प्रेरणा क्या है ? प्रेरणा किसे कहते हैं? जाने असली प्रेरणा का स्रोत? inspiration के बारे में पूर्ण जानकारी ! What is inspiration and its work in hindi

Prerna kise kahte hai ? संसार का कोई भी व्यक्ति यह नहीं कह सकता है कि वह अपने विचारों Thinks के साथ  नही जीता है। हर व्यक्ति को कहीं न कहीं से जाने अनजाने में प्रेरणा अवश्य मिलती है। मनुष्य एक सामाजिक Social प्राणी है जो लगातार दूसरे के संपर्क contact में रहता ही है। (Prerna knha se milti hai ? prerna ke pramukh srot prerna ke bare me jane sari jankri)

वह घर पर है तो परिवार family के साथ रहता है। यदि अकेला है तो भी वह फोन ,अख़बार या टी वी T V के साथ है । इन सभी से वह कुछ न कुछ प्रेरणा लेता ही रहता है|

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“प्रेरणा inspiration किसी को लक्ष्य प्राप्ति करने के लिये उत्तेजित Excited करने की प्रक्रिया है। ” 

प्रेरणा ही वह कारक है जो लोगों को उनके उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए तैयार करती है। Motivation is the factor that prepares people to fulfill their purpose.

प्रेरणा inspiration व्यक्ति के अंदर स्वयं जन्म लेती है । यदि कोई व्यक्ति प्रेरणा नहीं लेता है तो भी वह कहीं न कहीं उसे स्वीकार अवश्य करता है ।
प्रेरणा असफल व्यक्ति को भी सफलता की ओर ले जाती है । Motivation leads even the unsuccessful person to success

व्यक्ति के प्रकार : Type of Person

प्रेरणा के मामले में व्यक्ति दो प्रकार के होते हैं :

1- ऐसे व्यक्ति जो हमेशा प्रेरणा की तलाश में रहते हैं।
2- ये ऐसे व्यक्ति हैं जो प्रेरणा  की तलाश कभी नहीं करते परंतु प्रेरणा मिलने पर उसे स्वीकार अवश्य कर लेते हैं।

प्रेरणा कहाँ से मिलती है ? Where does inspiration come from?

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प्रेरणा व्यक्ति  को किताबों ,सत्पुरुषों के महान कर्मों, बुद्धिमान व्यक्तियों  के अनुभवों, किसी छोटी बड़ी घटना या किसी छोटे बड़े व्यक्ति से मिल जाती है ।जैसे गाँधी जी  को रस्किन की किताब “unto this last से ऐसी प्रेरणा मिली कि उनका जीवन ही बदल गया, उनके जीवन में रचनात्मक परिवर्तन हो गया।

उन्होंने अपनी पुस्तक “सर्वोदय” में उन विचारों को इस प्रकार लिखा :

1. सबकी भलाई में ही हमारी भलाई है। It is our goodness in the good of all.

2. समान कार्य के लिए समान वेतन हो अर्थात वकील और नाई के काम की कीमत एक सी होनी चाहिए। There should be equal pay for equal work, ie the cost of the work of lawyer and barber should be the same.! यह पोस्ट आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है !

3. सदा मेहनत मजदूरी का ,किसान  का जीवन ही सच्चा जीवन है। Always wage hard work, life of farmer is true life

सबेरा हुआ और वे इस पर अमल करना शुरू कर दिया।

स्वयं से भी प्रेरणा लेना चाहिए जैसे आप कभी कोई वाहन चलाते हैं तो आप से कुछ भी गलती से अनहोनी untoward हो जाती है तो उसके बाद  कभी भी वह गलती नहीं कर सकते हैं।

प्रेरणाएं जीवन  में बिखरी पड़ी हैं ,बस व्यक्ति को उन्हें ग्रहण करना आना चाहिए।

“Motivations are scattered in life, just the person should come to accept them.”

प्रेरणा काम कैसे करती है ? How does inspiration work?

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प्रेरणा व्यक्ति को  Excited करती हैं,जिससे व्यक्ति लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ता है । जीवन शैली बदल जाती है तथा विचार धाराओं का पता चलता है ।

व्यक्ति को अधिक मानवीय और बेहतर Human and better इंसान बनने में प्रेरणाएं कारगर है। सबसे बड़ी बात यह है कि प्रेरणाएं  व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ाती हैं।

प्रेरणा कितने  प्रकार की होती है ? What type of motivation is there?

प्रेरणा दो प्रकार की होती  है ।

  1. वाह्य प्रेरणा External motivation
  2. आंतरिक प्रेरणा Internal motivation

वाह्य प्रेरणा External motivation

वाह्य प्रेरणा में व्यक्ति अपनी आत्मा से बहुत कुछ सोचता है । उसे विशिष्ट तरीके से  व्यवहार The behavior करने लगता है।वाह्य प्रेरणा किसी को विशिष्ट करने के लिए प्रेरित करती है।

वाह्य प्रेरणा उन गतिविधियों को संदर्भित Referenced करती है जो उक्त कार्य को एक अलग करने योग्य साधन प्राप्त करने के लिए की जाती हैं।.

इसका अंत व्यक्तिगत संतुष्टि personal satisfaction या गतिविधि के आनंद में नहीं है, लेकिन एक बाहरी इनाम की उम्मीद है.।बाहरी प्रेरणा स्वायत्त या गैर-स्वायत्त  Autonomous or non-autonomousरूप से हो सकती है, यह चुनने की व्यक्ति की क्षमता पर निर्भर करता है,

क्योंकि बाह्य रूप से प्रेरित गतिविधियां हैं जो बाहरी नियंत्रण के परिणामस्वरूप हो सकती हैं।.

व्यक्ति द्वारा चुने गए बाहरी प्रेरणा के मामलों और बाहरी दबाव द्वारा दिए गए मामलों को अलग करने के लिए हैं। उदाहरण के लिए, उसी स्वायत्तता के साथ काम नहीं करता है

जो एक युवा छात्र अध्ययन करता है और अपने परिणामों के लिए पिता की प्रतिक्रिया reaction  के डर से अपना होमवर्क करता है, कि एक और युवा जो अपनी पढ़ाई में प्रयास करता है, जो अधिक से अधिक शैक्षणिक प्रतिष्ठा वाले विश्वविद्यालय में जाता है|

कार्रवाई समान है और दोनों पुरस्कार Award बाहरी हैं, लेकिन दूसरे मामले में छात्र द्वारा की गई पसंद को अधिक स्वायत्तता प्राप्त है।

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वाह्य प्रेरणा के कितने प्रकार है  ? How many types of external motivation?

वाह्य प्रेरणा 4 प्रकार की होती है जो कि निम्नवत  है :

1. वाह्य रूप से विनियमित व्यवहार :  External regulation behavior:

इस प्रेरणा में व्यक्ति के लिए बाहरी ईनाम, प्रोत्साहन और बाहरी दबाव  प्रभावित करते हैं|

2. अंतर्मुखी विनियमन: Introvert regulation:

इस प्रेरणा में व्यक्ति की गति  बिधि अपने आत्मसम्मान के लिये और किये गए कार्यों के लिए चिंता होती है ।

3. पहचान के  माध्यम से विनियमन: Regulation through identification:

इस प्रेरणा में  बाहरी पुरस्कारों या प्रोत्साहन का स्वयं विश्लेषण करते हैं। उसके महत्व को समझते हुए व्यवहार किया जाता है।

4. प्रोत्साहन से विनियमन :  Incentive Regulation:

इस प्रेरणा में व्यक्ति किसी के प्रोत्साहन को मान लेते हैं जैसे वह कोई अपना हो । इसके माध्यम से प्राप्त किये जाने वाले प्रोत्साहन आंतरिक नहीं होते है परंतु बाहरी प्रेरणा से भी अलग होते  हैं। लेकिन बाहरी बने रहते हैं।

आंतरिक प्रेरणा  Intrinsic Motivation

इस प्रेरणा में कोई काम अपनी खुसी से किया  जाता है ।  काम करने के लिए हम खुद प्रेरित होते हैं। इसे आंतरिक प्रेरणा कहते हैं। आन्तरिक प्रेरणा में  व्यक्ति अत्यधिक सोचता है और उसका प्रभाव  मानव ब्यवहार पर बहुत गहरा पड़ता है |

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मनुष्य में जन्मजात Congenital कुछ इच्छाए होती हैं  जो उसे एक निश्चित तरीके से कम करने के लिए ओरेरित करती हैं |इसमे किसी प्रोसाहन की आवश्यकता नहीं होती है और न किसी इनाम की भी जरुरत है बल्कि व्यक्ति को अपने लक्ष्य से मतलब होता है |

आन्तरिक प्रेरणा  व्यक्ति के विकास में सहयक होती है | हमेशा अज्ञात से ज्ञात की ओर From unknown to known ले जाना ही आन्तरिक प्रेरणा का कार्य होता  है | इस प्रकार की प्रेरणा में एक आनंद छिपा होता है |

आंतरिक प्रेरणा भी कभी-कभी दबी होती है इसलिये उसे प्रेरित करने के लिए बाह्य प्रोत्साहनों Promotions की आवश्यकता होती है | लेकिन ध्यान रहे कि कभी-कभी उनका विपरीत प्रभाव पड़ता है |

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आंतरिक और बाह्य प्रेरणा के उदाहरण : Examples of intrinsic and extrinsic motivation 

जब कोई काम हम अपने आप अपने करते हैं या हमें काम करना पसंद है। काम करने के लिए हम खुद ही प्रेरित होते हैं, ऐसे में जो प्रेरणा कार्य करती है तो इसे आंतरिक प्रेरणा कहते हैं।

जब कोई कार्य करने के लिए हमारा मन ना हो इसके लिए किसी दूसरे से प्रभावित influenced होकर काम करते हैं या अन्य साधनों से हम प्रेरित होते हैं तो इसे वाह्य प्रेरणा कह देते हैं|

जैसे:- यदि हमें घर की सफाई करना है तो पहला कारण यह बनता है कि सफाई करना मुझे पसंद है इसलिए हम घर की सफाई करते हैं । यह प्रेरणा आंतरिक प्रेरणा बन जाती है।

यदि आपको सफाई करना पसंद नहीं है और किसी कारणवश घर की सफाई करना पड़े ।जैसे कुछ देर बाद हमारे घर में कुछ मेहमान आने वाले हैं,तो हम घर की सफाई करते हैं यानि कि लोग आकर यह न कहें कि घर में बहुत ही गंदगी है। इस प्रकार की प्रेरणा वाह्य प्रेरणा बन जाती हैं।! यह पोस्ट आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है !

बाहरी प्रेरणा स्थाई होती है जो समय के साथ क्षीण हो जाती है परंतु आंतरिक प्रेरणा हर पल कुछ न कुछ करने को प्रेरित करती रहती है।
आंतरिक प्रेरणा हमें सर्वश्रेष्ठ noble बनाती है साथ ही निश्चित सफलता देती है और हमें शिखर पर पहुंचाकर निश्चित स्थान दिलाती है।

प्रेरणा का महत्व: Importance of motivation

जिंदगी जीने की एक कला है |जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव आते रहते हैं| कभी-कभी व्यक्ति अपनी जिंदगी से इतना हताश हो जाता है कि वह जीने की इच्छा छोड़ देता है। जिंदगी उसके लिए बोझ बन जाती है ।वह हमेशा निराश रहता है।

ऐसी स्थिति में व्यक्ति को प्रेरणा ही सफल होने में सहायक होती है। प्रेरणा मानव के जीवन में उसी प्रकार कार्य करती हैं जिस प्रकार से किसी रोगी को औषधि ठीक करती हैं। यदि जीवन में सफल होना है तो निश्चित रूप से किसी महान पुरुष से प्रेरणा लेकर उसके बताए हुए मार्ग पर चलना होगा ।

इसलिए  जीवन मे सफल होना है तो किसी आदर्श मानकर उससे प्रेरणा ले और कठिन परिश्रम करते हुए अपने लक्ष्य में सफल हो ,क्योंकि जिस कार्य में आप प्रेरणा लेकर प्रयास नहीं करेंगे तो उस काम में आपको सफलता नहीं मिलती है ।

प्रेरणा व्यक्ति की सफलता की संभावना को कई गुना बढ़ा देती है ।प्रेरणा व्यक्ति के जीवन में आग की तरह कार्य करती है जब कभी भी हम किसी समस्या में जूझते हैं तो उस विषम परिस्थिति में प्रेरणा ही कार्य करने के लिए प्रेरित करती है। प्रेरणा रूपी ऊर्जा से इंसान विषम परिस्थितियों में भी अपने को अनुकूल बना लेता है।

प्रेरणा  ही किसी संगठन को शक्तिशाली बनाती है। प्रेरणा हमारे लक्ष्य और अपेक्षित परिणामों को प्राप्त करने के लिए प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करती है। इसलिए जीवन में अति आवश्यक है हमें स्वयं से और दूसरों से प्रेरणा लेनी चाहिए।

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