का शुभ दिन | Brihaspati dev ki puja karne ka shubh din

देवों के देव बृहस्पति देव मीन राशि के प्रमुख देवता हैं और इस देवता की पूजा शुक्रवार के दिन करना सुखदायक और फलदायक दोनों माना गया है. इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह भी कहा गया है. अगर शुक्रवार के दिन मीन राशि के जातक व्रत रहकर बृहस्पति देव की पूजा अर्चना पूरे विधि विधान से करते हैं तो उनकी रूठी हुई किस्मत फिर से चमक जाती है और उनके जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या या परेशानियां नहीं आती है.

बृहस्पति देव की पूजा करने की विधि | brihaspati dev ki puja karne ki vidhi

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  1. हफ्ते में 7 दिन माने गए हैं और हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा अवश्य की जाती है और इन 7 दिनों में से शुक्रवार का दिन बृहस्पति देव की पूजा करने का दिन माना गया है.
  2. इसीलिए गुरुवार को मीन राशि के जातकों को सुबह उठकर घर की अच्छे से साफ सफाई करनी चाहिए और फिर जिस पानी से स्नान करना हो उसमें थोड़ी सी हल्दी मिलाकर उस पानी से स्नान कर ले.
  3. उसके बाद अपने माथे पर केसर हल्दी का तिलक लगाएं.
  4. उसके बाद बृहस्पति देव की मूर्ति या फोटो के सामने पीले रंग के कपड़े अर्पित करें.
  5. उसके बाद ब्राह्मण देव के सामने धूपबत्ती अगरबत्ती जलाकर पूरे विधि विधान के साथ उनकी पूजा करें और इनकी पूरी आरती करें.

बृहस्पति देव की आरती | brihaspati dev ki aarti

ॐ जय बृहस्पति देवा

ॐ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा।
छिन-छिन भोग लगाऊं, कदली फल मेवा।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।

तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अंतर्यामी।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।

तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े।।

ॐ जय बृहस्पति देवा।।

दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी।
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।

सकल मनोरथ दायक, सब संशय तारो।
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी।।

ॐ जय बृहस्पति देवा।।

जो कोई आरती तेरी प्रेम सहित गावे।
जेष्टानंद बंद सो-सो निश्चय पावे।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।

आरती करने के बाद बृहस्पति देव को गुड़ चना और हल्दी का भोग लगाएं और भोग लगाते समय इस मंत्र का उच्चारण करें.

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये ।

गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

भावार्थ:- हे ईश्वर मेरे पास जो भी है वो आपका ही दिया हुआ है।.

  • भोग लगाने के बाद आप हाथ जोड़कर उनके चरणों में अपना सर रख कर अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें उसके बाद आरती उठाकर पूरे घर में आरती का धुआं फैला दें और घर के सभी व्यक्तियों को आरती करा दें तत्पश्चात आरती फिर बृहस्पति देव की फोटो या प्रतिमा के सामने रख दें.
  • उसके बाद शाम को सूर्य अस्त होने से पहले बृहस्पति की फोटो के सामने घी का दीपक जलाएं.
  • इस तरह से पूरी विधि विधान से पूजा करने के पश्चात आप अगली सुबह स्नान आदि से निवृत होकर अपने आसपास के सभी व्यक्तियों को गुड़ और चने का प्रसाद बांट दें ऐसा करने से बृहस्पति देव प्रसन्न होते हैं और आपके सभी बिगड़े हुए कार्य बना देते हैं.

कुंडली में कमजोर बृहस्पति देव को मजबूत बनाने के उपाय | Kundali me kamjor brihaspati dev ko majbut banane ke upay

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अगर मीन राशि के जातक जातिका की कुंडली में बृहस्पति देव शत्रु पक्ष में भ्रमण करते हैं तो मीन राशि के जातक के जीवन पर बहुत ही अशुभ प्रभाव पड़ता है जिसकी वजह से मीन राशि के जातक कई गंभीर समस्याओं से गिर जाते हैं और लाख कोशिश के बाद भी उन समस्याओं से नहीं उभर पाते हैं.

इसीलिए हम यहां पर ब्रहस्पति देव को मजबूत और प्रसन्न करने के उपाय बताएंगे ताकि आपके जीवन पर शुभ प्रभाव देखने को मिले. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति देव को कुंडली में मजबूत बनाने के लिए कुछ इस प्रकार के उपाय अपनाने चाहिए जैसे :

1. गरीबों को भोजन कराएं

अगर मीन राशि के जातक जातिका की कुंडली में बृहस्पति देव कमजोर हो जाते हैं, तो फिर मीन राशि के जातक के जीवन में नई नई समस्याएं जन्म लेती रहती हैं. जिन से उभर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है.

इसीलिए मीन राशि के जातक को अपनी कुंडली में बृहस्पति देव को मजबूत बनाने के लिए ब्राह्मण या फिर गरीब लोगों को दही चावल का भोजन कराना चाहिए ऐसा करने से बृहस्पति देव प्रसन्न होते हैं और फिर आपकी कुंडली में वह उच्च भाव में प्रवेश करके आपके जीवन पर शुभ प्रभाव डालते हैं.

2. पीले वस्त्र दान करें

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति देव को पीला रंग बहुत ही ज्यादा पसंद है ऐसे में अगर आपके जीवन में अशुभ कार्य हो रहे हैं तो इसका मतलब आपने कुंडली में बृहस्पति देव कमजोर हो चुके हैं इसीलिए उन्हें प्रसन्न और मजबूत बनाने के लिए मीन राशि के जातक जातिका को ब्राह्मण लोगों को पीले वस्त्र दान करने चाहिए.

ऐसा शुक्रवार के दिन करें और खुद भी पीले वस्त्र धारण करें बृहस्पति देव की पूरे विधि विधान के साथ पूजा करके क्षमा अर्चना मांगे तो बृहस्पति देव आप से प्रसन्न होकर आपकी कुंडली के शत्रु भाव से मित्र भाव में प्रवेश करेंगे और फिर आपके जीवन पर अपनी कृपा बरसाए जिसकी वजह से आपके जीवन में हर कार्य शुभ होंगे.

3. पीली दाल ब्राह्मण को दान करें

जैसा कि हमने आप लोगों को बताया है बृहस्पति देव को पीला कलर बहुत पसंद है ऐसे में बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए अपने आसपास के मंदिर में बैठे ब्राह्मण को अरहर की दाल दान करना करें और उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए.

इस तरह से लगातार पांच सोमवार को ब्राह्मण को अरहर की दाल दान करने से बृहस्पति देव प्रसन्न होते हैं और फिर आपके जीवन में नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम करके आपके जीवन में शुभ कार्य करते हैं इसके अलावा आप पीला फूल पीले वस्त्र या फिर अगर आप की आर्थिक स्थिति बेहतर है तो सोने की कोई वस्त्र दान कर सकते हैं यह सब कुछ दान करने से बृहस्पति देव प्रसन्न होते हैं.

4. अपने मां-बाप की सेवा करें

कई बार सब कार्य अच्छे से चल रहे होते हैं और अचानक से कोई ऐसी समस्या आ जाती है जिसको सुलझाने के चक्कर में नई-नई समस्या उत्पन्न होती रहती हैं और फिर वह व्यक्ति उन समस्याओं से कभी उभर नहीं पाता है लेकिन क्या आप लोगों ने सोचा इसका क्या कारण हो सकता है ? इसका यही कारण है कि आपकी कुंडली में आपकी राशि का स्वामी कमजोर हो चुका है.

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इसीलिए मीन राशि के जातक जातिका को अपनी कुंडली में बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए बुजुर्ग लोगों की सेवा करनी चाहिए. खास करके अपने मां-बाप की और अपने गुरू की ऐसा करने से बृहस्पति देव के साथ में अन्य ग्रह भी प्रभावित होते हैं जो आपके जीवन में शुभ प्रभाव डालते हैं जिसकी वजह से आपको हर क्षेत्र में प्रगति हासिल होती है.

5. पूजा के समय इस मंत्र का उच्चारण करें

ॐ बृं बृहस्पतये नमः।।

बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार के दिन बृहस्पति देव की पूजा अर्चना करने के पश्चात अपने मन को केंद्रित करके इस मंत्र का जितनी बार हो सके उतनी बार उच्चारण करें तो बहुत जल्दी बृहस्पति देव आपसे प्रसन्न होंगे और आपके जीवन में शुभ फल प्रदान करेंगे.

FAQ : मीन राशि के भगवान

मीन राशि के जातक जातक की कुंडली में बृहस्पति देव कब कमजोर हो जाते हैं ?

जब बृहस्पति देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो मीन राशि के जातक की कुंडली में बृहस्पति देव नीच हो जाते हैं जिसका मीन राशि के जातक के जीवन पर अशुभ प्रभाव पड़ता है और वह कई प्रकार की समस्याओं के घेरे में आ जाते हैं.

बृहस्पति देव के समकक्ष कौन से देवता है ?

बृहस्पति देव की पूजा के साथ-साथ भगवान विष्णु की पूजा करना बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है क्योंकि बृहस्पति देव और भगवान विष्णु पिता और पुत्र के समान है.

बृहस्पति देव का बीज मंत्र क्या है ?

ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।

बृहस्पति देव को प्रसन्न करने का बीज मंत्र है इस मंत्र का उच्चारण करने से घर में पैसों की तंगी नहीं आती है

निष्कर्ष

हमारे प्रियदर्शको को जैसा कि आज हमने इस लेख के माध्यम से आप सभी लोगों को मीन राशि के भगवान कौन है और इनकी पूजा किस दिन और किस विधि विधान से करनी चाहिए यह सब कुछ विस्तार पूर्वक से बताया है अगर आप लोगों ने इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़ा होगा तो आप लोगों को मालूम हो गया होगा.

मीन राशि के भगवान कौन है और इनकी पूजा किस दिन किस विधि विधान से करनी चाहिए तो दोस्तों हम उम्मीद करते हैं आप लोगों को हमारे द्वारा बताई गई जानकारी पसंद आई होगी और यह लेख आप लोगों के लिए उपयोगी साबित हुआ होगा.

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