वृश्चिक राशि व्रत नियम : वृश्चिक राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए? | Vrishchik rashi walo ko kaun sa vrat karna chahie

वृश्चिक राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए vrishchik rashi walo ko kaun sa vrat karna chahie : हेलो मित्रों नमस्कार आज मैं आप लोगों को इस लेख के माध्यम से वृश्चिक राशि वालों को कौन सा व्रत रखना चाहिए इस टॉपिक से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदान करूंगी. जिसमें मैं वृश्चिक राशि वालों को कौन सा व्रत रखना चाहिए इस जानकारी के साथ साथ साथ इस व्रत को करने का शुभ दिन और व्रत को करने की संपूर्ण विधि बताऊंगी.

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क्योंकि हिंदू धर्म में हर प्रकार के व्रत को अलग-अलग महत्व प्रदान है जिन्हें करने की अलग-अलग प्रकार की विधि और अलग-अलग दिन बताए गए हैं इसलिए किसी भी व्रत को करने से पहले उस वृत्त से संबंधित संपूर्ण विधि और उस व्रत को रखने का शुभ दिन आदि की जानकारी होना अति आवश्यक है क्योंकि शुभ समय पर कोई कार्य करने से पूर्ण रूप से सफलता प्राप्त होती है और उस कार्य को करने का शुभ फल मिलता है.

खासतौर से जब राशि के हिसाब से व्रत रखा जाए तो विशेष करके व्रत के नियम और वृत्त से संबंधित अन्य जानकारी को विधिवत रूप प्राप्त कर लेना चाहिए क्योंकि जब किसी व्यक्ति की कुंडली में उसकी राशि का स्वामी कमजोर हो जाता है तो उस जातक जातिका के जीवन में कई तरह के कष्ट आ जाते हैं जिनसे उबरने के लिए ज्योतिष शास्त्र ने अपनी राशि के ग्रह का व्रत रखने की सलाह देते हैं.

क्योंकि अपनी राशि के स्वामी का व्रत रखने से आपकी कुंडली आपके राशि के ग्रह की स्थिति मजबूत बनती है और फिर आपके जीवन से ग्रह का अशुभ प्रकोप हमेशा के लिए हट जाता हैं. इसलिए आज मैं हर एक वृत्त के महत्व को ध्यान में रखते हुए इस लेख में वृश्चिक राशि वालों को कौन सा व्रत रखना चाहिए ,किस दिन रखना चाहिए ,किस विधि के द्वारा करना चाहिए यह सारी जानकारी क्रम वाइज से बताऊंगी ऐसे में अगर आपकी राशि वृश्चिक है और आप लोग इस जानकारी को प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें.

वृश्चिक राशि किन लोगों की होती है ?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों का नाम का पहला अक्षर तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू से शुरू होता है, उन लोगों की वृश्चिक राशि होती हैं.

वृश्चिक राशि के प्रमुख देवता | vrischika rashi ke devta ka naam

वृश्चिक

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृश्चिक राशि के प्रमुख देवता मंगल ग्रह को माना गया है जो साहस, शक्ति, परिश्रम आदि का कारक माना जाता है. वृश्चिक राशि एक जल तत्व राशि है जिसका वास्तविक चिन्ह बिच्छू माना गया है.

वृश्चिक राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए ? | vrishchik rashi walo ko kaun sa vrat karna chahie

अब आइए जानते हैं वृश्चिक राशि वालों को कौन सा व्रत किस दिन, किस विधि, के द्वारा रखना चाहिए ? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृश्चिक राशि के प्रमुख देवता मंगल देव को माना गया है. इसीलिए इस राशि के जातक जातिका को मंगलवार के दिन बजरंगबली बाबा का व्रत रखना फलदायक माना गया है.

हनुमान जी का व्रत रखने की सम्पूर्ण विधि | Hanuman ji ka vrat niyam

अब हम यहां पर इस व्रत को करने की संपूर्ण विधि एक क्रम वाइज से बताएंगे मंगल ग्रह का संबंध भी हनुमानजी से है तो इस वजह से मंगलवार को हनुमानजी की पूजा की जाती है व्रत को करने की संपूर्ण विधि कुछ इस प्रकार से हैं जैसे :

उदर पीड़ा निवारक साबर हनुमान मंत्र क्या है ?

  1. मंगलवार को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर कर घर की अच्छी से साफ सफाई करें.
  2. घर की साफ सफाई करने के पश्चात लाल वस्त्र धारण करें.
  3. उसके पश्चात घर के ईशान कोण में यानी कि दक्षिण दिशा में आप बजरंग बली बाबा की चौकी की सजाए और फिर उस चौकी पर बजरंग बली बाबा की कोई फोटो या फिर प्रतिमा स्थापित करें.
  4. हनुमान जी राम भगवान के परम भक्त थे इसीलिए उनकी मूर्ति के साथ-साथ हनुमान और माता सीता की मूर्ति की भी स्थापना करें.
  5. बजरंगबली और राम भगवान की मूर्ति स्थापना के पश्चात आप स्थान पर पूजा कि सभी सामग्री इकट्ठा कर ले जैसे, धूपबत्ती, अगरबत्ती, लाल कलर के पुष्प, लाल सिंदूर, लाल चोला, और भोग लगाने के लिए लड्डू और चमेली का तेल गुड़ और चने आदि.
  6. सामग्री को इकट्ठा करने के पश्चात आप बजरंग बली की प्रतिमा के सामने लाल पुष्प चढ़ाएं और उनके मस्तिष्क पर लाल सिंदूर का तिलक लगाएं साथ में लाल चोला भी अर्पित करें.
  7. इतना सब कुछ करने के बाद आप बजरंगबली की प्रतिमा के सामने चमेली के तेल से दीपक जलाएं साथ में अगरबत्ती और धूपबत्ती भी सुला दे.
  8. उसके बाद अपने हाथों में पवित्र गंगाजल लेकर व्रत को पूर्ण रूप से सफल बनाने का संकल्प लें और बजरंगबली से प्रार्थना करें ईश्वर आप हमें इतनी क्षमता और सकारात्मक शक्तियां प्रदान करो कि मैं इस व्रत को बिना किसी रूकावट के पूर्ण कर सकूं.
  9. उसके पश्चात आप आरती की थाल सजाकर हनुमान जी की आरती करें.

हनुमानजी की आरती

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।

अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।।

दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।।

लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।।

लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।।

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।।

पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।।

बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।।

सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।।

कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।।

लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।।

जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।।

  • आरती करने के पश्चात आप आरती के धुएं को घर के चारों तरफ फैला दें ताकि घर में विद्यमान नकारात्मक शक्तियां बाहर निकल जाए और सकारात्मक शक्तियों का प्रवेश हो जाए साथ में घर के सभी सदस्यों को आरती लेने के लिए बोले और खुद भी आरती लेकर वापस हनुमान के मंदिर में आरती को रख दें.
  • आरती करने के पश्चात आप बजरंगबली के समक्ष लड्डू या फिर गुड़ और चने का भोग लगा सकते हैं.
  • भोग लगाते समय आप बजरंगबली से अपने शब्दों में भोजन को ग्रहण करने के लिए प्रार्थना कर सकते हैं.
  • बजरंगबली को भोग लगाने के पश्चात आप उनकी प्रतिमा के सामने आसन लगाकर बजरंगबली के हनुमान चालीसा का पाठ करें .
  • इस तरह से इस दिन आप सारा दिन व्रत रखें इस दिन आप भोजन ना करें और शाम को सूर्य अस्त होने से पहले बजरंगबली की प्रतिमा के समस्त दीपक जला दें शाम को जमीन पर यह लकड़ी के तखत पर सोए.
  • अगली सुबह उठकर आप स्नान आदि से निवृत होकर बजरंगबली की विधिवत रूप से पूजा करें और फिर इनके नाम से अपने आसपास प्रसाद बांटे और फिर अपना व्रत तोड़े.
  • इस तरह से 21 या 45 दिन वृश्चिक राशि वालों को अपने शुक्र ग्रह से संबंधित हनुमान जी के इस व्रत को रखना चाहिए क्योंकि इस व्रत का संबंध आपकी राशि के ग्रह मंगल से हैं इसीलिए इस व्रत को करने से मंगल ग्रह आपके जीवन में शुभ फल प्रदान करेंगे.

मंगलवार का व्रत करने के फायदे

ज्योतिष शास्त्र में वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगलवार का व्रत रखना बेहद शुभ बताया है क्योंकि इस व्रत को करने से कई सारे फायदे प्राप्त होते हैं जो कुछ इस प्रकार से दर्शाए जा सकते हैं जैसे :

Hanuman

  1. मंगलवार का व्रत रखने से शुक्र ग्रह मजबूत बनता है. जिससे वृश्चिक राशि के जातक जातिका के जीवन से समस्त कष्टों का निवारण हो जाता है.
  2. इसके विपरीत मंगलवार का दिन बजरंगबली का है इसीलिए जो भी जातक इस व्रत को पूरे विधि विधान के साथ रखता है उसे बल बुद्धि ज्ञान की प्राप्ति होती है.
  3. मंगलवार का व्रत रखने से शुक्र ग्रह और बजरंगबली के साथ-साथ राम और सीता मां की कृपा प्राप्त होती है.
  4. मंगलवार का व्रत रखने से घर में और व्यक्ति के शरीर में कभी भी नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश नहीं हो पाता है.
  5. मंगलवार का व्रत रखने से व्यापार में सफलता मिलती है.
  6. मंगलवार के दिन बजरंगबली के साथ राम और सीता मां का व्रत करने से निःसंतान को संतान की प्राप्ति होती है.

FAQ : वृश्चिक राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए

मंगलवार का व्रत कितने दिन व्रत रखना चाहिए ?

अगर आप अपनी कुंडली के ग्रह को मजबूत बनाना चाहते हैं इसके लिए आप मंगलवार के व्रत को 21 या 45 दिन तक रख सकते हैं इसके अलावा अगर आप सदैव के लिए हनुमान और राम सीता की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आजीवन भी इस व्रत को रख सकते हैं.

1 दिन में हनुमान चालीसा का कितनी बार पाठ करना शुभ माना गया है ?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 1 दिन में सात बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के समस्त कष्टों का निवारण हो जाता है और व्यक्ति को बुद्धि की प्राप्ति होती है.

मंगलवार का व्रत करने के लिए कौन कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए ?

मंगलवार का व्रत रखने के दौरान स्त्री से संभोग करने से दूर रहना चाहिए घर की अच्छे से साफ सफाई रखना चाहिए और सच्चे मन से ईश्वर का ध्यान करना चाहिए.

निष्कर्ष

तो मित्रों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से वृश्चिक राशि वालों को कौन सा व्रत रखना चाहिए इस टॉपिक से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदान करने की पूरी कोशिश की है जिसमें हमने बताया है वृश्चिक राशि वालों को कौन सा व्रत, किस दिन, किस विधि के द्वारा करना चाहिए ?

अगर आप लोगों ने इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़ा होगा तो आप लोगों को वृश्चिक राशि वालों को कौन सा व्रत रखना चाहिए इस विषय से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदान हो गई होगी ऐसे में अगर आपकी भी राशि वृश्चिक है और आप लोग व्रत रखने की सोच रहे हैं तो आप लोग इस लेख में बताए गए व्रत को विधि अनुसार करें तो आपकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.