पति-पत्नी का रिश्ता संसार में पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरों के साथ लिया जाने वाला जिंदगी का एक अहम् हिस्सा है |कहा जाता है कि जोड़ियाँ स्वर्ग से बनकर आती हैं | धरती पर केवल उनका मिलन होता है | पति – पत्नी एक दूसरे को बिना जाने अपना लेते हैं और सारी जिंदगी उनकों निभाते हैं | हर अच्छे – बुरे लम्हों को साथ मिलकर जीते हैं |
संसार में पति पत्नी का सम्बंध सबसे बड़ा सम्बंध माना जाता है| और है भी |सप्तपदी लेकर सात जन्मों तक एक दूसरे के साथ जुड़ जाते है| एक दूसरे के अर्धांग बन जाते है अर्थात अर्ध अंग |
क्या इसका महत्व आप समझ पा रहे है| अपना समस्त जीवन किसी के साथ बाँटना| |किंतु क्या संसार के सारे पति पत्नी दूसरे के साथ समस्त जीवन बाँट सकते है| क्या इसमें सभी सक्षम रह पाए है ? अपना जीवन किसी और के साथ बटाने के लिए सबसे महत्पूर्ण बात है कि स्वीकृति स्वीकार करना|
सामने वाले व्यक्ति को स्वीकार करना | उसकी अच्छाईयां भी और उसकी बुराईयां भी | सम्पूर्णरूप से व्यक्ति को स्वीकार करना होगा, तभी ये सम्बन्ध बढ़ेगा| तभी ये सम्बन्ध और भी सुन्दर बनेगा |
एक दूसरे के दोष ढूढना उन्हें गिनना यह केवल और केवल एक ही कार्य करता है कि इस सम्बन्ध के जीवन का नाश करता है बस बल्कि बदले में होना चाहिए कि एक दूसरे के दोष समझ कर उन्हें आभास करवाएं बिना उन्हें सुधार देना चाहिए|(आप यह पोस्ट OSir.in पर पढ़ रहे है) उनकी कमियों को उनकी शक्ति बना देना चाहिए| यही तो होता है दामपत्य| यही होता है बुराईयों का दमन और यही होता है जुर्म का उद्धार |
पति –पत्नी का सम्बन्ध अगर मधुर बनाना है तो एक दूसरे को भली –भांति समझना होगा |पति के द्वारा कहे गए वचनों को पत्नी को समझना चाहिए और पत्नी के द्वारा कहे गए बचनों को पति को समझाना चाहिए |
किसी बात को लेकर अचानक क्रोध करने से पहले विचार कर लेना ही एक अच्छे सम्बन्ध की पहचान है |किसी पर आरोप लगाने से पहले उसकी सत्यता की परख कर लेना चाहिए |
पति- पत्नी का सम्बन्ध सदैव एक दूसरे के विश्वास पर आधारित होता है | किसी अन्य के द्वारा कही गयी बातों में आकर मिथ्या आरोप लगाकर केवल संबंधो में दरार डाली जा सकती है | एक चोटी सी गलतफहमी हमेशा के लिए रिश्तों को तोड़ देती है | एक दूसरे पर विश्वास होना अति आवश्यक होता है |
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छोटी –छोटी गलतियों पर तुरंत भड़कना नहीं चाहिए | क्योकि हर वक्त छोटी –छोटी बातों पर डांटने –फटकारने से एक दूसरे के मन में आत्मग्लानि पैदा होना शुरू हो जाता है और मधुर से मधुर रिश्तों में दरार पैदा हो जाती है | इस लिए एक दूसरे की भावनाओं को समझाते हुए पति पत्नी के संबधों को बनाये रखना होगा|
पति-पत्नी के संबधों को अत्यधिक मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है की घर पर होने वाले विभिन्न प्रकार के फैसलों में भी पत्नी से सलाह लेना भी जरूरी होता है |दोनों को अपनी जिंदगी में एक दूसरे को बराबर समझाना चाहिए |
उसे उचित समय दें |आपसी प्यार बढ़ाने के लिए कुछ न कुछ खास करते रहना चाहिए | पति पत्नी का रिश्ता भगवान का बनाया हुआ एक अनमोल रिश्ता है | इस लिए भगवन शिव जी ने स्वयम और पारवती जी ने अर्धनारीश्वर का रूप धारण करके दुनिया को सिखाया है |
पति –पत्नी के बीच रिश्तों को मजबूत करने के उपाय : How to strong the relationship between husband and wife in hindi
आज हम आपको पति-पत्नी के संबंधों के विषय में बताएँगे जिससे आप अपने दाम्पत्य जीवन को सुखी कर सकते है | यदि आपके सम्बन्ध अच्छे नहीं है तो आपको जीवन जीना दुष्कर हो जाता है |
क्योकि पति और पत्नी का सम्बन्ध दुनिया का सबसे अलग प्रिय सम्बन्ध होता है | थोड़ी सी गलत फहमी पति-पत्नी के संबंधों में दरार डाल देती है | चलिए फिर हम इन बिन्दुओं को जानलेते हैं जो हमारे इस रिश्ते को मजबूत और सुखी बनायेंगे |
1) एक दूसरे को समझे :Understand each other
पति –पत्नी एक दूसरे को जाने समझे और साथ –साथ समय बिताएं | जिन बातों से एक दूसरे को खुसी मिलती हो उन्हें ध्यान रखे |कभी-कभी बहार घूमने साथ –साथ जाये |
2) एक दूसरे का सम्मान करें : Respect each other
एक दूसरे का सम्मान करें | स्वयं को सही साबित करनें के लिए दूसरे को अपमानित ना करें |आपके द्वारा दिया गया सम्मान समाज की नज़रों में प्रभाव डालता है |
विश्वास में कभी कमी ना आने दें | क्योकि विश्वास ही एक ऐसा माध्यम है जो किसी प्रकार की गलतफहमी को दूर कर सकता है |जहाँ पर किसी प्रकार का शक पैदा हो जाता है वहीँ पर विश्वास की नीव टूट जाती है |(आप यह पोस्ट OSir.in पर पढ़ रहे है)
4) गुस्से पर रखें नियंत्रण : Control your anger
गुस्से को हावी ना होने दें | कभी क्रोध या घमंड को ना आने दें |पति – पत्नी एक दुसरे की प्रशंशा अवश्य करें |
छोटी –छोटी गलतियों को अजर अंदाज करने का प्रयास करें या फिर उन्हें सुधारने का मौका दें | क्योकि प्रत्येक आदमी पूर्ण रूप से परफेक्ट नहीं होता है || गलतियाँ तो होती रहती हैं |
इसलिए उन्हें सुधारने का प्रयास करना चाहिए | किसी करण वश यदि गलती हो भी जाये तो उस पर माफ़ी मांग कर ही सुधारने का ही प्रयास करना चाहिए |
6) अपशब्द हो सकते संबंधों के लिए घातक:Do not use bad words
अपशब्दों का प्रयोग करने से बचे |सदाचार और शिष्टता भरे:शब्दों का प्रयोग करें |
किसी बात पर बहस करते समय अपने आपे में रहने का प्रयास करें |
7) मधुर संबंधों के लिए करें तारीफ़ :Praise for sweet relationship
एक दूसरे की तारीफ करना सीखे | तारीफ़ करने से आपसी विश्वास बढ़ता है | कभी –कभी अपने साथी को सरप्राइज दें |एक दूसरे के प्यार को ख़त्म ना होने दें | सरप्राइज बजट के हिसाब से हो न कि उससे ऊपर |
जो बातें जीवन में झगड़ों को ज्यादा आमंत्रित करें उन्हें जिंदगी में ना ही आने दें |दूसरों के द्वारा फूट डालने वाली बातों पर ध्यान न दें जिससे कोइ गलत फहमी उत्पन्न हो | किसी प्रकार की ऐसी सीमायें ना पर करें जो एक दुसरे के दिलों को ठेस पहुंचाएं |
9) बिस्तर पर स्वार्थी न बने : Don’t be selfish in Sex
कई मामलो में देखा गया है कि पति-पत्नी के संबंधों में दूरी की वजह शारीरिक प्यार की कमी होती है , कभी भी यदि आप अपने पार्टनर की खुसी को नजरअंदाज करके शारीरिक मिलन के दौरान खुद की खुसी पर ज्यादा ध्यान देते है तब भी आप के रिश्ते में दरार आ सकती है |(आप यह पोस्ट OSir.in पर पढ़ रहे है)
कई बार डर और शर्म की वजह से आप का पार्टनर इस विषय पर खुल कर बात नही कर पाता और उसका सीधा असर आप के रिश्ते पर पड़ता है | इसलिये विषय पर आप को अपने पार्टनर से खुल कर बात अवश्य करना चाहिये की वह संतुष्ट है की नही, यदि नही है तो किस प्रकार उसे संतुष्टि दी जा सकती है |
जब आप अपने पार्टनर को खुस करने के बारे में सोचेंगे तो कोई शक नही की वह आप को खुसी देने के लिए अपनी जान लगा देगा |
10) शक कर सकता है मजबूत रिश्ते को भी ख़त्म: No doubts
शक एक ऐसी बीमारी है जिसका दुनिया में कोई इलाज नहीं है | शक की स्थिति उत्पन्न होने पर हमें प्रिय से प्रिय व्यक्ति से भी नफ़रत हो जाती है |ऐसे कई उदहारण हैं और जिसमें संबंधो में विच्छेद की अधिकतम बार वजह शक ही होता है |
जबकी ज्यादातर मामलों में शक 100 में से 80 बार निराधार साबित होता है |इससे बचने के लिए सबसे आसान उपाय यह है कि हमें अपने पार्टनर पर जैसे ही शक हो उससे बिना डरे और बिना डराए उस विषय पर खुलकर बात कर लेनी चाहिए |
ज्यादातर मामलो में शक की स्थिति उत्पन्न होने पर बात करने की जगह हम उससे दूरी बना लेते हैं और अपने हँसते खेलते परिवार को स्वयं ही तोड़ देते हैं | पति- पत्नी का रिश्ता एक गाडी के दो पहियों के समान होता है | इसलिये कभी भी एक दूसरे पर किसी प्रकार का शक न करें |
यही वो छोटी-2 बातें हैं जो पति-पत्नी के रिश्तों को मजबूत बनती हैं |
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