Adhyatm kise kahte hai? जैसा की हम जानते है की अध्यात्म दो अक्षरों से मिलकर बना है अध्य + आत्म अर्थात इसका सीधा सा अर्थ है की स्वयं का अध्यन करना| अर्थात अपने अंदर का ज्ञान करना| जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है की स्वयं का अध्ययन करना आजकल इन्सान अपनी भौतिक जरूरते पूरा करने के लिए आपाधापी की जिन्दगी जी रहा है वह इसी जिन्दगी को अपनी बेटर लाइफ समझता है| अध्यात्म क्या है? Adhyatma ka hamare jivan me kya mahatva hai?
उसे पता ही नही कि जिन्दगी का वास्तविक सुख अपने अंदर की शांति है जिसे इन्सान अध्यात्म से ही पा सकता है| अध्यात्म एक दर्शन है जो हमे स्वयं की शक्तियों की पहचान कराता है बिना मानसिक चेतना और साधना के अध्यात्म को जानना मुश्किल ही नही नामुमकिन है |
दूसरे अर्थ में यह कह सकते है कि अध्यात्म से हमे वह ज्ञान मिलता है जो हमे मुक्ति के मार्ग तक ले जाता है| यह हमे भगवान के सामने आत्म समर्पण करना सिखाता है और यह हमे स्वयं के अहंकार को हटाता है तभी हम स्वयं को पहचान पाते है |
आध्यात्मिक ज्ञान बताया नही जा सकता सिखाया नही जा सकता बल्कि इसे स्वयं अनुभव किया जा सकता है जब इन्सान ध्यान लगाता है मन्त्र जाप करता है और ब्रम्हांड के सिद्धांतो का अनुसरण करता है तो गुरू की कृपा से हमे आशीर्वाद प्राप्त होता है और यह अनुभूति के माध्यम से ह्रदय में आविर्भूत हो जाता है |
अध्यात्म के लिए सबसे पहला कदम ध्यान है ये क्रिया लगभग 41 दिन की साधना होती है इसके लिए हमे सुबह या शाम के समय का चयन करना चाहिए उसके बाद एक साफ आसन पर बैठ जाये,
और अपनी ईष्ट शक्ति का ध्यान लगाये और उनसे मन ही मन प्रार्थना करे की हे प्रभु इस काम को पूरा करने के लिए हमे सकारात्मक ऊर्जा दे जिससे हम अपना काम सही से पूर्ण कर सके उसके बाद आंखे बंद करके ॐ नाम का उच्च्चारण करे यह एक ब्रम्हांड व्यापी शब्द है इसी की तरंगे हमे ईश्वर से कनेक्ट करती है|
अध्यात्म का दूसरा कदम योग है योग और आध्यात्म एक दूसरे के पूरक है अध्यात्म का दर्शन योग द्वारा ही सम्भव है योगी व्यक्ति योग साधना के द्वारा ही अपना आंतरिक विकास करता है| और सबसे खास बात यह है की वह इन्सान परमात्मा की खोज में कभी भटकता ही नही उसे अपने अंदर ही उस परमात्मा का बोथ हो जाता है जिसे एक साधारण इन्सान मंदिर और मस्जिद में खोजता है |
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अक्सर लोग सोचते है कि अपनी भौतिक इच्छाओ को त्यागकर एकल जिन्दगी जीना ही अध्यात्म है लेकिन यह पूरी तरह से गलत है यह वास्तव में अध्यात्म हमे सुखमय जीवन जीना सिखाता है यह मानव को असली शांति प्रदान करता है और जीवन में वास्तविक सुख का अनुभव कराता है |
आज का व्यक्ति भौतिक सुख सुविधाओ में लिप्त है वह इसे ही अपनी लाइफ समझता है उसे यह पता ही नही कि यह सुख सिर्फ क्षणिक सुख है और इसी सुख में हम अपना पूरा जीवन नष्ट कर देते है और अंत में वह परमात्मा की खोज मन्दिर मस्जिद और गुरूद्वारे में करता है|
असली शांति तो अंतरात्मा में ढूढने से ही मिलेगी यदि आप वास्तविक और सुखमय जीवन जीना चाहते है तो अध्यात्म को जानना भी होगा मानना होगा और इसे अपनाना भी होगा |
अध्यात्म से होने वाले लाभ कौन-कौन से है ? Benefits of Spirituality
कोई कितना भी अच्छी वस्तु या टॉपिक क्यों न हो उसके कुछ फायदे तथा कुछ नुकसान होते जरुर है तो आइये यहा पर अध्यात्म से होने वाले कुछ फायदे बताते है |
अध्यात्म से व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है और जब मन स्वस्थ रहेगा तो तन भी स्वस्थ रहेगा इससे आन्तरिक शक्तियों का विकास होता है |जिससे हमे अपनी बौधिक क्षमताओं का ज्ञान होता है |
मानसिक स्वाथ्य को बेहतर कैसे बनाये ? To improve mental health:
कई रिसर्च में पाया गया कि मैडिटेशन मानसिक संतुलन बनाने में सहायक है यह ह्रदय में दबाव बनाते है और एक सकारात्मक उर्जा का संचार करता है जिससे हमारा मानसिक स्वाथ्य सही रहता है |
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इससे व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत बनता है यह व्यक्ति को सही कार्यो म फोकस करने तथा सही निर्णय लेने में मदद करता है हर वो इन्सान जो अध्यात्म से जुडा है उसके जीवन में अध्यात्म का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है|
कुछ वर्ष पहले एक स्टडी में यह देखा गया की जो लोग धर्म या धार्मिक कार्यो से जुड़े है उन लोगो के मस्तिष्क में कोर्टेक्स वाला भाग अधिक मोटा हो जाता है जिससे व्यक्ति तनावमुक्त रहता है और बीमारियों से भी बचा रहता है
2. सुसाइड करने की इच्छा : Desire to commit suicide
मानसिक तनाव के कारण आजकल लोग यह कदम भी उठा लेते है जबकि ऐसे लोगो में ये भावनाए कम पाई जाती है क्योकि आजकल लोग व्यस्त ही नही बल्कि अस्त व्यस्त है और अध्यात्म ही एक विषय है जो इन्सान को मानसिक शांति देता है |
3. इम्युनिटी में इजाफा : Boost in immunity
आजकल इस व्यस्त जिन्दगी में व्यक्ति का आध्यात्मिक होना बहुत जरूरी है यह मानसिक स्तर से हमे मजबूत बनाता है और हमारे नर्वस सिस्टम को मजबूत और सकारात्मक बनता है जिससे इम्युनिटी सिस्टम मजबूत बनता है|
4. लम्बी उम्र : Long life
अध्यात्म से जुड़े लोगो में विश्वास भरोसा आदि भावनाए बद जाती है तथा बीमारियों का खतरा कम हो जाता है और जब व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ होता है तो उसके शरीर में भी कम बीमारियाँ होती है और लोग लम्बी जिन्दगी जीते है|
5. खुशहाल पारिवारिक जीवन : Happy family life
ऐसे लोगो में यह खास बात होती है वे अपने हर रिश्ते को बहुत अच्छे से सम्भाल लेते है और ऐसे कपल अपने रिश्ते को काफी हद तक सम्भाल लेते है और अपने परिवार के साथ आम आदमी की तुलना में ज्यादा खुश रहते है|
6. शारीरिक सुन्दरता बढती है : Increases physical beauty
जब इन्सान मानसिक रूप से स्वस्थ रहेगा तो सीधी सी बात की वो मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहेगा और इसका असर बिल्कुल हमारे चेहरे पर देखने को मिलता है| अर्थात हम कह सकते है की एक सुखमय जीवन जीने के लिए व्यक्ति का अध्यात्मिक होना बहुत जरूरी है
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आइये हम जानते है कि मानव जीवन के लिए अध्यात्म क्यों जरूरी है आज का मानव सामाजिक स्तर से इतना गिर गया है कि उसके मन में दया धर्म जैसी कोई भावनाए ही नही वह इतना तुक्ष विचारो से घिरा हुआ है |
उसके लिए सांसारिक सुख ही सच्चा सुख है अगर हम टीवी या न्यूज़ पर नजर दौडाए तो प्रतिदिन दिल दहलाने वाली खबरे आती है इससे ये सिद्ध होता है कि हमारा विज्ञानं सिर्फ भौतिक सुख सुविधाओ तक सीमित है |
हमारे वैज्ञानिको ने भी विकास की जगह विनाश करने में ज्यादा कारगर सिद्ध हुए है यहाँ हम विज्ञानं का उपहास नही कर रहे ना ही हम कोई अविश्वास फैला रहे बल्कि आपको यह बताना चाहते है कि अध्यात्म के बिना विज्ञानं विनाश ही कर सकता है विकास नही |
और अगर विकास हुआ है तो उसके पीछे कही ना कही अद्यात्म ही वजह है आज का इन्सान अपने आप से भटका है और उसे इसी जगह आध्यात्म की जरूरत होती है क्योकि अध्यात्म का मुख्य उद्देश्य खुद को जानना और पहचानना है मानसिक शांति यही से शुरू होती है |
आध्यात्म से होने वाले नुकसान क्या है ? Disadvantages of Spirituality
बहुत से लोग आध्यात्म से जुड़ना चाहते है पर सही ज्ञान ना मिलने की वजह से कभी- कभी लोग भटक जाते है जिससे ना तो लोग अध्यात्म के रास्ते पे जा पाते है ना ही वो लोग भौतिक जिन्दगी का मजा ले पाते है |
जिससे उनकी जिन्दगी बहुत ही एकल हो जाती और अंततः वे खुद से परेशान हो जाते है बाकी अध्यात्म से ना जुड़ने पर ही व्यक्ति को नुकसान हो सकते है| और हाँ अध्यात्म कई तरह का भी होता है अगर आप किसी तांत्रिक अध्यात्म से जुड़े है तो अप अपने गुरु से सम्पर्क कर सकते है अगर आपको हमारा लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों तक अवश्य पहुचाये|
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