लक्ष्मी चालीसा Lakshmi chalisa : हेलो दोस्तों नमस्कार आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से लक्ष्मी चालीसा के बारे में बताएंगे और यह भी बताएंगे कि लक्ष्मी चालीसा की उत्पत्ति कैसे हुई थी और लक्ष्मी चालीसा करने की विधि क्या है और लक्ष्मी चालीसा के लाभ क्या है इन सारे विषयों के बारे में बताएंगे वैसे तो अधिकतर सभी लोग दीपावली के दिन गणेश और लक्ष्मी की पूजा करते हैं तो सभी लोगों को लक्ष्मी चालीसा के बारे में पता होगा अगर नहीं पता है.
तो हमारे इस लेख में हमने आपको लक्ष्मी चालीसा भी दी है अगर आप माता लक्ष्मी को बहुत मानते हैं और उनकी पूजा अर्चना करते हैं या फिर उनकी पूजा-अर्चना करना चाहते हैं तो हमने आपको इसमें उनकी चालीसा दी है और उस चालीसा को करने की विधि क्या है इसके बारे में बताया है और उसके लाभ क्या हो सकते हैं उसके बारे में भी बताया है अगर आप इन सारे विषयों की जानकारी विस्तार से प्राप्त करना चाहते हैं.
तो हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें क्योंकि आज हम सबसे पहले आपको लक्ष्मी चालीसा की उत्पत्ति कैसे हुई इसके बारे में बताएंगे उसके बाद लक्ष्मी चालीसा देंगे उसके बाद लक्ष्मी चालीसा करने की विधि क्या है उसके बारे में बताएंगे और उसके लाभ क्या है उसके बारे में बताएंगे तो आप हमारे इस लेख में अंत तक बने रहे ताकि आपको लक्ष्मी चालीसा के बारे में पता चल सके।
- 1. लक्ष्मी चालीसा की उत्पत्ति कैसे हुई ? | Laxmi chalisa ki utpatti kaise hui ?
- 2. लक्ष्मी चालीसा | Lakshmi chalisa
- 3. लक्ष्मी चालीसा पाठ विधि | Lakshmi chalisa path vidhi
- 4. लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने के लाभ | Lakshmi chalisa ke path karne ke labh
- 5. FAQ : लक्ष्मी चालीसा
- 5.1. लक्ष्मी स्त्रोत क्या है?
- 5.2. लक्ष्मी जी के कितने मंत्र हैं?
- 5.3. लक्ष्मी प्राप्ति के लिए कौन सा मंत्र है?
- 6. निष्कर्ष
लक्ष्मी चालीसा की उत्पत्ति कैसे हुई ? | Laxmi chalisa ki utpatti kaise hui ?
क्या आप जानते हैं कि लक्ष्मी चालीसा की रचना रामदास ने की थी यह राम दास द्वारा रचित लक्ष्मी चालीसा में कुल 40 छंद होते हैं माता लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है इस चालीसा में माता लक्ष्मी की चमत्कारी शक्तियों का जिक्र किया जाता है और माता लक्ष्मी अपने भक्तों के सारे दुखों को हर लेती हैं लक्ष्मी चालीसा में प्रत्येक छंद में स्तुति करने के लिए समर्पित है।
इसीलिए माता लक्ष्मी को धन भाग्य और समृद्धि की देवी माना जाता है ऐसा कहा जाता है कि माता लक्ष्मी अपने भक्तों के सारे दुखों को हर लेती हैं और अगर धन से संबंधित कोई भी परेशानी होती है तो माता लक्ष्मी की इस चालीसा को पढ़ने के बाद वह समस्या भी दूर हो जाती है.
माता लक्ष्मी पृथ्वी का पोषण करती हैं और इस पृथ्वी के सभी घरों में समृद्धि भर देती हैं इसीलिए माता लक्ष्मी के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए लक्ष्मी चालीसा का पाठ करते हैं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा गया है कि लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से जीवन में सुख समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
लक्ष्मी चालीसा | Lakshmi chalisa
॥ दोहा॥
मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास।
मनोकामना सिद्घ करि, परुवहु मेरी आस॥
॥ सोरठा॥
यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं।
सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका॥
॥ चौपाई ॥
सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही।
ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही ॥
तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥
जय जय जगत जननि जगदम्बा। सबकी तुम ही हो अवलम्बा॥1॥
तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥
जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥2॥
विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥
केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥3॥
कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी। जगजननी विनती सुन मोरी॥
ज्ञान बुद्घि जय सुख की दाता। संकट हरो हमारी माता॥4॥
क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥
चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥5॥
जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रुप बदल तहं सेवा कीन्हा॥
स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥6॥
तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥
अपनाया तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥7॥
तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी। कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥
मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन इच्छित वांछित फल पाई॥8॥
तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भांति मनलाई॥
और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करै मन लाई॥9॥
ताको कोई कष्ट नोई। मन इच्छित पावै फल सोई॥
त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि। त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी॥10॥
जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥
ताकौ कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥11॥
पुत्रहीन अरु संपति हीना। अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥
विप्र बोलाय कै पाठ करावै। शंका दिल में कभी न लावै॥12॥
पाठ करावै दिन चालीसा। ता पर कृपा करैं गौरीसा॥
सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै। कमी नहीं काहू की आवै॥13॥
बारह मास करै जो पूजा। तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥
प्रतिदिन पाठ करै मन माही। उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥14॥
बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई। लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥
करि विश्वास करै व्रत नेमा। होय सिद्घ उपजै उर प्रेमा॥15॥
जय जय जय लक्ष्मी भवानी। सब में व्यापित हो गुण खानी॥
तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं। तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥16॥
मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै। संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥
भूल चूक करि क्षमा हमारी। दर्शन दजै दशा निहारी॥17॥
बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी। तुमहि अछत दुःख सहते भारी॥
नहिं मोहिं ज्ञान बुद्घि है तन में। सब जानत हो अपने मन में॥18॥
रुप चतुर्भुज करके धारण। कष्ट मोर अब करहु निवारण॥
केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई। ज्ञान बुद्घि मोहि नहिं अधिकाई॥19॥
॥ दोहा॥
त्राहि त्राहि दुख हारिणी, हरो वेगि सब त्रास।
जयति जयति जय लक्ष्मी, करो शत्रु को नाश॥
रामदास धरि ध्यान नित, विनय करत कर जोर।
मातु लक्ष्मी दास पर, करहु दया की कोर॥
।। इति लक्ष्मी चालीसा समाप्त ।।
लक्ष्मी चालीसा पाठ विधि | Lakshmi chalisa path vidhi
- माता लक्ष्मी का जो भी भक्त उनकी प्रतिदिन पूजा पाठ करता है तो माता लक्ष्मी उसके जीवन में दरिद्रता दूर कर देती हैं श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से माता लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं और व्यक्ति को पैसे की कमी कभी भी नहीं होने देते हैं इसीलिए आज हम आप लोगों को लक्ष्मी चालीसा का पाठ सही से करने की पूरी विधि बताएं।
- हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा बताया गया है कि सुबह उठकर लक्ष्मी जी की आराधना करनी चाहिए।
- प्रतिदिन आप को निर्वस्त्र होकर स्नान आदि से संपन्न होने के बाद गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करें।
- उसके बाद अपने पूजा स्थल पर जाने के बाद कमल पर बैठी माता लक्ष्मी की तस्वीर या फिर मूर्ति को साफ करने के बाद उन्हें रेशमी कपड़े पहनाए उनके साथ भगवान गणेश की भी तस्वीर को या फिर मूर्ति को वस्त्र पहनाएं।
- उसके बाद कुमकुम , घी का दीपक , गुलाब की सुगंध वाली धूप , कमल का फूल , इत्र , चंदन , अमीर , गुलाल , अक्षत आदि माता लक्ष्मी की पूजा में रखना हैं।
- यह सारी सामग्री माता लक्ष्मी को अर्पित करने के बाद माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं उसके बाद उनकी आरती करें आरती करने के बाद सच्चे मन से श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने के लाभ | Lakshmi chalisa ke path karne ke labh
- हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा बताया गया है कि माता लक्ष्मी को सुख शांति और धन समृद्धि की देवी माना गया है।
- इसीलिए धन वैभव की देवी माता लक्ष्मी को आदि शक्ति का रूप बताया गया है। इसीलिए जो भी व्यक्ति श्रद्धा पूर्वक इनकी पूजा और आराधना करता है उसे धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- वैसे आज के समय में हर एक व्यक्ति को धन की आवश्यकता होती है बिना धन के उसका जीवन अधूरा माना जाता है ऐसा कहा जाता है कलयुग में जिन देवताओं की सर्वाधिक पूजा की जाती थी उनमें से माता लक्ष्मी एक मानी गई है।
- माता लक्ष्मी का पुराणों के अनुसार उनका स्वभाव बेहद चंचल बताया गया है क्योंकि माता लक्ष्मी एक ही स्थान पर अधिक समय तक नहीं रहती हैं इसकी वजह से अगर मनुष्य धन का आदर ना करे तो उसे निर्धन होते दूर नहीं लगता है।
- क्या आप जानते हैं कि माता लक्ष्मी की पूजा केवल धन की प्राप्ति के लिए ही नहीं बल्कि यश पाने के लिए भी किया जाता है।
- अगर माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना और इनकी उपासना सही प्रकार से की जाए तो आपके वैवाहिक जीवन को भी बेहतर बना देती हैं।
- अगर आपको धन की समस्या हो रही है तो आप विधि विधान पूर्वक माता लक्ष्मी की पूजा करें आपको निश्चित ही धन की प्राप्ति हो जाएगी।
FAQ : लक्ष्मी चालीसा
लक्ष्मी स्त्रोत क्या है?
लक्ष्मी जी के कितने मंत्र हैं?
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए कौन सा मंत्र है?
निष्कर्ष
जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से लक्ष्मी चालीसा के बारे में बताया लक्ष्मी चालीसा का पाठ कैसे किया जाता है इसके बारे में बताया और इस से क्या-क्या लाभ प्राप्त होते हैं इसके बारे में भी बताया अगर आपने हमारे इस लेख को अच्छे से पढ़ा है तो आपको लक्ष्मी चालीसा के बारे में और उसकी विधि के बारे में पता चल गया होगा और इस लक्ष्मी चालीसा के लाभ क्या है उनके बारे में भी पता चल गया होगा हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।