क्या भूत होते है : असली सच्चाई जाने – kya bhoot hote hai

kya bhoot hote hai ? दोस्तों हम सभी को बचपन से ही भूतों bhooto ki kahani  की कहानियां सुना कर डराया जाता रहा  है, लगभग शायद ही कोई ऐसा देश या धर्म हो जहां पर भूत प्रेत bhoot-preat के बारे में चर्चा न हो, हर जगह पर यह मान्यता है की इस दुनिया में कुछ बुरी सक्तियाँ है जिन्हें हम भूत प्रेत के नाम से जानते है | भूतो को इंग्लिश में Ghost कहा जाता है , भूत-प्रेत का नाम सुनते ही मन में भय व दहशत व्याप्त हो जाती है।

कुछ लोग मानते हैं की कुछ भूत बुरे होते हैं और कुछ अच्छे भी और कुछ विज्ञान वादी लोग तो ऐसे भी है जो इस विषय को पूर्ण रूप से नकारते हैं उनका मानना है की यह बस मन का वहम होता है | इस वेबसाइट पर जन्हा हमारा प्रयास आप को सही और ठोस ज्ञान देना है , इसलिये हम यंहा दोनों पछो पर चर्चा करेगे की भूत होते है की नही ?

भूत-प्रेत में विश्वास पीढ़ियों से कुछ देशो के लोगों के दिमाग में गहराई से जुड़ा हुआ है और यह आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक विकास के युग में अभी भी बना हुआ है। भारत में कई कथित तौर पर भूत से पीड़ित स्थान हैं, जैसे कि जीर्ण इमारतें, शाही मकान, किले, बंगले, घाट आदि। कई फ़िल्मों का निर्माण इसपर किया जा चुका हैं। मुहावरें के रूप में भी इनका प्रयोग होता हैं, जैसे: भूत सवार होना, भूत उतारना, भूत लगना, आदि।

इस पोस्ट में आज हम इन्हीं बातों के बारे में जानेंगे क्या सच में भूत प्रेत होते हैं या नही ? और अगर होते हैं तो कहां होते हैं और कैसे होते हैं अगर नहीं होते हैं तो क्यों नहीं होते हैं इसलिए पोस्ट को अंत तक पढिएगा इस से आप की सारी शंकाओं का निवारण हो सके |

इससे पहले हम आपको कुछ और बताएं यह जान लेना आवश्यक है कि भूत प्रेत होते हैं या फिर नहीं क्योंकि इसके बाद ही अन्य किसी बात का औचित्य बनता है .

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क्या भूत-प्रेत होते है ? | kya bhoot hote hai 

इस विषय में हमारा समाज दो हिस्सों में बटा है एक वह जो भूतो को मानता है और दूसरा जो यह कहते है की भूत प्रेत नही होते है , जैसा कि दोस्तों मैंने पहले ही कहा कि इसके दो पक्ष हैं एक तो धार्मिक और दूसरा वैज्ञानिक इसलिए पहले दोनों पक्षों को जानते हैं इसके पश्चात निर्णय करेंगे की भूत होते हैं या नहीं .

भूतों का धार्मिक एवं सांस्कृतिक पक्ष

भूत-प्रेत लोककथा और संस्कृति में अलौकिक प्राणी होते हैं जो किसी मृतक की आत्मा से बनते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस किसी की मृत्यु से पहले कोई इच्छा पूर्ण नहीं हो पाती और वो पुनर्जन्म के लिये स्वर्ग या नरक नहीं जा पाते वो भूत बन जाते हैं। इसका कारण हिंसक मृत्यु हो सकती है, या मृतक के जीवन में अनिश्चित मामलों होते हैं। 

एक धार्मिक मान्यता यह भी है कि वह लोग जिनका अंतिम संस्कार सही से ना किया गया हो वह लोग भी भूत बन जाते हैं और तब तक भटकते हैं जब तक की उनका अंतिम संस्कार न कर दिया जाए  इस पर बहुत सी फिल्में भी बनी है |

यह भी मान्यता है कि प्रेत आत्मा किसी भी जिंदा इंसान के अंदर प्रविष्ट करके उसे शारीरिक नुक्सान कर सकती है या फिर उस व्यक्ति से कुछ अनिष्ट करवा सकती है, प्रायः भूतों को पारदर्शी रूप से जाना जाता है यह किसी को भी नहीं दिखाई देते जब तक वह स्वयं न चाहे |

तांत्रिक के द्वारा भूतो पर नियंत्रण

कुछ तांत्रिक यह भी दावा करते हैं कि वह भूत-प्रेतों पर नियंत्रण हासिल करके उनसे अपने मन मुताबिक कार्य करवा सकते हैं| तंत्र शास्त्र जिसे आगम  शास्त्र भी कहते हैं में आत्माओं के नियंत्रण के बारे में बताया गया है तांत्रिक मंत्रों तंत्रों और यंत्रों के माध्यम से आत्माओं पर नियंत्रण करते हैं|

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भूतों का वैज्ञानिक पक्ष

जहां धार्मिक लोग भूतों पर पूर्ण श्रद्धा रखते हैं वही विज्ञान पर भरोसा करने वाले इस विषय को मात्र भ्रम ही कहते है और इसके अस्तित्व को  पूर्ण रूप से नकार देते हैं उनका यह मानना है कि व्यक्ति  कमजोरी या मानसिक विकृति की  हालत में स्वयं ही एक भ्रम उत्पन्न करता है और उसे ही भूत का नाम लेता है भूत बाहर नहीं बल्कि उनके खुद के मस्तिष्क में ही होता है |

हालाकी उनका यह मानना गलत भी नही है, क्योकि विज्ञान हर विषय को प्रायोगिक ढंग से देखता है, चूकी वैज्ञानिको ने कई बार भूतों का परीक्षण करने का प्रयास किया किन्तु  आज तक कोई भी परीक्षण सफल नहीं हुआ इसी वजह से वह इसके अस्तित्व पर शंका करता है .

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क्या नया विज्ञान पैरानोर्मल साइंस भूतो पर यकीन करने लगी है ?

इसमें आधी सच्चाई और आधा झूठ है , क्योकि विज्ञान ने अभी केवल एनर्जी के अस्तित्व में होने की बात स्वीकारी है जो की अलग अलग चीजो के साथ अलग अलग रूप से रियेक्ट करती है , किन्तु उस उर्जा को भूत या प्रेत कहना उचित नही है ,

विज्ञान का यह भी मानना है की वह बस एक तरह की उर्जा मात्र है जो सोच समझ नही सकती है , दुनिया में अभी बहुत सी चीजे है जिन्हें विज्ञान समझ नही सका है .  पैरानोर्मल विज्ञान अभी बहुत ही सैसव (शिशु) अवस्था में है और इस पर अभी बहुत से प्रयोग करना बाकि है .

प्रमुखता से ऐसी ऊर्जा बहुत समय से खाली पड़े स्थानों और वीरान जगह पर अधिकता से महसूस की गई है पैरा नॉर्मल साइंस ने इस ऊर्जा को जानने व समझने के लिए कई तरह के उपकरण भी बनाए हैं उसके माध्यम से वह ऊर्जा से बात करने तक का दावा भी करते हैं किंतु वैज्ञानिक रूप से यह स्पष्ट नहीं हो पाया है और इसकी प्रमाणिकता सत्य नही हुई है .

दोनों पक्षों को देखने के बाद निष्कर्ष

एक कहावत है हिंदू संस्कृति में,

“मनसा डाकण शंका भूत”

अर्थात  भूत मन की शंका  से उत्पन्न होता है|

दरअसल इस बात का कोई पुख्ता प्रमाण नही है कि भूत प्रेत होते है। और इस बात का भी प्रमाण नही है कि ये नही होते है। इस लिए यह विषय आज भी एक रहस्य बना हुआ है , और हमे तब तक इंतिजार करना होगा जब तक यह रहस्य सुलझ न जाये !

मनुष्य का दिमाग बड़ी जटिलता से काम करता है ये आपको कई ऐसे अनुभव करता है जिन्हें समझपाना आपके और हमारे लिए संभव नही है। पुराने लोगों की बात कहें तो वो भुत प्रेत में विश्वास करते है लेकिन आजकल का वैज्ञानिक जीवन किसी भी बात को बिना प्रमाण के नही स्वीकारता।

दोनों ही पक्ष अपने आप में मजबूत नजर आते हैं क्योंकि बस केवल इसलिए कि विज्ञान को कोई प्रमाण नहीं मिला है इस आधार पर हम यह नहीं कह सकते हैं कि भूत-प्रेत जैसी कोई चीज नहीं होती है क्योंकि पैरानॉर्मल विज्ञान ने इस एनर्जी को महसूस किया है |

जब इतना बड़ा ग्रुप किसी एक चीज पर मान्यता रखता है तो उस बात में कुछ तो सच्चाई होगी जब तक यह गुथी  पूर्ण रूप से सूसुलझ नहीं जाती है तब तक हम कुछ भी सटीकता से नहीं कह सकते हैं किंतु अल्बर्ट आइंस्टीन की थ्योरी

“एनर्जी कभी खत्म नहीं होती और न ही बनायी जा सकती है  बस यह केवल एक रूप से दूसरे रूप में परवर्तित होती है” 

उस आधार पर देखें तो हमारी आत्मा भी एक प्रकार की उर्जा ही है जो केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित होती है और शायद यही आत्मा इस दुनिया में भटकती  और घूमती रहती है और उसे हम लोग भूत-प्रेत का नाम देते हैं किंतु पैरानॉर्मल रिसर्च का मानना है कि भूत प्रेत बिल्कुल भी खतरनाक नहीं होते हैं , जबकि इसमें अपवाद हैं ऐसे कई मामले  सामने आए हैं जिसमें घोस्ट हन्टर्स को कई समस्याओं से गुजरना भी पड़ा है.

भूतो के बारे में मेरी राय क्या है ?

जितने तरह के लोग उतरे तरह के मत और उतनी ही तरह की बातें किंतु प्रमुख बात यह है कि आप किस बात पर यकीन करना चाहते हैं |

यह आपके अलावा कोई नहीं बता सकता अगर मेरा माने तो भूतों पर यकीन ना करना आपको आजादी से जीना सिखाता है क्योंकि जब आप किसी ऐसी चीज पर यकीन करते हैं जिसका अस्तित्व होना ही शंका है तो यद्यपि आपके सामने कोई भी ऐसी घटना घटित होती है जिसको लेकर आप शंका की स्थिति में है तो आप उसे ना चाहते हुए भी भूत प्रेत का दर्जा दे देंगे और यह आपके दिल और दिमाग को कमजोर बनाएगा जिससे आप अंधेरे विरान जगहों पर अकेले जाने से डरेंगे तो इस बात पर यकीन ना करने में ही फायदा है क्योंकि जिस चीज का प्रमाण ना हो उस पर यकीन करना व्यर्थ है|

सारे धर्म एवं पैरानॉर्मल इन्वेस्टिकेटर का भी यही मानना है कि यदि आप अपनी आत्मा और मस्तिष्क रूप से ताकतवर तो कोई भी नेगेटिव एनर्जी आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकती है|

आपका क्या मानना है हमें कमेंट बॉक्स में अपने विचार अवश्य बताइएगा .आपके साथ इससे पहले भूतों से संबंधित कोई घटना घटी है तो उसे भी हमें कमेंट बॉक्स में या फिर हमें मेल करके अवश्य बताएं जिससे हम उस घटना को अपनी वेबसाइट पर पोस्ट कर सकें .

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