मारण क्रिया क्या है ? नींबू से मारण क्रिया कैसे की जाती है ?

Maran kriya kya hai nimbu se maran prayog kaise kare ? “मारण क्रिया” इसका नाम आपने कभी ना कभी कहीं ना कहीं जरूर सुना होगा। जैसा कि इसके नाम से ही ज्ञात होता है कि इसका अर्थ है किसी को जान से मारने के उद्देश्य से की गई क्रिया। इस क्रिया को करने के लिए व्यक्ति के पास सिद्धी होना अति आवश्यक है। बिना सिद्धी के इस क्रिया को कोई भी व्यक्ति नहीं कर सकता। मारण क्रिया अघोर तंत्र की सबसे खतरनाक क्रिया है।

इस क्रिया का गलत प्रयोग स्वयं को मौत के मुह में देने के समान है, इसलिये इसे जानकारी तक ही रखना उचित है !

जंहा तक हो सके साधक को ऐसी क्रियाओ से दूर ही रहना चाहिये , ऐसी तंत्र-मंत्र की क्रियाएं स्वयं के लिए भी कभी कभी अत्यंत घातक साबित होती है , चुकी मारण क्रिया सबसे खतरनाक क्रियाओ में से एक है इस लिए इसे बिना किसी गुरु की जानकारी के नही करना चाहिये वरन फायदे की जगह नुकसान ही हाथ लगेगा | मारण क्रिया करने से पहले इसके नियमो को अवस्य जान लेना चाहिये :

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इस क्रिया का इस्तेमाल करके तांत्रिक या फिर कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसने सिद्धि प्राप्त की है वह किसी की भी जीवन लीला को कभी भी समाप्त कर सकता है, अर्थात ऐसा तांत्रिक अथवा व्यक्ति किसी की भी जान आसानी से ले सकता है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि तांत्रिक अथवा सिद्ध व्यक्ति को उस व्यक्ति के पास जाने की भी आवश्यकता नहीं है जिसे वह मारना चाहता है।

 

इसमें सारा काम दूर बैठे बैठे ही हो जाता है और जिस पर मारण क्रिया की जाती है वह व्यक्ति निश्चित दिन के अंदर मृत्यु को प्राप्त होता है।अगर पीड़ित व्यक्ति निश्चित दिन से पहले किसी पंडित, मौलवी को अपने आप को दिखा लेता है तब उसके बचने की संभावना होती है परंतु ऐसा बहुत कम ही होता है।

इस क्रिया का ज्यादातर उपयोग ऐसे व्यक्तियों द्वारा किया जाता है जो अपने किसी दुश्मन को खत्म करना चाहते हैं परंतु हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस प्रक्रिया का दुरुपयोग जहां तक हो सके वहां तक नहीं करना चाहिए।

प्रिय पाठको हमारे ख्याल से अब आप जान ही गए होंगे कि मारण क्रिया क्या है और मारण क्रिया का इस्तेमाल किस लिए किया जाता है। चलिए अब आपको हम इस बात की जानकारी देते हैं कि आखिर मारण क्रिया कैसे की जाती है। इसके पहले हम आपको यह बताएं कि मारण क्रिया कैसे की जाती है।

हम आपको एक बात स्पष्ट कर दें कि हमारा उद्देश्य किसी भी व्यक्ति का अहित करना नहीं है। इसलिए इस क्रिया का उपयोग अपने विवेक के अनुसार ही करें।मारण क्रिया करने के बहुत सारे तरीके हैं, जिसमें से कुछ तरीकों के बारे में हम आपको नीचे बताने वाले हैं, चलिए जानते हैं।

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नींबू मारण प्रयोग क्या है ? Death black magic by lemon 

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बार बांधो, बार निकले।
जा काट धारिणी सुझाए।
लय बहरना चों हाथ से।
तो काट दांत से।
दुहाई भामहवा की।

नींबू द्वारा मारण क्रिया करने के लिए एक साफ-सुथरे और एकांत स्थान पर पीली मिट्टी से चौका लगाकर उस पर सफेद चादर बिछा दे।फिर घी का दिया जलाए और पश्चिम की ओर मुंह करके आसन पर बैठ जाए।भोग लगाने के लिए अपने पास हलवा, पूरी, गांजा, मेवा, चिल्लम और इत्र तथा दो लॉन्ग रख ले।इसके बाद ऊपर दिए गए मंत्र की 21 माला आप 40 दिन तक लगातार जाप करें। एक माला में 108 जाप होता है।

लगातार 40 दिन इस मंत्र का जाप करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाएगा। उसके बाद जब भी आपको इस मंत्र का प्रयोग करना हो तब 108 बार इस मंत्र का जाप करके नींबू को अभिमंत्रित कर ले।इसके बाद आप जब नींबू में आधी सुई चुभाएंगे तो आपके शत्रु को पीड़ा होगी और अगर आपने सुई को नींबू के आर पार कर दिया तो आप का शत्रु तुरंत ही मर जाएगा।

तांत्रिक मारण क्रिया करने से पहले जाने इन नियमो को :

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  • अमुक की जगह “मम सर्व शत्रु” का प्रयोग करें। मारण मंत्र से उत्तपन्न हुई ऊर्जा/दैवीय शक्ति स्वयं ही आपके सभी शत्रुओं एवं विरोधियों को खोजकर समाप्त करती जाएगी।
  • किसी से मोटी रकम लेकर जैंसे व्यापारी राजनेता आदि से मोटा पैसा लेकर उनके शत्रुओं/प्रतिद्वंदीयों पर मारण प्रयोग न करें। ऐंसा करने से कुछ समय तक तो आप भौतिक सुख सुविधाओं से युक्त जीवन व्यतीत कर सकते हैं। पर अंत मे आपकी दुर्गति होगी। भारत मे कई बाबाओ की दुर्गति आप देख चुके हैं। जो मोटी रकम लेकर मारण प्रयोग करते थे। दुष्ट तांत्रिको का कृत्या भक्षण कर लेती है।

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